NSE IPO Big Update: 8 साल से अटके इश्यू को जल्द मिलेगी हरी झंडी! SEBI को सौंपा 1000 करोड़ का प्रस्ताव
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का बहुप्रतीक्षित IPO जल्द ही हकीकत बन सकता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, NSE और सेबी के बीच लंबे समय से चल रहे विवाद को सुलझाने के लिए कंपनी 1000 करोड़ रुपये देने की पेशकश कर रही है. सेबी से मंजूरी मिलते ही NSE शेयर बाजार में लिस्टिंग के लिए आगे बढ़ेगा.

NSE IPO SEBI Settlement: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के IPO का इंतजार लंबे समय से किया जा रहा है. कई बार लगता है कि इश्यू अब जारी हो ही जाएगा लेकिन फिर किसी न किसी कारण से उसपर ब्रेक लग जाता है. अब NSE के IPO को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है. हाल ही में NSE के एमडी और सीईओ आशिष चौहान ने बताया था कि एक्सचेंज ने सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) से IPO के लिए नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) मांगा है और इस पर बातचीत जारी है. एक रिपोर्ट में एनएसई के आईपीओ और सेबी को लेकर बड़ा खुलासा हुआ.
NSE, सेबी के साथ पुराने विवाद को खत्म करने के लिए लगभग 1000 करोड़ रुपये का समझौता ऑफर कर सकता है. यह कदम NSE के IPO को लेकर एक बड़ा मोड़ साबित हो सकता है. आइए समझते हैं क्या है पूरा मामला और एनएसई की आईपीओ पर ग्रहण क्यों लगा हुआ है.
क्या है मामला?
NSE का IPO पिछले 8 सालों से लटका हुआ है. एक्सचेंज ने पहली बार 2016 में अपने आईपीओ के ड्राफ्ट पेपर्स फाइल किए थे. उस समय, मौजूदा शेयरधारक 22 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर करीब 10,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाना चाहते थे. लेकिन सेबी की कुछ आपत्तियों के चलते मंजूरी नहीं मिल सकी. दरअसल सेबी की ने मुख्य रूप से कंपनी के बड़े अफसरों को मिलने वाली सैलरी, तकनीकी व्यवस्था, और NSE की एक दूसरी कंपनी पर कंट्रोल को लेकर आपत्ति जताई थी. इसके अलावा NSE और SEBI के बीच को-लोकेशन केस को लेकर विवाद भी लंबा चला. इस मामले में आरोप था कि कुछ ब्रोकर्स ने अपने सर्वर NSE के सर्वर के पास लगाकर तेजी से डेटा एक्सेस कर लिया. ऐसा करके उन्हें खूब फायदा मिला.
SEBI से हो सकती है सुलह!
Bloomberg की रिपोर्ट के अनुसार, NSE की ओर से दिए गए 1000 करोड़ रुपये के प्रस्ताव पर SEBI जल्द चर्चा कर सकती है. अगर यह प्रस्ताव स्वीकार होता है, तो इससे NSE को NOC मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा और वह शेयर बाजार में लिस्ट होने की प्रक्रिया शुरू कर सकेगा. पिछले साल अक्टूबर में NSE ने इसी विवाद के निपटारे के लिए पहले ही 640 करोड़ रुपये का भुगतान सेबी को कर दिया था.
अनलिस्टेड शेयरों में दिखा जबरदस्त उत्साह
NSE के आईपीओ को लेकर बाजार में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अनलिस्टेड मार्केट में NSE के शेयरों की कीमत 4 साल में 140 फीसदी बढ़कर 740 रुपये से 1775 रुपये पर पहुंच गई है. इससे इतर, हाल में कंपनी ने 4:1 बोनस इश्यू और 90 रुपये प्रति शेयर का डिविडेंड भी घोषित किया था. SEBI के चेयरमैन तुहिन कांता पांडे भी पिछले सप्ताह यह संकेत दे चुके हैं कि एक्सचेंज को IPO की मंजूरी जल्द मिल सकती है.
क्या है NSE के अनलिस्टेड शेयर?
इस अपडेट के साथ यह जानना भी अहम है कि अनलिस्टेड शेयर आखिर होता क्या है. अनलिस्टेड शेयर वो होते हैं जो अभी तक शेयर बाजार (जैसे NSE या BSE) पर लिस्टेड नहीं होते. ये प्राइवेट सौदों के जरिए या ‘ग्रे मार्केट’ (गैर-आधिकारिक बाजार) में खरीदे और बेचे जाते हैं. NSE के अनलिस्टेड शेयरों का कारोबार ऐसे ही ब्रोकर और प्लेटफॉर्म्स के जरिए होता है जैसे – Unlisted Zone, Unlisted Arena या फिर निजी निवेशकों के नेटवर्क.
डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.
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