NSE IPO की राह हुई आसान, SEBI के साथ 40.35 करोड़ में सेटल किया इंस्पेक्शन केस, जानें आगे क्या?
NSE IPO की राह अब और आसान हो गई है. देश के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज को ऑपरेट करने वाली कंपनी ने SEBI के साथ 40.35 करोड़ रुपये में इंस्पेक्शन केस का सेटलमेंट किया है. माना जा रहा है कि जल्द ही अब को-लोकेशन केस में भी समाधान निकल आएगा.
NSE IPO Preparation in Full Swing: देश के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज NSE के आईपीओ की तैयारी जोरशोर से जारी है. इस सिलसिले में कंपनी ने बड़ा कदम उठाते हुए बाजार नियामक सेबी (SEBI) के साथ इंस्पेक्शन केस को 40.35 करोड़ रुपये में सेटल कर लिया है. सेबी ने इस संबंध में 1 अगस्त को एक सेटलमेंट ऑर्डर जारी किया है. इससे कंपनी अपने बहुप्रतिक्षित IPO को लॉन्च करने के एक कदम और करीब आ गई है.
किस मामले में हुआ समझौता?
सेबी ने अपनी एक जांच में फरवरी 2021 से मार्च 2022 के बीच की NSE से जुड़ी कई खामियों को उजागर किया. इन खामियों में अनुचित आउटसोर्सिंग, संवेदनशील डाटा को बिना वैलिड कॉन्ट्रैक्ट के शेयर करना, मीडिया टेप्स में ट्रेड डाटा को थर्ड-पार्टी वेंडर के पास स्टोर करना, लिस्टेड कंपनियों की अप्रकाशित प्राइस-सेंसिटिव जानकारी (UPSI) का NSE डाटा एंड एनालिटिक्स लिमिटेड (NDAL) के जरिये थर्ड-पार्टी वेंडर तक पहुंचना, क्लाइंट कोड मॉडिफिकेशन की निगरानी और सत्यापन में कमी, एरर ट्रेड्स की समीक्षा और ‘फ्रीक्वेंट मॉडिफायर’ ब्रोकर्स की पहचान के लिए कोई नीति बनाना शामिल हैं.
कैसे हुआ समझौता?
सेबी ने अपनी जांच के बाद कहा था कि इन कमियों के चलते संवेदनशील डाटा की सुरक्षा में चूक हुई है और इससे बाजार की पारदर्शिता पर असर पड़ा है. इस मामले में बाद में सेबी की हाई-पावर्ड एडवाइजरी कमेटी (HPAC) ने 5 फरवरी, 2024 को NSE की तरफ से दिए गए सेटलमेंट शर्तों को मंजूरी दी. इसके तहत NSE को 40.35 करोड़ रुपये का भुगतान करने के लिए कहा गया. इसके साथ ही आंतरिक समीक्षा कर अधिकारियों की जवाबदेही तय करने के लिए कहा गया. NSE ने बााद में सेबी को बताया कि इंटरनल डिसिप्लिनरी कमेटी ने समीक्षा की, जिसमें पाया गया कि खामियों से जुड़े सभी फैसले बोर्ड स्तर पर लिए गए थे , लिहाजा कोई विशेष व्यक्ति की जिम्मेदार नहीं है. इसके बाद सेबी ने इस मामले को सेटल करने की मंजूरी दी.
अब आगे क्या?
फिलहाल, NSE IPO की राह में को-लोकेशन केस भी एक बड़ी बाधा है. हालांकि, NSE ने इस साल 20 जून को इस मामले में सेबी के पास 1,400 करोड़ रुपये में सेटलमेंट का प्रस्ताव रखा है. माना जा रहा है कि इस मामले में सेबी की सहमति मिलते ही NSE को आईपीओ के लिए नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) मिल जाएगा. इस तरह 40.35 करोड़ रुपये के सेटलमेंट से कंपनी IPO की प्रक्रिया में एक कदम और आगे बढ़ गई है.