IPO की उम्मीद ने 4 महीने में दोगुनी कर दी NSE की वैल्यूएशन, अनलिस्टेड शेयरों की भारी मांग

एनएसई का वैल्यूएशन चार महीनों में दोगुना होकर 36 अरब डॉलर हो गया है। इस साल मई में एनएसई की वैल्यूएशन 17-18 अरब डॉलर आंकी गई थी। आईपीओ की उम्मीदों के कारण अनलिस्टेड शेयरों की मांग बहुत अधिक है।

NSE का वैल्यूएशन चार महीने में ही हुआ डबल. Image Credit: Vijay Bate/HT via Getty Images

पिछले चार महीनों में प्राइवेट मार्केट में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (NSE) का वैल्यूएशन दोगुना होकर 36 अरब डॉलर हो गया. मामले की जानकारी रखने वाले लोगों के अनुसार, निवेशकों को उम्मीद है कि अगले साल की पहली तिमाही में इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) लॉन्च हो सकता है. इस वजह से मार्केट को सपोर्ट मिला है। रिपोर्ट के अनुसार, कॉन्ट्रै्ट के हिसाब से दुनिया के सबसे बड़े डेरिवेटिव एक्सचेंज में नॉन-लिस्टेड शेयरों की डिमांड वेल्थ मैनेजरों में बहुत अधिक है. शेयरों की मांग सप्लाई से अधिक है। हाल ही में शेयर 5,700 रुपये से 6,500 रुपये ($68 से $78) की रेंज में बिके हैं।

बढ़ सकता है वैल्यूएशन

सूत्रों के अनुसार, लिस्टिंग की योजना आगे बढ़ने के साथ ही आने वाले महीनों में फर्म का वैल्यूएशन और बढ़ सकता है. एनएसई अगले साल की शुरुआत तक आईपीओ के लिए दस्तावेज पूरा करने की दिशा में काम कर रहा है, लेकिन संभावित लिस्टिंग में अभी भी अधिक समय लग सकता है. हालांकि, एनएसई की तरफ से आईपीओ को लेकर किसी भी तरह का आधिकारिक बयान अभी तक नहीं आया है.

सेबी से मिल गई है राहत

शेयर मार्केट रेगुलेटर सिक्योकिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने एक दशक पुराने एक मामले में NSE को बरी कर दिया था. पब्लिक लिस्टिंग की राह में यह एक्सचेंज के लिए यह बड़ी बाधा थी. भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) और कनाडा पेंशन योजना निवेश बोर्ड जैसे बड़े निवेशकों के सहयोग से एक्सचेंज ने पहली बार 2016 में आईपीओ के लिए डॉक्यूमेंट दाखिल किए थे.

लिस्टिंग के प्लान को लगा था झटका

NSE की लिस्टिंग की योजना को तब झटका लगा, जब SEBI ने इसे छह महीने की अवधि के लिए सिक्योरिटी मार्केट से प्रतिबंधित कर दिया. ब्रोकरेज ओपीजी सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड के मार्केट में अनुचित तरीके से एक्सेस के मामले में रेगुलेटरी बॉडी ने एक्शन लिया था. इस साल मई में एनएसई की वैल्यूएशन 17-18 अरब डॉलर आंकी गई थी.