IPO से पहले कंपनी को मिली बड़ी डील, इस फर्म ने 250 करोड़ रुपये का किया निवेश; बदल गया इश्यू साइज
Rubicon Research ने IPO से पहले Amansa Investment से 250 करोड़ रुपये जुटाए, जिसके बाद कंपनी ने अपने नए शेयर का साइज 500 करोड़ से घटाकर 250 करोड़ कर दिया गया है. डील के तहत General Atlantic ने 51.6 लाख शेयर बेचे. प्री-IPO फंडिंग के बाद प्रमोटर की हिस्सेदारी 83.20 फीसदी से घटकर 79.87 फीसदी हुई है, हालांकि General Atlantic का नियंत्रण बरकरार रहा.
Rubicon Research IPO: फार्मास्यूटिकल फॉर्मूलेशन कंपनी रूबिकॉन रिसर्च अपना आईपीओ लाने वाली है और इस आईपीओ को लेकर कंपनी ने तैयारी भी शुरू कर दी है. हालांकि अब इस आईपीओ से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है. रूबिकॉन रिसर्च ने आईपीओ से पहले ही प्री-आईपीओ प्लेसमेंट के तहत अमानसा इन्वेस्टमेंट से 250 करोड़ रुपये की धनराशि जुटाई है. इस डील के बाद कंपनी ने अपने फ्रेश इश्यू का साइज 500 करोड़ रुपये से घटाकर 250 करोड़ रुपये कर दिया है. तो चलिए आपको बताते हैं कि यह डील कितने शेयरों की हुई है.
प्री-आईपीओ डील का विवरण
11 अगस्त 2025 को हुए शेयर खरीद समझौते और 12 अगस्त को बोर्ड की मंजूरी के बाद यह डील पूरी हुई. इसमें रूबिकॉन के प्रमुख प्रमोटर जनरल अटलांटिक सिंगापुर आरआर ने अमानसा को 51,60,278 इक्विटी शेयर 484.47 रुपये प्रति शेयर (1 रुपये फेस वैल्यू + 483.47 रुपये प्रीमियम) की कीमत पर बेचे हैं.
डील से पहले जनरल अटलांटिक के पास कंपनी के 8.89 करोड़ शेयर (57.57 फीसदी) थे. वहीं डील के बाद अब इसकी हिस्सेदारी घटकर 8.37 करोड़ शेयर (54.01 फीसदी) रह गई है. कुल प्रमोटर हिस्सेदारी 83.20 फीसदी से घटकर 79.87 फीसदी हुई, लेकिन जनरल अटलांटिक का बहुमत बरकरार है.
आईपीओ प्लान में बदलाव
रूबिकॉन ने जुलाई 2024 में 1,085 करोड़ रुपये के आईपीओ के लिए ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) दाखिल किया था. इसमें 500 करोड़ रुपये का फ्रेश इश्यू और 585 करोड़ रुपये का OFS था. अब प्री-आईपीओ फंडिंग के बाद फ्रेश इश्यू का साइज 250 करोड़ रुपये कर दिया गया है. आईपीओ की देखरेख एक्सिस कैपिटल, आईआईएफएल कैपिटल, जेएम फाइनेंशियल और एसबीआई कैपिटल मार्केट्स कर रहे हैं.
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रूबिकॉन का वित्तीय प्रदर्शन और रणनीति
FY22 से FY24 के बीच ऑपरेशनल रेवेन्यू 313.57 करोड़ से बढ़कर 853.89 करोड़ रुपये (62.5 फीसदी CAGR) हुआ, जो इंडस्ट्री ग्रोथ रेट से पांच गुना ज्यादा है. इसके अलावा कंपनी को FY24 में 14 ANDA मंजूरियां मिलीं, जिससे रूबिकॉन भारत की टॉप-10 कंपनियों में शामिल हो गया.
कंपनी का R&D पर भी फोकस है और FY24 में रिसर्च पर 13 फीसदी रेवेन्यू खर्च किया, जो पीयर औसत से 2.5 गुना ज्यादा है. साथ ही भारत और कनाडा में USFDA-इन्सपेक्टेड R&D सेंटर और भारत में दो मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स हैं. जून 2025 में अल्केम लैबोरेटरीज के पिथमपुर प्लांट को 149 करोड़ रुपये में खरीदकर क्षमता बढ़ाई.