LG IPO में एक और बड़ा सवाल! 31 करोड़ की कंपनी ने लगाया 749 करोड़ रुपये का दांव; 6 साल से ट्रेडिंग बंद
विनरो कमर्शियल ने LG इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया के IPO में 749 करोड़ रुपये के शेयर के लिए बोली लगाई है. दिलचस्प बात यह है कि विनरो कमर्शियल के शेयर पिछले साढ़े छह साल से ज्यादा समय से ट्रेड नहीं हुए हैं. BSE पर आखिरी बार 8 मार्च, 2019 को इसका शेयर 244 रुपये पर था. एक्सपर्ट के मुताबिक किसी QIB निवेशक की IPO में बोली लगाने की क्षमता उसकी नेटवर्थ पर निर्भर करती है.
Winro Commercial bid for LG IPO: विनरो कमर्शियल ने LG इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया के IPO में 749 करोड़ रुपये के शेयर के लिए बोली लगाई है. इस खबर ने शेयर बाजार में सबको चौंका दिया है. विनरो कमर्शियल एक BSE-लिस्टेड नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (NBFC) है. इसकी मार्केट वैल्यू करीब 31 करोड़ रुपये है. यह कंपनी पहले भी कई IPO में हिस्सा लेती रही है. शुक्रवार सुबह, Winro Commercial ने BSE को बताया कि उसने LG इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया के IPO में 65.6 लाख शेयर के लिए आवेदन किया है. प्रत्येक शेयर की कीमत 1140 रुपये रखी गई है. यह आवेदन क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर (QIB) कैटेगरी के तहत किया गया है. इसकी कुल कीमत लगभग 749 करोड़ रुपये है.
विवादित टैक्स दावे का मामला
LG Electronics India (LGEI) के IPO को लेकर प्रॉक्सी एडवाइजरी फर्म InGovern ने निवेशकों को सावधान किया था. रिपोर्ट के अनुसार कंपनी पर 4717 करोड़ रुपये के विवादित टैक्स दावे हैं. अगर ये केस कंपनी के खिलाफ जाते हैं तो भविष्य की कमाई पर बड़ा असर पड़ सकता है. यह राशि कंपनी की नेटवर्थ का 73 फीसदी है.
छह साल से ट्रेड नहीं हुए Winro Commercial शेयर
दिलचस्प बात यह है कि Winro Commercial के शेयर पिछले साढ़े छह साल से ज्यादा समय से ट्रेड नहीं हुए हैं. BSE पर आखिरी बार 8 मार्च, 2019 को इसका शेयर 244 रुपये पर था. एक्सपर्ट के मुताबिक किसी QIB निवेशक की IPO में बोली लगाने की क्षमता उसकी नेटवर्थ पर निर्भर करती है. हालांकि, विनरो कमर्शियल हर तिमाही अपने नतीजे BSE पर देती है, लेकिन इसके हाल के सालाना रिपोर्ट्स BSE की वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं हैं. आखिरी उपलब्ध सालाना रिपोर्ट साल 2015 की है. वित्त वर्ष 2025 के लिए, कंपनी ने 440 करोड़ रुपये की कुल इनकम पर 481 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट कमाया है.
निवेशकों के लिए खतरे की घंटी
इतनी छोटी कंपनी का इतनी बड़ी बोली लगाना चौकाने की बात है. यह निवेशकों के लिए खतरे की घंटी हो सकता है. मौजूदा IPO की दीवानगी में ऐसे बड़े दांव से निवेशकों को नुकसान हो सकता है. गुरुवार को, LG इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया का 11607 करोड़ रुपये का IPO बंद हुआ. इसकी डिमांड बुक (एंकर निवेशकों को छोड़कर) करीब 4.4 लाख करोड़ रुपये की थी, यानी यह 54 गुना ओवरसब्सक्राइब हुआ. यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा IPO बन गया है. BSE के डेटा के अनुसार, इस IPO का QIB हिस्सा 166.5 गुना सब्सक्राइब हुआ.
LG का वैल्यूएशन सबसे सस्ता
LG का देशभर में गहरा डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क है. 1140 रुपये प्रति शेयर के इश्यू प्राइस पर LG का P/E 35.1x है, जिसे एनालिस्ट्स ने अन्य कंपनियों की तुलना में “फेयर” यानी बताया है. LG के पास कई कैटेगरी में लीडरशिप है. वॉशिंग मशीन में 33.5%, फ्रिज में 29.9%, एसी में 20.6% और माइक्रोवेव में 51.4% मार्केट शेयर. वैल्यूएशन की बात करें तो LG Electronics India का P/E 35 है, जबकि Whirlpool, Havells, Voltas और Blue Star जैसी कंपनियों का P/E 48 से 65 के बीच है, यानी LG का वैल्यूएशन सस्ता माना जा सकता है. LG IPO का ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) 10 अक्टूबर 2025 को 395 रुपये था. अगर प्राइस बैंड 1140 रुपये है तो अनुमानित लिस्टिंग प्राइस करीब 1535 रुपये हो सकता है. इससे लगभग 34.65 फीसदी का मुनाफा मिल सकता है.
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