₹12000 की SIP बना सकती है करोड़पति, इतने वर्षों तक करना होगा निवेश; समझ लीजिए पूरा गणित
12,000 रुपये की मासिक SIP से लंबी अवधि में 1 करोड़ रुपये से अधिक का फंड बनाना संभव है. SIP और कंपाउंडिंग की ताकत छोटे निवेश को बड़ा कॉर्पस बनाने में अहम भूमिका निभाती है. इसके लिए कंटिन्यूटी, समय और सही योजना जरूरी है.
SIP investment: लंबी अवधि में एसेट क्रिएशन के लिए SIP और कंपाउंडिंग को सबसे भरोसेमंद तरीका माना जाता है. नियमित निवेश और समय का सही इस्तेमाल किसी भी आम निवेशक को बड़ा फंड बनाने में मदद कर सकता है. म्यूचुअल फंड SIP के जरिए हर महीने तय राशि निवेश कर कोई भी व्यक्ति रिटायरमेंट, बच्चों की पढ़ाई या घर खरीदने जैसे बड़े वित्तीय लक्ष्य हासिल कर सकता है. केवल 12,000 रुपये की मासिक SIP भी लंबे समय में 1 करोड़ रुपये से अधिक का फंड बना सकती है, बशर्ते निवेश अनुशासन और धैर्य के साथ किया जाए.
कंपाउंडिंग कैसे बढ़ाती है पैसा
कंपाउंडिंग का मतलब है कि निवेशक को केवल उसकी मूल रकम पर ही नहीं, बल्कि उस पर बने रिटर्न पर भी रिटर्न मिलता है. यही कारण है कि समय के साथ निवेश की गति तेजी से बढ़ती है. जितनी लंबी निवेश अवधि होगी, उतना ही बड़ा कंपाउंडिंग का असर दिखाई देगा. SIP में हर महीने डाली जाने वाली राशि मार्केट में निवेश होकर रिटर्न बनाती है और वही रिटर्न दोबारा निवेश हो जाता है. इससे एक स्नोबॉल इफेक्ट बनता है, जो वर्षों बाद बहुत बड़ा फंड तैयार करता है.
12,000 रुपये SIP का पूरा गणित
अगर कोई निवेशक हर महीने 12,000 रुपये की SIP करता है और यह निवेश 20 वर्षों तक जारी रखता है, तो इस दौरान उसका कुल निवेश 28.8 लाख रुपये होगा. यदि औसतन 12 फीसदी सालाना रिटर्न मिलता है, तो इस निवेश पर अनुमानित रूप से करीब 81.58 लाख रुपये का रिटर्न बन सकता है. इस तरह 20 वर्षों के अंत में कुल फंड लगभग 1.10 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है. यह उदाहरण बताता है कि बड़ी रकम लगाए बिना भी लंबे समय में करोड़पति बना जा सकता है.
क्यों जरूरी है कंटिन्यूटी और समय
SIP की सबसे बड़ी ताकत उसकी कंटिन्यूटी है. मार्केट में उतार-चढ़ाव चाहे जैसे भी हों, हर महीने निवेश जारी रखने से औसत लागत संतुलित रहती है और जोखिम भी कम होता है. जैसे-जैसे समय बढ़ता है, कंपाउंडिंग का असर और मजबूत होता जाता है. शुरुआती वर्षों में फंड धीरे-धीरे बढ़ता है, लेकिन बाद के वर्षों में ग्रोथ बहुत तेजी से दिखाई देती है. यही कारण है कि निवेश की शुरुआत जितनी जल्दी हो, उसका फायदा उतना ही ज्यादा मिलता है.
जोखिम और सावधानी भी जरूरी
हालांकि SIP को सुरक्षित निवेश विकल्प माना जाता है, लेकिन यह पूरी तरह मार्केट से जुड़ा होता है. 12 फीसदी का रिटर्न केवल एक अनुमान है और वास्तविक रिटर्न इससे कम या ज्यादा हो सकता है. मार्केट में गिरावट के दौर में फंड की वैल्यू घट भी सकती है.
इसलिए 1 करोड़ रुपये जैसे बड़े लक्ष्य के लिए निवेश करने से पहले अपनी आय, खर्च, जोखिम उठाने की क्षमता और समय सीमा का सही आकलन जरूरी है. किसी योग्य फाइनेंशियल एडवाइजर से परामर्श लेकर निवेश योजना बनाना ज्यादा सुरक्षित माना जाता है.