Bank of Baroda ने ग्राहकों को दिया तोहफा, लोन ब्याज दरों में की बड़ी कटौती, जानें क्या है नया रेट
Bank of Baroda ने अपने ग्राहकों के लिए बड़ा तोहफा दिया है. बैंक ने अपने Baroda Repo Linked Lending Rate (BRLLR) में 0.50 फीसदी की कटौती कर इसे 8.15 फीसदी कर दिया है. यह कदम RBI के हाल ही में रेपो रेट कम करने के बाद उठाया गया है. इस कटौती से ग्राहकों को लोन पर ब्याज की राशि कम चुकानी पड़ेगी.
बैंक ऑफ बड़ौदा ने अपने कर्ज पर ब्याज दर यानी Baroda Repo Linked Lending Rate (BRLLR) में आधा प्रतिशत यानी 50 बेसिस पॉइंट की कटौती कर दी है. अब यह दर 8.15 फीसदी हो गई है जो 7 जून 2025 से लागू होगी. इससे पहले यह दर 8.65 फीसदी थी. इस कटौती का कारण भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से हाल ही में रेपो रेट में 0.50 फीसदी की कमी है. RBI ने रेपो रेट को 6.00 फीसदी से घटाकर 5.50 फीसदी कर दिया है.
और क्या किया कम?
रेपो रेट वह ब्याज दर होती है जिस पर RBI बैंकों को पैसा उधार देती है. जब RBI रेपो रेट घटाता है, तो बैंक भी अपने कर्ज की ब्याज दरें कम करते हैं ताकि कर्ज लेना सस्ता हो सके. इसके अलावा, RBI ने कैश रिजर्व रेश्यो (CRR) को भी 1 फीसदी घटाकर 3 फीसदी कर दिया है. इसका मतलब बैंक अपने पास से कम पैसे रिजर्व में रखेंगे और ज्यादा कर्ज दे सकेंगे.
बैंक के वित्तीय नतीजे
मार्च तिमाही में बैंक ऑफ बड़ौदा का कुल नेट प्रॉफिट 5,048 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की तुलना में 3.2 फीसदी ज्यादा है. यह आंकड़ा विशेषज्ञों के अनुमान से भी बेहतर है. बैंक की दूसरी इनकम (जैसे फीस, कमीशन आदि) में 24 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और यह 5,210 करोड़ रुपये तक पहुंच गई. लेकिन बैंक की मुख्य इनकम, यानी नेट इंटरेस्ट इनकम, में 6.6 फीसदी की कमी आई और यह 11,019 करोड़ रुपये पर आ गई.
कर्ज की स्थिति बेहतर हुई
बैंक के खराब कर्ज (NPA) में सुधार दिखा है. मार्च तिमाही में ग्रॉस एनपीए घटकर 2.26 फीसदी और नेट एनपीए घटकर 0.58 फीसदी रह गया, जो पिछले तिमाही की तुलना में बेहतर स्थिति है. बैंक ऑफ बड़ौदा के शेयर शुक्रवार को 4.30 रुपये गिरकर 246.30 रुपये पर बंद हुए.
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ग्राहकों के लिए क्या मतलब है?
अब सबसे बड़ा सवाल है कि बैंक ऑफ बड़ौदा की इस कटौती का असर उसके ग्राहकों पर कैसे पड़ेगा. इस ब्याज दर में कमी का मतलब है कि अब बैंक से लोन लेना सस्ता हो जाएगा. चाहे होम लोन हो, कार लोन या व्यक्तिगत लोन, ब्याज कम मिलने से ग्राहक को EMI पर कम बोझ पड़ेगा. यह आर्थिक रूप से बहुत राहत देने वाला कदम माना जा रहा है, खासकर उन लोगों के लिए जो नए कर्ज लेने की योजना बना रहे हैं.
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