क्या आपका पैसा बैंक में है सुरक्षित? ICICI बैंक केस के बाद इन 8 तरीकों से अपने अकाउंट को करें मॉनिटर

राजस्थान के कोटा में ICICI बैंक की एक शाखा से सामने आया 4.58 करोड़ रुपये का फ्रॉड न सिर्फ बैंकिंग सिस्टम की लापरवाही को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि अगर ग्राहक अपने बैंक खातों पर निगरानी न रखें, तो उनका पैसा भी खतरे में पड़ सकता है. इस खबर में हमने कुछ उपाय बताए हैं जिनकी मदद से आप अपने फंड की निगरानी कर सकते हैं.

अपने बैंक खाते की कैसे करें निगरानी? Image Credit: @Money9live

How to Monitor you Bank Account: राजस्थान के कोटा में स्थित ICICI बैंक की एक शाखा में बड़ी बैंकिंग लापरवाही सामने आई है. जहां पर एक पूर्व महिला रिलेशनशिप मैनेजर ने 41 ग्राहकों के 110 से ज्यादा खातों से करीब 4.58 करोड़ रुपये की हेराफेरी कर दी. पुलिस के मुताबिक, आरोपी ने ग्राहकों के डेबिट कार्ड, पिन और ओटीपी का गलत इस्तेमाल करते हुए कई फर्जी ट्रांजैक्शन किए. यही नहीं, उसने 40 अकाउंट्स पर बिना अनुमति के ओवरड्राफ्ट सुविधा चालू कर दी, और 31 ग्राहकों के फिक्स्ड डिपॉजिट समय से पहले बंद करवा कर 1.34 करोड़ रुपये निकाल लिए. इतना ही नहीं, उसने 3.40 लाख रुपये का एक पर्सनल लोन भी ले लिया. यह सारी राशि उसने शेयर बाजार में लगा दी, जहां उसे भारी नुकसान हुआ.

कैसे करें बचाव?

अब यह मामला न सिर्फ बैंकिंग सुरक्षा पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि ग्राहकों को यह भी सोचने पर मजबूर करता है कि क्या वे अपने पैसों की निगरानी खुद ठीक से कर रहे हैं? इस रिपोर्ट में आपके यहीं बताने वाले हैं. इसमें हमने 8 ऐसे तरीके बताए हैं जिनकी मदद से आप घर बैठे अपने पैसों को मॉनिटर कर सकेंगे.

1. मजबूत पासवर्ड और टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल करें

जब आप अपने बैंक खाते में लॉगिन करते हैं, तो एक ऐसा पासवर्ड चुनें जो दूसरों के लिए अनुमान लगाना मुश्किल हो. पासवर्ड में बड़े और छोटे अक्षर, नंबर और स्पेशल कैरेक्टर (जैसे @, #, $) का इस्तेमाल करें. साथ ही, अगर बैंक two-factor authentication का विकल्प देता है तो उसे जरूर एक्टिव करें. इससे पासवर्ड डालने के बाद एक अतिरिक्त ओटीपी आपके मोबाइल पर आएगा, जिससे खाता और सिक्योर रहेगा.

2. अपने बैंक खाते की नियमित निगरानी करें

अपने खाते का स्टेटमेंट समय-समय पर जांचते रहें. ऑनलाइन या मोबाइल बैंकिंग के जरिए यह आसानी से किया जा सकता है. अगर कोई ट्रांजैक्शन ऐसा दिखे जो आपने नहीं किया है, तो तुरंत बैंक को सूचित करें. इससे किसी संभावित धोखाधड़ी को समय पर रोका जा सकता है.

3. फर्जी कॉल, ईमेल और मैसेज से सावधान रहें

आजकल ठग बैंक के नाम पर कॉल या ईमेल करके आपकी निजी जानकारी मांगते हैं जैसे पासवर्ड, ओटीपी, या खाता संख्या. ध्यान रखें, कोई भी असली बैंक कभी भी फोन, ईमेल या मैसेज से ऐसी जानकारी नहीं मांगता. अगर कोई आपसे ये जानकारी मांगता है, तो तुरंत मना कर दें और बैंक को इसकी जानकारी दें.

4. मोबाइल नंबर और ईमेल हमेशा अपडेट रखें

आपके खाते से जुड़ी हर गतिविधि की जानकारी आपको SMS या ईमेल के जरिए मिलती है. इसके लिए जरूरी है कि बैंक के रिकॉर्ड में आपका मोबाइल नंबर और ईमेल सही और एक्टिव हो. अगर आपने नंबर बदला है, तो बैंक को तुरंत सूचना दें. इससे कोई भी संदिग्ध गतिविधि आप तक तुरंत पहुंचेगी.

5. सिक्योर इंटरनेट का इस्तेमाल करें

जब आप नेट बैंकिंग करते हैं, तो हमेशा भरोसेमंद और निजी इंटरनेट कनेक्शन का ही इस्तेमाल करें. पब्लिक वाई-फाई (जैसे होटल, कैफे, रेलवे स्टेशन) पर बैंकिंग न करें क्योंकि ये कनेक्शन सुरक्षित नहीं होते और आपकी जानकारी चोरी हो सकती है.

6. अपने मोबाइल और कंप्यूटर में सुरक्षा सॉफ्टवेयर लगाएं

अपने कंप्यूटर और मोबाइल में अच्छा एंटीवायरस और सिक्योरिटी प्रोग्राम इंस्टॉल करें. इससे आपका सिस्टम वायरस और हैकिंग से सुरक्षित रहेगा. इससे इतर, सॉफ्टवेयर को समय-समय पर अपडेट करते रहें और अनजान वेबसाइटों से कुछ डाउनलोड न करें.

7. अपने खाते में अलर्ट सर्विस चालू रखें

बैंक आपको SMS, ईमेल या ऐप नोटिफिकेशन के जरिए हर ट्रांजैक्शन की जानकारी देता है. ये अलर्ट सर्विस चालू रखें ताकि आपको हर छोटी-बड़ी गतिविधि की तुरंत जानकारी मिल सके. अगर कोई अनजान ट्रांजैक्शन दिखे, तो तुरंत बैंक से संपर्क करें.

8. समय-समय पर पासवर्ड बदलते रहें

हर कुछ महीनों में अपने बैंक खाते का पासवर्ड बदल लें. कभी भी एक ही पासवर्ड कई जगह न रखें (जैसे सोशल मीडिया, ईमेल और बैंकिंग). हर प्लेटफॉर्म के लिए अलग और मजबूत पासवर्ड बनाएं ताकि एक जगह खतरा हो तो बाकी अकाउंट सुरक्षित रहें.

बैंक बंद हो जाए तब ग्राहक को कितना पैसा मिलेगा?

इससे इतर, अगर किसी बैंक का लाइसेंस रद्द हो जाता है या वह दिवालिया हो जाता है तब ग्राहकों को उनके जमा पैसों की सुरक्षा Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation (DICGC) के तहत मिलती है. DICGC हर ग्राहक को अधिकतम 5 लाख रुपये तक की राशि लौटाने की गारंटी देता है, जिसमें सेविंग्स अकाउंट, करंट अकाउंट, फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और रिकरिंग डिपॉजिट (RD) शामिल होते हैं. यह सीमा प्रति ग्राहक प्रति बैंक होती है, न कि प्रति खाता. यानी अगर किसी ग्राहक का कुल बैलेंस 6 लाख रुपया है तब भी उसे अधिकतम 5 लाख रुपये तक ही मिलेगा. यह बीमा सुविधा भारत के सभी लाइसेंस प्राप्त बैंकों (सरकारी, प्राइवेट, ग्रामीण, सहकारी आदि) पर लागू होती है.

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