बैंकों की चालाकी, होम लोन पर कस्टमर से ऐसे वसूलेगी ज्यादा EMI, लिस्ट में SBI और यूनियन बैंक शामिल
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) और यूनियन बैंक समेत कई बैंकों ने होम लोन की ब्याज दरें बढ़ा दी हैं, जिससे ग्राहकों की EMI बढ़ेगी. रेपो रेट में कटौती के बावजूद, बैंकों ने मार्जिन सुरक्षित रखने के लिए लोन पर स्प्रेड बढ़ाया है. लोन लेने वाले नए ग्राहकों को अब ज्यादा ब्याज चुकाना होगा. किस बैंक ने होम लोन की ब्याज दरें कितनी बढ़ाई है, ये जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर.
Home Loan Interest rate Increase: बैंकों ने अपनी मार्जिन को सुरक्षित रखने के लिए होम लोन दरों पर स्प्रेड बढ़ाना शुरू कर दिया है. देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने 1 अगस्त 2025 से होम लोन की ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है. एसबीआई और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने रेपो रेट में कमी के बाद अपने मॉर्गेज लोन पर स्प्रेड को बढ़ा दिया है. यानी बैंक अब होम लोन पर कस्टमर से ज्यादा EMI वसूलेगा, जिससे उसका मार्जिन बढ़ेगा. इसका सीधा असर बैंकों से लोन लेने वाले ग्राहकों पर पड़ेगा. इससे उनके EMI की रकम बढ़ जाएगी.
इस वर्ष रेपो रेट में पहले से ही 100 आधार अंकों की कटौती हो चुकी है. पहले होता ये था कि कम दरें मुख्य रूप से नए उधारकर्ताओं को लाभ पहुंचाती थीं जबकि मौजूदा ग्राहक अधिक ब्याज का भुगतान करते थे, अब स्थिति उलट गई है. अब नए बॉरोअर को हाई इंटरेस्ट रेट का सामना करना पड़ रहा है. बैंकों को आरबीआई के नियमों के तहत मौजूदा ग्राहकों को कटौती का लाभ देना अनिवार्य है.
क्या होगा असर?
एसबीआई द्वारा होम लोन की ब्याज दरों में बढ़ोतरी का सीधा असर उन ग्राहकों पर होगा जो ब्याज दर के अपर बैंड पर टर्म लोन ले रहे हैं. ग्राहक की क्रेडिट प्रोफाइल या क्रेडिट स्कोर पर निर्भर करते हुए यदि वे उच्च ब्याज दर ब्रैकेट में आते हैं, तो उन्हें 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी के कारण थोड़ा अधिक EMI भुगतान करना होगा.
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इन बैंकों ने बढ़ाया बैंक लोन पर इंटरेस्ट रेट
बैंकों में जमा राशि पर मिलने वाली दरों को कम करना कठिन है. खासकर सरकारी बैंकों के लिए जिनके पास छोटे बचतकर्ताओं का बड़ा आधार है, जो FD जैसे निवेश पर निर्भर हैं. मार्जिन पर दबाव बढ़ने के कारण कुछ बैंकों ने बैंक लोन रेट के स्प्रेड बढ़ा दिया है. TOI किी एक रिपोर्ट के अनुसार, एसबीआई की नई होम लोन दरें अब 7.5 फीसदी से 8.7 फीसदी तक हैं, जो पहले से 25 आधार अंकों अधिक हैं. इसका सबसे अधिक असर कमजोर उधारकर्ताओं पर सबसे ज्यादा बोझ पड़ रहा है. यूनियन बैंक ने अपनी दर 7.45 फीसदी तक बढ़ाई है. आगे भी कुछ बैंकों की दरों में बढ़ोतरी हो सकती है.
बैंकों के मार्जिन बढ़ेंगे
वित्त वर्ष 22 से 25 के बीच, एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा और पंजाब नेशनल बैंक ने ICICI, HDFC बैंक या एक्सिस ने तेजी से अपने मॉर्गेज पोर्टफोलियो बढ़ाए हैं. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने अपनी स्केल और ब्रांच नेटवर्क का फायदा उठाया और कम स्प्रेड पर ग्राहकों को लोन मुहैया कराया है. एसबीआई, जो 8 लाख करोड़ रुपये के होम लोन के साथ भारत का सबसे बड़ा मॉर्गेज लेंडर है. इसलिए इसके स्प्रेड में छोटे बदलाव से भी मार्जिन पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है.