पर्सनल लोन न चुकाने पर आपका लोन बन जाएगा NPA, लोन नहीं चुकाया तो होंगे ये 3 बड़े नुकसान, भूल कर भी ना करें ये गलती!

पर्सनल लोन जरूरतमंद लोगों के लिए वरदान साबित हुआ है. ऐसे में लोन लेने वालों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है. इन सब के बीच एक सवाल यह उठता है कि अगर आपने पर्सनल लोन का पेमेंट सही समय पर नहीं किया तो क्या होगा? क्या वह NPA हो जाता है? आइए इसके बारे में विस्तार से जानते है.

पर्सनल लोन न चुकाने पर आपका लोन बनेगा NPA Image Credit: Canva

Personal Loan: आज के समय में बैंक अपने कस्टमर के लिये कई तरह की सुविधाएं देता है. इसमें मुख्य रूप से ग्राहकों के लिए पर्सनल लोन की सुविधा सहित और भी कई चीजें होती है. पर्सनल लोन जरूरतमंद लोगों के लिए वरदान साबित हुआ है. बीतें कुछ सालों में लोन लेने वालों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है. इन सब के बीच एक सवाल यह उठता है कि अगर आपने पर्सनल लोन का पेमेंट सही समय पर नहीं किया तो क्या होगा? क्या वह NPA हो जाता है और यह आप पर कैसे असर डालता है. आइए इसके बारे में विस्तार से जानते है.

अगर किसी बैंक के कर्ज की किस्त तीन महीने तक यानी 90 दिनों तक नहीं जमा की जाती है, तो उस लोन को NPA घोषित कर दिया जाता है.अन्य वित्तीय संस्थाओ के मामले में यह समय सीमा 120 दिन की होती है. बैंक उसे फंसा हुआ कर्ज मान लेते हैं. NPA का बढ़ना किसी बैंक के लिए अच्छा नहीं माना जाता. साथ ही NPA कर्ज भविष्य में लोन लेने वाले के लिए भी मुश्किलें खड़ी करता है.

क्या होता है NPA?

RBI के नियमों के अनुसार अगर तय समय सीमा के भीतर कोई कर्जदार 90 दिनों या उससे ज्यादा समय तक लोन का ब्याज सहित मूलधन नहीं चुकाता हैं तो उसे Non-Performing Asset (NPA) की कैटेगरी में डाल दिया जाता है. ऐसे लोन को NPA इसलिए कहा जाता है क्योंकि उस पर बैंक या उसे देने वाली NBFC को ब्याज नहीं मिलता. किसी भी लोन को NPA घोषित करने से पहले, इसे स्पेशल मेंशन अकाउंट (SMA) कैटेगरी में रखा जाता है. SMA एक ऐसा खाता है जिसे बैंकों द्वारा उन कर्ज अकाउंट के लिए designated किया जाता है जो NPA बनने के शुरुआती संकेत दिखाते हैं.

10 साल में बैंकों का जितना पैसा डूबा उसमें सरकारी बैंकों की रकम 85 फीसदी से भी ज्यादा

सालसरकारी बैंक का कर्ज (हजार करोड़)प्राइवेट बैंक का कर्ज (हजार करोड़)विदेशी बैंक का कर्ज (हजार करोड़)
201174.618.25.0
2012117.818.76.2
2013165217.9
2014228.224.511.5
2015278.434.110.7
201654056.115.8
2017684.793.213.6
2018895.612.913.8
201974018.312.2
2020678.320.910.2
सोर्स: RBI Statistical Tables

तीन प्रकार के होते हैं NPA

किसी पर्सनल लोन के NPA हो जाने का यह मतलब नहीं है कि बैंक की रकम डूब गयी है या बैंक ने उसे वसूलना छोड़ दिया है. असल में किसी लोन खाते को NPA घोषित करने के बाद बैंक को 3 NPA खातों को तीन कटैगरी में रखा गया हैं- सबस्टैंडर्ड असेट्स (Substandard Assets), डाउटफुल असेट्स (Doubtful Assets), लॉस असेट्स (Loss Assets) है.

कैसे डालता है असर

EMI चुकाने में किसी भी तरह की देरी से पर्सनल लोन को SMA या NPA में डाल दिया जाता है. इस देरी से क्रेडिट स्कोर प्रभावित होता है और बैंक लोन वसूली के लिए कानूनी कार्रवाई कर सकता है. पर्सनल लोन या किसी भी अन्य लोन के लिए समय पर भुगतान क्रेडिट स्कोर की संख्या में सबसे महत्वपूर्ण होता है, इसलिए लोन लेने वालों को दिए गए तारीख से पहले या उस तक EMI का भुगतान करना चाहिए. समय पर किश्त ना चुकाने पर कस्टमर पर कई नेगेटिव प्रभाव पड़ सकते हैं, जैसे कि क्रेडिट स्कोर खराब होना, जुर्माना लगना, और कानूनी कार्यवाही भी की जा सकती हैं. इसके अलावा, बैंक की कानूनी कार्रवाई से अदालत के आदेश के माध्यम से संपत्ति की कुर्की भी हो सकती है.

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