राहुल गांधी के आरोप को चुनाव आयोग ने नकारा, कहा 7 दिन में दें हलफनामा; वरना मांगे देश से माफी
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के 'वोट की चोरी' आरोप पर चुनाव आयोग ने कड़ा जवाब दिया है. मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि 7 दिन में हलफनामा जमा करें वरना देश से माफी मांगनी होगी. उन्होंने स्पष्ट किया कि करोड़ों मतदाताओं को अपराधी बताना गलत है और इस पर आयोग चुप नहीं रहेगा. साथ ही महाराष्ट्र की वोटर लिस्ट और अंतिम घंटे में मतदान पर उठाए गए सवालों का भी जवाब दिया.

Gyanesh Kumar Response to Rahul Gandhi Voting Fraud: पिछले कुछ दिनों से देश में ‘वोट की चोरी’ का मामला गर्म है. लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी चुनाव आयोग पर कई बार ‘वोट की चोरी’ का आरोप लगा चुके हैं. हाल ही उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया था जिसमें कई आरोप लगाए थे. हालांकि राहुल गांधी के इस आरोप पर मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके जवाब दिया. साथ ही उन्होंने आरोपों पर हलफनामा दायर करने की बात कही. तो चलिए आपको बताते हैं कि उन्होंने क्या कुछ कहा है.
चुनाव आयोग नहीं रहेगा शांत
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि सबसे बड़ी मतदाता सूची हमारे पास है. लगभग 90 करोड़ से 100 करोड़ के बीच लोग हैं. उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी मतदाता सूची, सबसे बड़ी चुनाव कर्मियों की फौज और सबसे ज्यादा मतदान करने वालों की संख्या हमारे पास है.
इन सब के बाद सारे मीडिया के समक्ष यह कहना कि अगर मतदाता सूची में आपका नाम एक बार है, आपने दो बार मतदान किया होगा और कानूनी अपराध किया होगा … मेरे सारे मतदाताओं को अपराधी बनाने पर चुनाव आयोग शांत रहे, यह संभव नहीं है.
हलफनामा देना होगा, देश से माफी मांगनी होगी
उन्होंने राहुल गांधी का नाम लिए बिना साफ शब्दों में कहा कि हलफनामा देना होगा, देश से माफी मांगनी होगी, तीसरा विकल्प नहीं है. उन्होंने स्पष्ट कहा कि अगर 7 दिन में हलफनामा नहीं मिला तो इसका अर्थ है कि ये सारे आरोप निराधार हैं और हमारे मतदाताओं को यह कहना कि वे फर्जी हैं, इसके ऊपर जो भी बोल रहा है उसको माफी मांगनी चाहिए.
सच तो सच होता है
साथ ही उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा कि महाराष्ट्र में वोटर लिस्ट बनने के समय जब ड्राफ्ट सूची थी तो दावे और आपत्तियां क्यों नहीं जमा कराई गईं? जब रिजल्ट निकल आया तब याद आया कि गलत था और आज तक एक भी मतदाता का नाम सबूत सहित चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर महाराष्ट्र को नहीं मिला. चुनाव हुए 8 महीने हो गए महाराष्ट्र में, फिर क्यों उच्चतम न्यायालय में चुनावी याचिका दायर नहीं की गई?
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आखिरी घंटे में इतना मतदान कैसे हुआ, इस पर सवाल उठाया गया. चुनाव आयोग ने इसका जवाब दिया और आप सबने लिखा भी था कि अगर 10 घंटे मतदान होता है तो हर घंटे 10 फीसदी का औसत होता है. आखिरी घंटे में 10 फीसदी से कम मतदान हुआ, यह बात कैसे कही जा रही है?
ऐसा नहीं होता क्योंकि किसी भी बात को अगर आप 10 बार बोलते रहें, 20 बार बोलते रहें तो वह सच नहीं हो जाता. सच तो सच होता है और सूरज पूरब में ही उगता है, किसी के कहने से पश्चिम में नहीं उगा करता.
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