ट्विटर के पूर्व CEO पराग अग्रवाल का नया AI स्टार्टअप लॉन्च, कहा- इंसानों और GPT-5 से आगे निकला

ट्विटर के पूर्व CEO पराग अग्रवाल ने नया AI स्टार्टअप ‘Deep Research API’ लॉन्च किया है. उनका दावा है कि यह इंसानों और OpenAI के GPT-5 से भी बेहतर प्रदर्शन करता है. कंपनी पहले ही लाखों रिसर्च टास्क को रोजाना संभाल रही है और स्टार्टअप्स व पब्लिक एंटरप्राइजेज के लिए नई उम्मीद बनी हुई है.

पराग अग्रवाल का बड़ा कदम Image Credit: @Tv9

Parag Agrawal New AI Startup: ट्विटर (अब X) के पूर्व सीईओ पराग अग्रवाल ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की दुनिया में बड़ा कदम उठाया है. उन्होंने एक नया स्टार्टअप Deep Research API लॉन्च किया है. खास बात यह है कि अग्रवाल का दावा है कि उनका यह प्लेटफॉर्म इंसानों के साथ-साथ दुनिया के सबसे एडवांस्ड AI मॉडल्स, जैसे कि OpenAI का GPT-5, को भी पीछे छोड़ चुका है.

इंसानों और GPT-5 से बेहतर प्रदर्शन

लिंक्डइन पर साझा किए गए एक पोस्ट में अग्रवाल ने लिखा कि Deep Research API ने इंडस्ट्री के दो सबसे मुश्किल बेंचमार्क्स पर इंसानों और सभी बड़े AI मॉडल्स को पछाड़ दिया है. यह उपलब्धि इसे मौजूदा समय के सबसे एडवांस्ड AI प्लेटफॉर्म्स में शामिल करती है. अग्रवाल ने पोस्ट करते हुए लिखा, “हमने Deep Research API लॉन्च किया है. यह पहला ऐसा AI है जिसने इंसानों और सभी बड़े AI मॉडल्स (GPT-5 सहित) को दो बेहद मुश्किल बेंचमार्क्स पर पीछे छोड़ दिया है.”

फोटो- @LinkedIn/paragagr

रिसर्च और ऑटोमेशन पर फोकस

नए स्टार्टअप के जरिए पराग अग्रवाल कंपनियों और स्टार्टअप्स को रिसर्च और ऑटोमेशन की सुविधा दे रहे हैं. उनका कहना है कि यह टूल हर दिन लाखों रिसर्च टास्क पूरे कर रहा है. इससे पारंपरिक तरीके से होने वाले काम अब तेज और ‘इंसानों से भी अधिक सटीकता’ के साथ पूरे हो पा रहे हैं. यह कंपनी कैलिफोर्निया के पैलो ऑल्टो में स्थित है और अग्रवाल की दूसरी कंपनी Parallel Web Systems Inc. से भी जुड़ी हुई है, जो ऑटोमेशन के क्षेत्र में काम करती है.

पराग अग्रवाल कौन हैं?

पराग अग्रवाल का नाम 2021 में तब सुर्खियों में आया था जब उन्हें ट्विटर का सीईओ बनाया गया. हालांकि, 2022 में एलन मस्क ने ट्विटर का अधिग्रहण किया और पराग अग्रवाल को सीईओ पद से हटा दिया. उनकी स्कूलिंग एटॉमिक एनर्जी सेंट्रल स्कूल जो कि भारत में है,से हुई है. उसके बाद उन्होंने IIT बॉम्बे से कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग में बीटेक किया. 2005 में उन्होंने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी (अमेरिका) से कंप्यूटर साइंस में पीएचडी किया. पराग ने अपने करियर की शुरुआत 2006 में माइक्रोसॉफ्ट से की थी. इसके बाद उन्होंने याहू और AT&T में भी काम किया. साल 2011 में वे ट्विटर से जुड़े और वहां करीब 10 साल तक काम किया.

क्यों है यह लॉन्च अहम?

AI की दुनिया में इस समय जबरदस्त कॉम्पटीशन है. OpenAI का ChatGPT और GPT-5, Google का Gemini और कई दूसरे टूल्स बाजार में मौजूद हैं. ऐसे में पराग अग्रवाल का दावा कि उनका Deep Research API इंसानों और GPT-5 दोनों से बेहतर है, इंडस्ट्री के लिए बड़ा संकेत है. यह प्लेटफॉर्म न केवल स्टार्टअप्स बल्कि बड़ी कंपनियों के लिए भी रिसर्च और डेटा प्रोसेसिंग का भरोसेमंद समाधान बन सकता है.

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