चेक बाउंस पर अब दो साल की सजा, डबल जुर्माना; जान लें नए नियम
1 अप्रैल 2025 से चेक बाउंस से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है. सरकार ने नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट में संशोधन करते हुए अब सख्त सजा और तुरंत शिकायत प्रक्रिया लागू की है. नए नियमों का उद्देश्य वित्तीय धोखाधड़ी को रोकना और वाजिब लाभार्थियों को सुरक्षा देना है

Cheque Bounce New Rules: एक अप्रैल से चेक बाउंस से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है. भारत सरकार ने नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट में बदलाव करते हुए अब चेक बाउंस पर सख्त सजा और तुरंत शिकायत प्रक्रिया लागू करने का प्रावधान किया है. बदलाव के बाद अब बैंकों को चेक बाउंस होने पर 24 घंटे के अंदर इसका कारण बताना होगा. नए नियमों में बदलाव का उद्देश्य फाइनेंशियल फ्रॉड को रोकना है.
अब होगी कड़ी सजा
टैक्स कॉन्सेप्ट के रिपोर्ट के मुताबिक, नए नियमों के मुताबिक अगर कोई जानबूझकर चेक बाउंस करता है तो उसे 2 साल की जेल की सजा हो सकती है. पहले यह 1 साल थी. इसके अलावा चेक अमाउंट के दोगुने तक का जुर्माना भी भरना पड़ सकता है. हालांकि, तकनीकी गड़बड़ियों या बैंक की गलती पर पुराने नियम ही लागू होंगे, इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है.
शिकायत करना होगा आसान
नए नियम में शिकायत करना भी आसान और सरल बना दिया गया है. अब चेक बाउंस होने के 30 दिनों के अंदर बैंक से रिटर्न मेमो लेना अनिवार्य है और चेक जारी होने की तारीख से तीन महीने के अंदर ऑनलाइन शिकायत दर्ज की जा सकती है. पहले यह समयसीमा 1 महीने थी.
बैंकों की तय की गई जिम्मेदारी
नियमों में बदलाव के बाद अब बैंकों की जिम्मेदारी भी तय की गई है. अब चेक बाउंस होने पर 24 घंटे के अंदर SMS और ईमेल से ग्राहक को बताना अनिवार्य कर दिया गया है, जिसमें बैंक को यह जानकारी देनी होगी कि चेक बाउंस हुआ और इसका कारण क्या है.
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ऐसे बचें चेक बाउंस से
- चेक पर सही तारीख और साफ-साफ लिखें
- चेक जारी करने से पहले खाते में पर्याप्त बैलेंस रखें
- फटे या खराब चेक का इस्तेमाल न करें
- राशि को शब्दों और अंकों में सही लिखें
- क्रॉस चेक (दो लाइन) का इस्तेमाल करें जिससे केवल खाते में ही राशि जमा हो
चेक बाउंस हो जाए तो क्या करें?
अगर चेक बाउंस हो जाए तो सबसे पहले तुरंत लाभार्थी से संपर्क करें और चेक बाउंस होने का कारण बताएं. इसके बाद, यदि संभव हो तो 15 दिनों के भीतर भुगतान कर दें ताकि किसी भी प्रकार के कानूनी विवाद से बचा जा सके. यदि आपको लगता है कि आपके खिलाफ शिकायत गलत तरीके से दर्ज की गई है, तो ऐसे मामलों में किसी योग्य कानूनी सलाहकार से सलाह लें.
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