EPFO के नए नियम: नौकरी जाने पर फंड निकालने से जुड़े Myths और facts, क्या है नई टाइमलाइन
EPFO ने अपने विड्रॉल नियम सरल कर दिए हैं, अब 13 की बजाय सिर्फ 3 श्रेणियां हैं. आवश्यक जरूरतें, आवासीय जरूरतें और विशेष परिस्थितियां में विड्रॉल किया जा सकेगा. नौकरी छूटने पर 75% फंड तुरंत निकाल सकते हैं, जबकि पूरी राशि के लिए 12 महीने का इंतजार करना होगा.
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने सोमवार को अपने विड्रॉल नियमों को सरल बनाने वाले नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. ये नए नियम कर्मचारियों के भविष्य निधि खातों से पर्शिअल विड्रॉल के नियमों को आसान बनाते हैं और क्लेम रिट rejection को कम करने के साथ ही सुविधा भी बढ़ाते हैं. EPFO ने पहले के 13 जटिल विड्रॉल श्रेणियों को घटाकर केवल तीन और समान श्रेणियों में बांट दिया है. इनकी श्रेणियां आवश्यक जरूरतें, आवासीय जरूरतें, और विशेष परिस्थितियां हैं. नए नियमों के तहत अब EPF खाते में कम से कम 25% राशि बचाकर रखनी होगी, यानी आप अपने EPF खाते का अधिकतम 75% राशि निकाल सकते हैं. साथ ही, नौकरी छूटने के बाद पूर्व में दो महीने में पूरी राशि निकालने की समय सीमा को बढ़ाकर 12 महीने कर दिया गया है. इस बदलाव के बाद कई तरह की मिथ और सवाल भी उठे हैं कि क्या नौकरी जाने के बाद EPF फंड निकालना मुश्किल हो जाएगा और पर्सियल विड्रॉल के नियम क्या होंगे. आइए जानते हैं.
EPFO के नए नियम के Myths और facts
Myth- सोशल मीडिया पर यह अफवाह फैली कि नौकरी छोड़ने के बाद कोई विड्रॉल नहीं होगा और केवल 75% राशि ही निकाली जा सकेगी.
fact: सरकारी सूत्रों के मुताबिक, नौकरी छोड़ते ही आप अपने EPF खाते का 75% तक राशि निकाल सकते हैं और यदि आप एक साल तक बेरोजगार रहते हैं तो पूरी राशि निकालने का अधिकार मिलेगा.
पूर्व में अक्सर बार-बार निकासी करने से सेवा में ब्रेक आते थे, जिससे पेंशन क्लेम रद्द होने की स्थिति बन जाती थी और फाइनल सेटेलमेंट में राशि बहुत कम बचती थी. नए नियम इस समस्या को खत्म कर बेहतर फाइनल सेटेलमेंट और वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे. वर्तमान में, कम से कम एक महीने बेरोजगार रहने वाले सदस्य अपने खाते से 75% राशि निकाल सकते हैं और दो महीने बेरोजगार रहने पर पूरा EPF बैलेंस निकाल सकते हैं.
ये भी जानें
myth: अब 25% कर्मचारी की राशि लॉक कर दी गई है और निकासी पर पाबंदी लगी है.
fact: पहले 13 अलग-अलग श्रेणियां और कंडीशंस थीं, जिनके कारण राशि लॉक हो जाती थी. अब नियम सरल कर दिए गए हैं जिससे विड्रॉल आसान हो गया है.
शादी या घर खरीदने जैसी जरूरतों के लिए विड्रॉल की सीमा पहले 5-7 साल बाद थी, अब केवल एक साल में विड्रॉल संभव है. शिक्षा और बीमारी के लिए भी नियम अधिक लचीले बनाए गए हैं. विशेष परिस्थितियों में साल में दो बार बिना किसी दस्तावेज के पूरी राशि निकाली जा सकती है.
विशेष परिस्थितियों में अब बिना किसी विशेष कारण के भी विड्रॉल संभव है, जबकि पहले प्राकृतिक आपदा, बेरोजगारी आदि के लिए प्रमाण पत्र देना जरूरी था. इससे प्रक्रियात्मक देरी और क्लेम रिजेक्शन में काफी कमी आएगी.
इन बदलावों से EPFO ने सदस्यों को बेहतर सुविधा देने और फंड तक आसान पहुंच सुनिश्चित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है.