Silver FoF Hold: लोग पैसे देने को तैयार, फिर म्यूचुअल फंड्स ने क्यों रोका इन्वेस्टमेंट, हैरान कर देगी वजह

ज्यादातर म्यूचुअल फंड्स ने सिल्वर FoF में नए निवेश लेने से मना कर दिया है. तामा AMC ने यह अस्थाई रोक उस समय लगाई है, जब देश में सिल्वर में निवेश की भावना शीर्ष पर है. जब निवेशक पैसा लेकर तैयार खड़े हैं, तो आखिर क्यों AMC निवेश नहीं ले रही हैं, यह सवाल का जवाब हैरान करने वाला है.

सिल्वर ईटीएफ Image Credit: Freepik

इस साल चांदी ने सोने से भी ज्यादा करीब 70% का बंपर रिटर्न दिया है. सिर्फ अक्टूबर में ही चांदी के दाम में करीब 28% की तेजी आ चुकी है. आमतौर पर म्यूचुअल फंड और AMC ज्यादा से ज्यादा निवेशकों को अपने साथ जोड़ना चाहती हैं. लेकिन, Silver ETF-FoF की भारी मांग के चलते Aditya Birla, Axis, HDFC, Groww, Tata सहित तमाम म्यूचुअल फंड और एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMC) ने अपने सिल्वर ETF-FoF में नए इन्वेस्टमेंट लेने से मना कर दिया है.

क्यों बंद किया गया निवेश?

ज्यादातर म्यूचुअल फंड ने सिल्वर ETF में निवेश को लेकर लिमिटेशन लागू करने के पीछे दलील देते हुए कहा है कि फिजिकल सिल्वर की कमी और प्रीमियम बढ़ने के कारण यह फैसला लिया गया है. देश में फिलहाल सिल्वर की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं. लेकिन फिजिकल सप्लाई कम होने के चलते कई म्यूचुअल फंड हाउस ने सिल्वर ETF Fund of Funds (FoFs) में नई निवेश प्रक्रियाओं को अस्थायी रूप से रोक दिया है.

किस AMC ने कब लगाई रोक

Aditya Birla Sun Life MF: 15 अक्टूबर से सिल्वर ETF FoF में सभी नए लम्प‑सम सब्सक्रिप्शन, switch-in और नए SIP/STP रजिस्ट्रेशन को रोक दी है. हालांकि, मौजूदा SIP जारी रहेंगे.

Axis MF: 14 अक्टूबर से नए और अतिरिक्त लम्प‑सम निवेश और स्विच इन को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है. हालांकि, SIP/STP निवेश प्रभावित नहीं होंगे.

Groww MF: 14 अक्टूबर से सभी नए अतिरिक्त लम्प‑सम निवेश और स्विच इन रोक दिए गए, मौजूदा और नए SIP/STP सामान्य रूप से जारी रहेंगे.

HDFC MF: 14 अक्टूबर से नए लम्प‑सम निवेश, स्विच इन और सिस्टेमेटिक रजिस्ट्रेशन 1 लाख रुपये प्रति PAN प्रति दिन तक सीमित कर दिए हैं.

इन प्रतिबंधों से पहले ICICI Prudential MF, Tata MF, Kotak MF, SBI MF और UTI MF भी अपने सिल्वर ETF FoFs में नए इनफ्लो को रोक चुके हैं.

क्यों रुके नए सब्सक्रिप्शन?

अमूमन मार्केट मेकर सिल्वर ETFs और फिजिकल सिल्वर के बीच संतुलन बनाए रखते हैं, जिससे ETF प्राइस वास्तविक सिल्वर प्राइस के करीब रहे. लेकिन भारत में फिजिकल सिल्वर की कमी के चलते यह संतुलन बिगड़ गया है, और ETFs प्रीमियम पर ट्रेड कर रहे हैं. घरेलू सिल्वर फिलहाल लगभग करीब 185/ग्राम (1.85 लाख/किलो) पर ट्रेड कर रही है, जो अंतरराष्ट्रीय दरों से 8–10% अधिक है.

क्या हैं तेजी के कारण?

सबसे बड़ी वजह गोल्ड और सिल्वर का बेहतर रिटर्न है. इसके अलावा त्योहारी सीजन में बढ़ी हुई मांग, सोलर पैनल, इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिक वाहनों में औद्योगिक उपयोग बढ़ना भी वजह है. इसके अलावा सीमित घरेलू सप्लाई, वैश्विक निवेशकों और सेंट्रल बैंक की बढ़ती रुचि सिल्वर के दाम में बढ़ोतरी की वजह हैं.