कौन सा बैंक दे रहा सस्ता गोल्ड लोन, कहां प्रोसेसिंग फीस जीरो; सोना गिरवी रखने से पहले जानें जरूरी बातें
Gold Loan: गोल्ड लोन एक ऐसा ऑप्शन है जो आपको सोने को गिरवी रखने के बदले मिलता है. लेकिन कैसे मिलता है ये लोन, कितना ब्याज लगता है, कहां से ले सकते हैं लोन और किस स्थिति में आपको गोल्ड लोन से दूर रहना चाहिए...यहां समझें सबकुछ..
Gold Loan Lowest Interest Rate: मुश्किल समय में सोना काम आता है, ये बात हर कोई जानता है. भारत में सोना खरीदने वाला व्यक्ति आपको हर वर्ग से मिल जाएगा. अमीर से अमीर और गरीब तक पूंजी जमा कर सोना खरीदता है. इस सोने पर लोन भी मिल जाता है, कई लोग सोने पर लोन लेते हैं और आजकल तो ज्यादा भी लेने लगे हैं. एक वजह तो सोने के दाम में आई तेजी है. RBI ने हाल में यही बताया और इसलिए गोल्ड लोन पर सख्त ड्राफ्ट भी लागू किया है ताकि इस पर अलग-अलग नियम ना हो, एक ही गाइडलाइन और पारदर्शिता बनी रहे. यहां आपको बताएंगे सस्ता गोल्ड लोन कहां मिल रहा है और गोल्ड से जुड़ी जरूरी जानकारी.
सवाल: कहां किस ब्याज पर मिल रहा गोल्ड लोन?
बैंक/एनबीएफसी | ब्याज दर | लोन टेन्योर | प्रोसेसिंग फीस |
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SBI | 8.55% – 10.25% | 3 से 36 महीने | लोन अमाउंट का 0.50%, न्यूनतम 500 रुपये |
HDFC बैंक | 9.30% – 17.86% | 3 से 24 महीने | लोन अमाउंट का अधिकतम 1% |
Axis बैंक | 17% से शुरू | 6 से 36 महीने | ₹300 से 0.5% (लोन पर निर्भर) |
केनरा बैंक | 9.25% | 12 से 24 महीने | लोन अमाउंट का 0.50%, न्यूनतम ₹500 |
बैंक ऑफ बड़ौदा | 9.15% से शुरू | 12 से 36 महीने | ₹3 लाख तक शून्य |
पंजाब नेशनल बैंक | अधिकतम 9.25% | बैंक के अनुसार | लोन अमाउंट का 0.30% + GST |
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया | 8.40% – 9.50% | अधिकतम 12 महीने | 0.50%, न्यूनतम ₹250 |
कोटक महिंद्रा बैंक | 8% – 24% | अधिकतम 4 वर्ष | अधिकतम 2% + GST |
फेडरल बैंक | 8.99% से शुरू | बैंक के अनुसार | अधिकतम 3% + GST |
इंडियन बैंक | 8.65% – 10.40% | अधिकतम 12 महीने | शून्य |
आईडीबीआई बैंक | बैंक के विवेक पर | 3 से 36 महीने | 1% |
इंडसइंड बैंक | 9.60% – 16.00% | अधिकतम 12 महीने | 1% + GST |
बजाज फिनसर्व | 12.99% से शुरू | 1 से 36 महीने | कंपनी के अनुसार |
मुथूट फाइनेंस | 12% – 27% | 7 दिन से 36 महीने | योजना के अनुसार |
मणप्पुरम फाइनेंस | 14% – 29% | 3 महीने | कंपनी के अनुसार |
सवाल: गोल्ड लोन की रकम कैसे तय होती है?
गोल्ड लोन की रकम आपके सोने की कीमत के हिसाब से तय होती है, जिसे लोन टू वैल्यू (LTV) रेशियो कहते हैं. यानी सोने की कुल वैल्यू का कितने प्रतिशत तक लोन दिया जा सकता है. RBI के नियमों के मुताबिक, ये LTV रेशियो अधिकतम 75% तक हो सकता है. यानी अगर आपका सोना 1,00,000 का है, तो आपको अधिकतम 75,000 तक का लोन मिल सकता है.
सोने की कीमत का उसकी प्योरिटी और वजन से तय होती है. आमतौर पर बैंक या NBFC पिछले 30 दिनों में इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) द्वारा जारी औसत रेट के आधार पर सोने की कीमत तय करते हैं.
सवाल: गोल्ड लोन पर ब्याज दर और पेमेंट की क्या शर्तें होती हैं?
HDB फाइनेंशियल सर्विसेस में इमर्जिंग मार्केट और गोल्ड लोन के प्रमुख एस सत्य रामानंद ने मनी9लाइव से बातचीत में बताया कि, गोल्ड लोन लेने से पहले ब्याज दर, लोन की अवधि, पेमेंट की शर्तें, प्रोसेसिंग फीस और संभावित रिस्क को अच्छी तरह समझना जरूरी है. किसी भी लुभावने ऑफर में कूदने से पहले उसकी हर लाइन को ध्यान से पढ़ना चाहिए. कई बार कुछ स्कीमें बड़ी आकर्षक लगती हैं, लेकिन उनमें हिडन चार्ज छिपे होते हैं. कभी-कभी सिर्फ एक दिन की लेट पेमेंट पर ही ब्याज बढ़ा दिया जाता है और भारी जुर्माना लग जाता है. इसलिए हमेशा किसी भरोसेमंद लेंडर से ही लोन लें. केवल कम ब्याज दर के झांसे में न आएं. जो दिखता है, वो हमेशा सस्ता नहीं होता.
सवाल: गोल्ड लोन के लिए किस तरह का सोना देना होता है?
HDB फाइनेंशियल सर्विसेस के एस सत्य रामानंद ने कहा कि, अधिकतर बैंक या लेंडर 18 से 22 कैरेट के सोने के गहनों को स्वीकार करते हैं. कुछ बैंक 24 कैरेट के बैंक-इशू गोल्ड कॉइन को भी लेते हैं, लेकिन उसकी लिमिट आमतौर पर 50 ग्राम प्रति ग्राहक होती है. गोल्ड बार, बुलियन या गहनों के अलावा कोई अन्य वस्तु आमतौर पर स्वीकार नहीं की जाती.
सवाल: अगर लोन लेने के बाद सोने की कीमत बदल जाए तो क्या होता है?
सोने की कीमत ऊपर-नीचे होती रहती है, लेकिन जब तक सोने की कीमत बहुत ज्यादा नहीं गिरती, लोन पर असर नहीं पड़ता. अगर सोने की वैल्यू 75% LTV लिमिट से भी नीचे चली जाए, तो लेंडर आपसे अतिरिक्त सोना देने या लोन का कुछ हिस्सा चुकाने को कह सकता है.
ये स्थिति ज्यादा लंबे लोन या तेजी से बदलते मार्केट में होती है. लेकिन अगर कीमतें थोड़ी गिरती हैं और आप समय से पेमेंट कर रहे हैं, तो लेंडर आमतौर पर कोई दखल नहीं देता और अगर सोने की कीमत बढ़ भी जाती है, तो उसका फायदा तब ही मिलेगा जब आप लोन प्री-पे करके री-फाइनेंस करें.
सवाल: किस स्थिति में गोल्ड लोन अच्छा ऑप्शन नहीं है?
एस सत्य रामानंद ने कहा कि, अगर आप समय पर लोन चुकाने को लेकर असमर्थ हैं या आश्वस्त नहीं हैं, तो गोल्ड लोन से दूर रहें. क्योंकि डिफॉल्ट यानी आप लोन न चुका पाएं तो आपकी कीमती ज्वेलरी नीलाम हो सकती है. यह लोन छोटे समय की जरूरतों के लिए सबसे सही है. जैसे मेडिकल इमरजेंसी, बच्चों की फीस या बिजनेस के लिए कैश फ्लो की जरूरत. ऐसी स्थिति में आप गोल्ड लोन ले सकते हैं.
उन्होंने आगे कहा कि, लॉन्ग टर्म के लिए लेना चाहते हैं तो गोल्ड लोन लेना समझदारी नहीं है. अगर आपके सोने से भावनात्मक या पारिवारिक भावनाएं जुड़ी हैं, तो उसका नुकसान आपको मानसिक तौर पर भी भारी पड़ सकता है. साथ ही, अगर आपको लोन की शर्तें समझने में दिक्कत होती है या आप आर्थिक अनुशासन नहीं रख पाते, तो गोल्ड लोन आपके लिए सही ऑप्शन नहीं है.
सवाल: अगर गोल्ड लोन नहीं चुका पाए तो क्या होगा?
ऐसी स्थिति में लोन देने वाला आपका सोना नीलाम कर सकता है. इसके अलावा आपका डिफॉल्ट क्रेडिट ब्यूरो को रिपोर्ट किया जाएगा, जिससे आपका क्रेडिट स्कोर खराब हो सकता है. भविष्य में कोई और लोन लेना मुश्किल हो जाएगा. साथ ही लेट फीस, पेनाल्टी और अतिरिक्त ब्याज जुड़कर आपकी कुल देनदारी और बढ़ सकती है.