क्रिप्टो से जुड़ी कमाई पर भी भरना होगा ITR, जानें कौन सा फॉर्म जरूरी, और चूक पर क्या है जुर्माना
Income Tax Return में हर इनकम का हिसाब किताब देना होता है. लेकिन अगर आप क्रिप्टो में निवेश कर रहे हैं, क्रिप्टो होल्ड कर रहे हैं, खरीद या बेच रहे हैं तो क्या इसे ITR में दिखा रहें हैं. अगर नहीं तो आपको जुर्माना भरना पड़ सकता है, यहां जानें कैसे और कौन से ITR फॉर्म में क्रिप्टो को दिखाना है...

How to declare crypto in ITR: बजट के बाद सामने आए नए इनकम टैक्स बिल 2025 में वर्चुअल डिजिटल एसेट (Virtual Digital Assets – VDAs) की परिभाषा को विस्तार दिया गया है और इसे “अघोषित आय” के रूप में कैटेगराइज किया गया है. दरअसल क्रिप्टोकरेंसी और NFTs भी VDAs में शामिल है. इसका मतलब यह है कि अगर किसी व्यक्ति के पास कोई बिना बताए गए क्रिप्टो एसेट्स जैसे बिटकॉन, आदि मिलते हैं, तो इसे भी अघोषित संपत्ति में गिना जाएगा. इसलिए अब क्रिप्टो को भी सही तरीके से ITR के जरिए रिपोर्ट करने की जरूरत है. ऐसा नहीं हुआ तो उस पर ज्यादा टैक्स लगेगा. तो कैसे क्रिप्टो को रिपोर्ट किया जाता है चलिए ये जानते हैं.
क्रिप्टो ट्रांजेक्शन पर टैक्स
ट्रांजेक्शन | टैक्स |
क्रिप्टो खरीदने पर | 1% TDS |
क्रिप्टो बेचने पर | मुनाफे पर 30% टैक्स |
क्रिप्टो टू क्रिप्टो ट्रेडिंग | मुनाफे पर 30% टैक्स |
क्रिप्टो को खर्च करने पर | मुनाफे पर 30% टैक्स |
क्रिप्टो को होल्ड करने पर | कोई टैक्स नहीं |
क्रिप्टो को एक वॉलेट से दूसरे वॉलेट में भेजने पर | कोई टैक्स नहीं |
Airdrops | क्रिप्टो मिलने पर स्लैब रेट टैक्स, बाद में बेचने पर 30% टैक्स |
Hard Forkes | क्रिप्टो मिलने पर स्लैब रेट टैक्स, बाद में बेचने पर 30% टैक्स |
गिफ्ट | क्रिप्टो पाने वाले पर टैक्स, परिवार वाले ने दिया हो या 50,000 से कम कीमत हो तो टैक्स नहीं लगेगा |
क्रिप्टो दान देने पर | मुनाफे पर 30% टैक्स, डोनेशन डिडक्टेबल नहीं होते |
माइनिंग से मिलने वाले रिवॉर्ड पर | स्लैब रेट टैक्स, बाद में बेचने पर 30% टैक्स |
स्टेकिंग रिवॉर्ड पर | स्लैब रेट टैक्स, बाद में बेचने पर 30% टैक्स |
क्रिप्टोकरेंसी और NFT बेचने पर टैक्स
1 अप्रैल 2022 से, क्रिप्टोकरेंसी से होने प्रॉफिट पर 30% टैक्स लग रहा है, साथ ही सरचार्ज और 4% सेस भी लगेगा. इसके अलावा, क्रिप्टो खरीदने वाले व्यक्ति को 1% TDS देना होगा. अगर कोई व्यक्ति विदेशी क्रिप्टो एक्सचेंज पर ट्रेड करता है, तो उसे खुद TDS काटकर फाइल करना होगा.
Airdrop पर टैक्स
Airdrop का मतलब है क्रिप्टोकरेंसी प्रोजेक्ट द्वारा मुफ्त में टोकन बांटना
- यह अक्सर नए क्रिप्टो प्रोजेक्ट्स के प्रचार के लिए किया जाता है.
- जब कोई व्यक्ति Airdrop के जरिए टोकन प्राप्त करता है, तो उसे “अन्य स्रोतों से आय” (Income from Other Sources) माना जाता है और यह व्यक्ति के टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स काटा जाता है.
- टैक्स का कैलकुलेशन उस टोकन के बाजार मूल्य के आधार पर की जाती है, जिस दिन वह प्राप्त होता है.
- अगर बाद में इन टोकन को बेचा जाता है, तो प्रॉफिट पर 30% टैक्स लागू होगा.
क्रिप्टो माइनिंग पर टैक्स
- जब कोई व्यक्ति खुद क्रिप्टो माइन करता है, तो इसे उसकी इनकम माना जाता है और उसकी टैक्स स्लैब दरों के अनुसार टैक्स लगेगा.
- जिस दिन माइनिंग के जरिए क्रिप्टो प्राप्त होता है, उस दिन के बाजार मूल्य के आधार पर इसे टैक्सेबल इनकम माना जाता है.
- अगर बाद में इन माइन किए गए टोकन्स को बेचा जाता है, तो प्रॉफिट पर 30% टैक्स लगेगा.
फ्यूचर या डेरिवेटिव ट्रेडिंग पर टैक्स
- क्रिप्टो फ्यूचर ट्रेडिंग का मतलब होता है कि कोई व्यक्ति पहले से तय कीमत पर भविष्य में क्रिप्टो खरीदने या बेचने का सौदा करता है.
- अगर इसे बिजनेस इनकम के रूप में देखा जाता है, तो इसे F&O ट्रेडिंग की तरह टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स देना होगा.
- और प्रॉफिट पर 30% टैक्स लागू होगा.
ITR फॉर्म कौन सा भरना होगा?
- ITR-2: अगर क्रिप्टो प्रॉफिट को कैपिटल गेन्स के रूप में दिखाना है.
- ITR-3: अगर क्रिप्टो को बिजनेस इनकम के रूप में रिपोर्ट करना है.
नुकसान को कैसे सेट-ऑफ किया जाएगा?
- क्रिप्टो निवेशकों को एक डिजिटल एसेट (VDA) के नुकसान को दूसरे VDA के प्रॉफिट से सेट-ऑफ नहीं किया जा सकता.
- किसी भी अन्य आय स्रोत से भी इन नुकसान को सेट-ऑफ नहीं किया जा सकता.
अगर क्रिप्टो प्रॉफिट को ITR में नहीं बताया गया तो क्या होगा?
अगर इनकम टैक्स विभाग की जांच या रेड में अघोषित क्रिप्टो प्रॉफिट पकड़ा जाता है, तो उस पर 60% टैक्स और 50% जुर्माना लगाया जा सकता है. सभी क्रिप्टो निवेशकों को अपने प्रॉफिट को सही तरीके से शेड्यूल VDA सेक्शन में रिपोर्ट करना जरूरी है.
TDS किसे काटना होगा?
- भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज: TDS अपने आप कटकर सरकार को जमा हो जाएगा.
- P2P और इंटरनेशनल ट्रेड्स: खरीदार को खुद TDS काटकर जमा करना होगा.
- क्रिप्टो-टू-क्रिप्टो ट्रेड: बायर और सेलर दोनों को 1% TDS देना होगा.
TDS से कौन छूट सकता है?
कुछ विशेष लोगों के लिए अगर साल भर के लेनदेन ₹50,000 से कम हैं, तो कोई TDS नहीं लगेगा. बाकी टैक्सपेयर के लिए यह सीमा ₹10,000 है.
TDS जमा करने के नियम
TDS को Form 26QE के जरिए हर महीने के अंत से 30 दिनों के अंदर जमा करना जरूरी है.
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