Income Tax Bill 2025: मानसून सत्र में पास होने की उम्मीद, अप्रैल 2026 से होना है लागू; जानें आप पर क्या असर?

मौजूदा इनकम टैक्स कानून की जगह लेने वाला इनकम टैक्स बिल, 2025 21 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र में पास हो सकता है. नया कानून 1 अप्रैल 2026 से लागू होना है. जानते हैं इस कानून के तहत कौनसे बड़े बदलावों हो सकते हैं, जिनका असर आम करदाता पर हो सकता है.

नए इनकम टैक्स कानून में क्या है नया Image Credit: anand purohit/Moment/Getty Images

Income Tax Bill 2025 To Pass in Parliament Monsoon Session: मौजूदा वित्त वर्ष के बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जिस इनकम टैक्स बिल, 2025 का जिक्र किया, वह बिल संसद के आगामी सत्र में पास हो सकता है. मौजूदा इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की जगह लेने के लिए लाए गए इस बिल को लेकर सरकार का कहना है कि यह बिल इनकम टैक्स को आसान बनाएगा.

वित्त मंत्री के बजट भाषण के हिसाब से इसे खासतौर पर आम टैक्सपेयर्स की सुविधा को ध्यान में रखकर लाया जा रहा है. यह कानून 1 अप्रैल, 2026 से लागू होना है. इसमें टैक्स नियमों को सरल, पारदर्शी और आधुनिक बनाने पर जोर दिया गया है. आइए जानते हैं कि यह नया टैक्स बिल आपके वित्तीय जीवन को किस तरह प्रभावित कर सकता है.

मानसून सत्र में पास होने की उम्मीद

संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से 12 अगस्त तक चलेगा. फिलहाल, इनकम टैक्स बिल, 2025 लोकसभा की चयन समिति के पास है, जिसने इस बिल में कई संशोधनों की सिफारिश की है. बिल का मुख्य उद्देश्य टैक्स प्रणाली को सरल, समझने में आसान और समय की मांग के अनुरूप ढालना है.

रिफंड से जुड़े नियमों में बदलाव

प्रस्तावित बिल में उस विवादास्पद प्रावधान को हटाने की बात कही गई है, जिसके तहत इनकम टैक्स रिटर्न समय पर फाइल नहीं करने पर रिफंड की पात्रता समाप्त हो जाती है. नए बिल में रिफंड केवल समय पर फाइलिंग की कड़ी शर्तों के साथ जोड़ा गया है .

80M की कटौती होगी बहाल

प्रस्तावित बिल में Section 80M के तहत कंपनियों को इंटर‑कॉर्पोरेट डिविडेंड पर मिलने वाली कटौती को भी बहाल करने की सिफारिश की गई है, जो पहले सेक्शन 115BAA के तहत दी जाती थी.

NIL TDS Certificate को मंजूरी

कम TDS रेट का सर्टिफिकेट मिलेने की सुविधा को अब NIL TDS Certificate तक विस्तार देने का सुझाव भी दिया गया है, ताकि सक्षम करदाता बिना कटौती के इस प्रक्रिया पूरी कर सकें.

क्या है सलेक्ट कमिटी की भूमिका?

लोकसभा की सलेक्ट कमिटी ने इस बिल की भाषा में सुधार के लिए कुल 285 सुझाव सार्वजनिक किए हैं. ये सुझाव टैक्सपेयर्स और अन्य हितधारकों की सुविधा के लिए बिल को सरल और प्रभावी बनाने के लिए है. समिति इस संबंध में अपनी रिपोर्ट 21 जुलाई को सदन में पेश करेगी.

कितना बड़ा नया बिल?

सरकार की तरफ से बार-बार इस बात पर जोर दिया जा रहा है कि नया बिल सरल और संक्षिप्त होगा. हालांकि, जौ मसौदा अब तक सामने आया है, उसकी अनुमानित शब्द संख्या 2.6 लाख है. इसमें कुल 536 सेक्शन एवं 23 अध्याय हैं. हालांकि, टैक्स एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह मौजूदा कानून जितना जटिल नहीं होगा. क्योंकि, इसकी भाषा को आसान बनाया गया है.

बदलावों से किसे क्या फर्क पड़ेगा?