कहां करें निवेश, दिग्गज बोले- भारत पर दांव लगाएं, लॉन्ग टर्म के लिए टिकें, पैसे नहीं, सपनों का पीछा करें
देश के सबसे बड़े न्यूज ग्रुप TV9 नेटवर्क के ग्लोबल वैचारिक मंच News9 Global Summit के दुबई संस्करण में गुरुवार को शेयर बाजार के बाहर निवेश के अवसरों पर चर्चा की गई. इस चर्चा में वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मिडिल ईस्ट एंड पब्लिक पॉलिसी प्रमुख Andrew Naylor, श्रीराम प्रॉपर्टीज के CMD मुरली मलयप्पन, रेवांता कैपिटल के फाउंडर पंकज राजदान और आनंद राठी वेल्थ के जॉइंट सीईओ फिरोज अजीज शामिल हुए.

News9 Global Summit in Dubai: दुनियाभर में जब अनिश्चितता का माहौल बढ़ता है, तो तमाम निवेशक इक्विटी से परे विकल्पों की तलाश करने लगते हैं. News9 Global Summit के दुबई संस्करण में निवेशकों की इस दुविधा का समाधान विशेषज्ञों ने देते हुए बताया कि आप किसी भी एसेट क्लास में इन्वेस्ट करें, लेकिन यह इन्वेस्टमेंट लॉन्ग टर्म के लिए होना चाहिए. इसके साथ ही सभी विशेषज्ञों इस बात पर आम राय जताई कि भारत पर दांव लगाएं, क्योंकि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख इकोनॉमी है. इसके साथ ही विशेषज्ञों ने सलाह दी कि रिच बनने की जगह वेल्दी बनने पर जोर दें, पैसों के बजाय सपनों का पीछा करें.
चर्चा की शुरुआत में कार्तिक मल्होत्रा ने Alternate investment Beyond Equity को लेकर सवाल किया कि आखिर किस एसेट क्लास में निवेश किया जाए. क्योंकि, गोल्ड के समर्थक दावा करते हैं कि गोल्ड ने धमाकेदार रिटर्न दिया है. वहीं, रियल एस्टेट के समर्थक कहते हैं कि प्रॉपर्टी में निवेश कई गुना बढ़ा है. इसके अलावा इक्विटी के समर्थकों का दावा है कि शेयर बाजार में ही असल पैसा बनता है. वहीं, क्रिप्टो करेंसी जैसे एसेट्स के समर्थक बताते हैं कि पिछले 10 वर्ष में क्रिप्टो करेंसी का औसत रिटर्न 15 हजार फीसदी रहा है, जो किसी भी दूसरे एसेट क्लास से ज्यादा है.
रियल एस्टेट पुण्य का काम
रियल एस्टेट में निवेश को बेहतर बताते हुए श्रीराम प्रॉपर्टीज के CMD मुरली मलयप्पन ने कहा कि दुबई हो या दिल्ली ग्रोथ का असली इंजन रियल एस्टेट सेक्टर ही रहा है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि रियल एस्टेट में निवेश पुण्य का काम है, क्योंकि यह लोगों के अपने घर और दफ्तर बनाने के सपनों को साकार करता है. इस तरह एक रियल एस्टेट डेवलपर सिर्फ घर नहीं बनाता है, बल्कि पुण्य भी कमाता है. इसके साथ ही मलयप्पन ने कहा कि शेयर बाजार भेड़चाल जैसा है, जिसमें ज्यादातर लोगों को पता ही नहीं है कि वे क्या खरीद रहे हैं और क्यों खरीद रहे हैं. जबकि, घर खरीदने वालों को पता होता है कि उन्होंने क्या खरीदा है.
अभी क्रिप्टो को समझते नहीं लोग
क्रिप्टोकरेंसी पर बात करते हुए रेवांता कैपिटल के फाउंडर पंकज राजदान ने कहा कि एक दौर था, जब इक्विटी को भी अल्टरनेटिव एसेट माना जाता था. आज इक्विटी, गोल्ड और रियल एस्टेट सभी इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो के हिस्से हैं. आज के दौर में असल अल्टरनेट इन्वेस्टमेंट क्रिप्टोकरेंसी है. अभी बहुत से मनी मैनेजर क्रिप्टोकरेंसी को समझ नहीं पा रहे हैं. इसी वजह से इसकी इंट्रिन्सिक वैल्यू को लेकर सवाल उठाते हैं. जबकि, क्रिप्टो करेंसी ने पिछले एक साल में 480 फीसदी और पिछले 10 साल में 15 हजार फीसदी से ज्यादा का रिटर्न दिया है.
इक्विटी और गोल्ड में मुकाबला नहीं
आनंद राठी वेल्थ के जॉइंट सीईओ फिरोज अजीज ने कहा कि गोल्ड किसी हालत में इक्विटी से मुकाबला नहीं कर सकता है. उन्होंने कहा कि जब डेट में इन्वेस्टमेंट करना है, तो उसे कवर करने के लिए गोल्ड एक अच्छा विकल्प हो सकता है. लेकिन, ओवरऑल ग्रोथ के लिहाज से गोल्ड इक्विटी का मुकाबला नहीं कर सकता है. हिस्टोरिकल डाटा भी यही बताता है. अगर 3 साल के रोलिंग रिटर्न की बात करें, तो गोल्ड का रिटर्न 9 फीसदी रहा है, जबकि निफ्टी ने इस दौरान 12 फीसदी रोलिंग रिटर्न दिया है.
गोल्ड की ग्रोथ के चार ड्राइवर
इस चर्चा में वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मिडिल ईस्ट एंड पब्लिक पॉलिसी प्रमुख Andrew Naylor ने कहा कि आने वाले दिनों में गोल्ड लगातार बढ़ने वाला है. क्योंकि, गोल्ड की ग्रोथ के लिए एक नहीं चार बड़े ड्राइवर हैं और चारों फ्रंट से डिमांड बढ़ रही है. गोल्ड एक लिमिटेड कमोडिटी है, जो इसे यूनीक इन्वेस्टमेंट एसेट बनाती है. जूलरी के लिए इसकी डिमांड 23 फीसदी है. सेंट्रल बैंक डिमांड में 40 फीसदी की हिस्सेदारी रखते हैं. 40 फीसदी डिमांड निवेशकों की तरफ से आती है. वहीं, टेक इंडस्ट्री की तरफ से गोल्ड गोल्ड की 7 फीसदी डिमांड आती है. इस तरह गोल्ड आने वाले दिनों में मजबूती से ग्रो करता रहेगा.
अमीर कैसे बनें?
चर्चा के आखिर में जब कार्तिक मल्होत्रा ने सभी दिग्गजों से पूछा कि अमीर कैसे बना जाए, तो इसका जवाब देते हुए सबसे पहले पंकज राजदान ने कहा कि वे सलाह देंगे कि अमीर बनने के बजाय संपन्न बनने पर ध्यान दें और इसके लिए लॉन्ग टाइम के लिए इन्वेस्ट करें. वहीं, मुरली मलयप्पन ने कहा कि लोगों को पैसे के बजाय एक सपने के पीछे भागना चाहिए. क्योंकि बड़ा सपना साकार होगा, तो पैसा खुद-ब-खुद आ जाएगा. वहीं, Andrew Naylor ने कहा कि किसी एक एसेट में पैसा लगाने के बजाय डायवर्सिफिकेशन पर ध्यान दें. आखिर में फिरोज अजीज ने कहा कि अगले 25 साल के लिए भारत में निवेश करें, क्योंकि भारत बहुत तेजी से आगे बढ़ने वाला है. अगर आपकी 50-60 फीसदी दौलत भारत से बाहर है, तो आप इस ग्रोथ से चूकने वाले हैं.
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