1 साल की FD पर मिल रहा है 7.4% तक ब्याज, जानें किन बैंकों में मिलता है सबसे ज्यादा रिटर्न; कब कटता है TDS

अगर आप अपनी बचत को सुरक्षित जगह पर रखकर बढ़िया रिटर्न पाना चाहते हैं, तो अभी फिक्स्ड डिपॉजिट आपके लिए बेहतरीन ऑप्शन बन सकता है. कई बैंक 1 साल की FD पर सामान्य नागरिकों को 7.4 फीसदी तक ब्याज दे रहे हैं, जो मौजूदा समय में काफी आकर्षक माना जा रहा है.

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FD rate: कुछ बैंक वर्तमान समय में 1 साल की फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर सामान्य नागरिकों को 7.4 फीसदी तक ब्याज दे रहे हैं. 60 साल से कम उम्र के निवेशकों के लिए यह दरें काफी आकर्षक हैं और अधिकतम 3 करोड़ रुपये तक की FD पर लागू होती हैं. Suryoday Small Finance Bank एक साल की FD पर 7.4 फीसदी ब्याज दे रहा है, जो इस समय सबसे अधिक है. इसके बाद Jana Small Finance Bank और Ujjivan Small Finance Bank दोनों 1 साल की FD पर 7.25 फीसदी ब्याज दे रहे हैं. ये ब्याज दरें 19 नवंबर 2025 तक Paisabazaar.com के डेटा पर आधारित हैं.

1 साल की FD पर ब्याज दरें

बैंक का नामFD ब्याज दर
Suryoday Small Finance Bank7.4%
Jana Small Finance Bank7.25%
Ujjivan Small Finance Bank7.25%
Source: Paisabazaar.com

अब बात करते हैं TDS की. बैंक तभी TDS काटते हैं जब आपकी उस बैंक से मिलने वाली कुल FD ब्याज आय 1 लाख रुपये से अधिक हो जाए. ध्यान रहे, TDS कोई अतिरिक्त टैक्स नहीं है. जब आप ITR भरते हैं, तो यह राशि आपके कुल टैक्स में ए़़डजस्ट हो जाती है. अगर आपका कोई टैक्स नहीं बनता या रिफंड बनता है, तो आपको रिफंड के साथ ब्याज भी मिल सकता है.

कई लोग सोचते हैं कि Form 15G भरकर TDS से बचा जा सकता है, लेकिन यह तभी संभव है जब दो शर्तें पूरी हों. पहली आपकी पूरे साल की टैक्स लायबिलिटी शून्य (NIL) होनी चाहिए. दूसरी जिस इनकम पर आप TDS नहीं चाहते, जैसे FD का ब्याज, वह आय आपकी बेसिक एक्सेम्प्शन लिमिट से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. पुरानी टैक्स व्यवस्था में यह लिमिट 2.5 लाख रुपये है, जबकि नई टैक्स व्यवस्था में 4 लाख रुपये है.

बैंक को काटना ही होगा TDS

मान लीजिए आप नई टैक्स व्यवस्था में हैं और Section 87A के तहत आपकी कुल टैक्स लायबिलिटी NIL हो जाती है, लेकिन आपकी FD से मिलने वाली ब्याज आय 4 लाख रुपये से ज्यादा है. इस स्थिति में आप Form 15G नहीं भर सकते क्योंकि दूसरी शर्त पूरी नहीं होती. ऐसे में बैंक को TDS काटना ही होगा, चाहे आपकी कुल टैक्स लायबिलिटी NIL ही क्यों न हो. अगर आपकी कुल आय 12 लाख रुपये है, तो यह बेसिक एक्सेम्प्शन लिमिट से अधिक है, इसलिए Form 15G देना गलत माना जाएगा और यह गलत घोषणा मानी जाएगी, जिस पर पेनल्टी भी लग सकती है.

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