अब होटल बुक करते समय रेट का रखें खास ध्यान, नहीं तो 5 की जगह देना पड़ेगा 18 फीसदी GST
1 अप्रैल 2025 से सरकार ने होटल और रेस्टोरेंट्स के लिए GST नियमों में बदलाव किया है. अब जिन होटलों में ₹7500 या उससे अधिक का कमरा बुक होता है, उन्हें “Specified Premises” माना जाएगा और उनके रेस्टोरेंट में 18% GST लगेगा, साथ ही ITC (Input Tax Credit) का फायदा मिलेगा.

GST on Hotel Restaurants: अगर आप महंगे होटलों में रुकने और रेस्टोरेंट में खाना खाने के शौकीन हैं, तो अप्रैल से आपकी जेब थोड़ी और ढीली हो सकती है. 1 अप्रैल 2025 से सरकार ने इससे जुड़े GST नियमों में बड़ा बदलाव किया है. अब होटल को दो कैटेगरी में बांटा गया है. इसके तहत Specified Premises यानी होटलों के स्पेशल रूम में बुकिंग करते हैं और उसी होटल के रेस्टोरेंट में खाना खाते है तो इसपर 18 फीसदी GST लगेगा.
Specified Premises किसे कहा जाता है?
नए नियमों के अनुसार, अगर किसी होटल में पिछले वित्तीय वर्ष में किसी एक कमरे का किराया 7500 रुपये प्रति दिन से ज्यादा था या होटल ने 1 जनवरी से 31 मार्च के बीच खुद को “Specified Premises” घोषित किया है, तो वह होटल इस कैटेगरी में आएगा. साथ ही, अगर कोई नया होटल रजिस्ट्रेशन करवा रहा है, तो उसे रजिस्ट्रेशन की पुष्टि के 15 दिनों के भीतर यह घोषणा करनी होगी कि वह किस कैटेगरी में शामिल है.
कब कैसे लगेगा GST
होटल की श्रेणी | GST दर | ITC (Input Tax Credit) |
---|---|---|
Specified Premises | 18% | मिलेगा |
Non-Specified Premises | 5% | नहीं मिलेगा |
ग्राहकों पर क्या असर होगा?
इन नए नियमों के तहत अब अगर आप किसी महंगे होटल जिसका रुम रेंट 7500 हजार हो या इससे ज्यादा हो और आप उसी होटल के रेस्टोरेंट में खाना खाते हैं, तो 18 फीसदी GST देना होगा. इसके अलावा, ऐसे होटलों में बिजनेस मीटिंग, कॉन्फ्रेंस या इवेंट्स की लागत भी बढ़ सकती है. हालांकि, अगर होटल अपनी खरीद (जैसे कच्चा माल) पर पहले ही ज्यादा GST चुका रहा है (जैसे 12 फीसदी), तो उन्हें ITC का फायदा मिलेगा. यदि होटल यह फायदा ग्राहकों तक पहुंचाता है, तो अंतिम बिल में ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा.
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इंडस्ट्री पर क्या असर होगा
सरकार ने GST नियमों को सरल और स्पष्ट कर दिया है, जिससे होटल इंड्रस्ट्री को अपने प्राइसिंग मॉडल तय करने में आसानी होगी. जिन होटलों में 7500 रुपये से अधिक किराए वाले कमरे हैं, उन्हें अब 18 फीसदी GST देना होगा, लेकिन साथ में ITC का लाभ मिलेगा. दूसरी ओर, छोटे होटल 5 फीसदी GST जारी रख सकते हैं, लेकिन उन्हें ITC नहीं मिलेगा.
इसके अलावा, अब अगर किसी बड़े होटल से Zomato या Swiggy पर खाना ऑर्डर किया जाता है, तो ऐसे होटलों को खुद GST देना होगा, जबकि Non-Specified Premises वाले होटलों के लिए पहले की तरह ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म टैक्स जमा करेंगे.
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