
क्या PPF की ब्याज दर जाएगी 7 प्रतिशत से नीचे, निवेशकों को क्या होगा असर
PPF यानी पब्लिक प्रॉविडेंट फंड सरकार की एक सुरक्षित और लंबे समय की सेविंग स्कीम है, जिसे 1968 में शुरू किया गया था. इसमें सालाना कम से कम 500 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये का निवेश किया जा सकता है. इसका मैच्योरिटी पीरियड 15 साल का होता है, जिसे 5-5 साल के ब्लॉक में अनलिमिटेड एक्सटेंड किया जा सकता है. इस स्कीम में निवेश, ब्याज और मैच्योरिटी की राशि तीनों पर टैक्स छूट मिलती है, यानी इसे EEE टैक्स बेनिफिट मिलता है.
अब चर्चा है कि PPF की ब्याज दर 50 साल में पहली बार 7 प्रतिशत से नीचे जा सकती है. गोपीनाथ कमेटी की सिफारिशों के अनुसार, ब्याज दरें 10 साल के सरकारी बॉन्ड की पिछली तिमाही की औसत यील्ड प्लस 25 बेसिस प्वाइंट पर तय होनी चाहिए. अप्रैल से जून 2025 में यह यील्ड 6.30 प्रतिशत रही, यानी PPF की ब्याज दर 6.55 प्रतिशत होनी चाहिए. हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार इसे 7 प्रतिशत से नीचे नहीं जाने देगी. फिलहाल PPF की दर 7.1 प्रतिशत है जबकि सुकन्या समृद्धि और SCSS जैसी अन्य योजनाओं की ब्याज दर 8.2 प्रतिशत है. जुलाई में ब्याज दरों की समीक्षा होनी है.