अगर RBI ने दे दी ब्याज दरों में राहत, घट जाएगी EMI; मंथली होगी इतनी बचत?

RBI MPC: महंगाई अपने उच्चतम स्तर पर है लेकिन फिर भी बाजार ये उम्मीद कर रहा है कि रेपो रेट या CRR में कटौती हो सकती है जिससे बैंकों के पास लिक्विडिटी बढ़ेगी. रिसर्च फर्म Nomura ने अपने अनुमान में बताया है कि CRR में 0.25% या 0.50% की कटौती मुमकिन है.

यहां देखें कैल्कुलेशन कैसे मिलेगी EMI पर राहत? Image Credit: Getty Images Editorial

भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI की मॉनेटरी पॉलिसी की बैठक जारी है, 6 दिसंबर को ब्याज दरों पर फैसला लिया जाएगा. लेकिन इस दौरान देश की जीडीपी 7 तिमाही के निचले स्तर पर है, इस सुस्त पड़ी इकोनॉमी को सपोर्ट देने के लिए उद्घोग जगत, आम आदमी और बाजार उम्मीद लगाए बैठा है कि ब्याज दरों में कटौती होगी. लेकिन दूसरी तरफ महंगाई 6% के टारगेट से ज्यादा है जो RBI के लिए सामान्य स्थिति नहीं है. ऐसे में गवर्नर शक्तिकांत दास क्या फैसला लेंगे ये 6 दिसंबर को पता चल जाएगा. यहां हम आपको बताएंगे कि अगर ब्याज दरों में 0.25% या 0.5% की कटौती होती है तो आपकी EMI कितनी घटेगी?

महंगाई अपने उच्चतम स्तर पर है लेकिन फिर भी बाजार ये उम्मीद कर रहा है कि रेपो रेट या CRR में कटौती हो सकती है जिससे बैंकों के पास लिक्विडिटी बढ़ेगी. रिसर्च फर्म Nomura ने अपने अनुमान में बताया है कि CRR में 0.25% या 0.50% की कटौती मुमकिन है. अगर ऐसा होता है तो लोगों को EMI पर बड़ी राहत मिलेगी, कर्ज मिल सकेगा और अर्थव्यवस्था को भी सपोर्ट मिलेगा.

4 साल से नहीं घटी ब्याज दरें

अगस्त 2018 में रेपो रेट 6.50 फीसदी था जिसके बाद से RBI ने लगातार रेपो रेट में कटौती की है जो मई 2020 में 4 फीसदी पर आकर रुक गई थी. इसके बाद मई 2022 के बाद से लगातार RBI ब्याज दरें बढ़ाता चला गया, इस दौरान 2.50 फीसदी ब्याज दरें बढ़ाई गईं. अब रेपो रेट 6.50 फीसदी पर आकर ठहर गई है. पिछली बैठक में RBI ने ब्याज दरों को घटाने के संकेत दिए थे लेकिन फिर महंगाई के आंकड़ों ने निराश कर दिया है.

क्रेडिट ग्रोथ घटी: इसके अलावा नंवबर 2024 में लोन बांटने की ग्रोथ यानी क्रेडिट ग्रोथ में 11.1% की कमी आई है. यह पिछले साल के 20.6% की तुलना में काफी कम है.

कितना बंट रहा होम, आटो और पर्सनल लोन?

ब्याज दरों के लगातार बढ़ने के बावजूद होम लोन में मामूली बढ़ोतरी देखने को मिली है. अगस्त 2023 में कुल ₹25 लाख करोड़ के लोन बांटे गए थे वहीं अगस्त 2024 को यह बढ़कर ₹28.3 लाख करोड़ हुआ है.

लेकिन फ्रेश लोन की बात करें तो इसमें काफी स्लोडाउन है, मार्च 2024 तक साल-दर-साल ग्रोथ 7.9% रह गई है, जो पिछले साल के 23% से काफी कम है. CRIF की रिपोर्ट `हाउ इंडिया लेंड्स FY24′ के अनुसार, यह गिरावट मंदी के कारण हुई है, जिसमें FY24 में केवल 9.2% की ग्रोथ हुई, जबकि FY23 में यह 18.2% थी.

पर्सनल लोन: सितंबर 2024 में 14.4% की ग्रोथ हुई है, जिससे यह लगभग 55.3 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है.

ऑटो लोन: इस बाजार की बात करें, जून 2024 में यह लगभग 31.5 लाख करोड़ रुपये का हो गया है. और आने वाले समय में इसकी ग्रोथ रेट 5% से ज्यादा रहने की उम्मीद है, लेकिन ऑटो लोन के ग्रोथ रेट थोड़ी गिरावट आई है. जून 2023 के मुकाबले यह 23% से गिरकर जून 2024 में 15% हो गई है.

आपकी EMI पर कैसे पड़ेगा असर?

अगर होम लोन की बात करें, मान लीजिए:

अब अगर ब्याज दर 0.5% घटे तो:

अगर ब्याज दर 0.25% घटे तो:

अब अगर ऑटो लोन की बात करें, मान लीजिए:

अब अगर ब्याज दर 0.5% घटे तो:

अगर ब्याज दर 0.25% घटे तो:

अब अगर पर्सनल लोन की बात करें, मान लीजिए:

अब अगर ब्याज दर 0.5% घटे तो:

अब अगर ब्याज दर 0.25% घटे तो: