टाटा स्टील का फौलादी प्रदर्शन, मुनाफा डबल होकर 1,301 करोड़ रुपये रहा, 3.60 रुपये डिविडेंड का ऐलान
देश की सबसे बड़ी स्टील उत्पादक कंपनी Tata Steel ने सोमवार को FY 25 Q4 के नतीजे जारी किए. कंपनी ने इस दौरान सालाना आधार पर रेवेन्यू में कमी के बाद भी डबल प्रॉफिट रिपोर्ट किया है, जो 113 फीसदी बढ़कर 1,301 करोड़ रुपये पहुंच गया है. इसके साथ ही 3.60 रुपये के डिविडेंड का भी ऐलान किया है.

Tata Steel ने मार्च 2025 को समाप्त बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के नतीजे जारी किए. कंपनी का प्रॉफिट इस दौरान 113 फीसदी बढ़कर 1301 करोड़ रुपये हो गया है. हालांकि, इस दौरान सालाना आधार पर रेवेन्यू में करीब 4 फीसदी की कमी आई है. हालांकि, इसके बाद भी डबल प्रॉफिट रिपोर्ट किया गया है. कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज को दी जानकारी में बताया कि पिछले वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान जनवरी से मार्च तिमाही के दौरान कंपनी का प्रॉफिट 611 करोड़ रुपये रहा था. ET की रिपोर्ट के मुताबिक यह एनालिस्ट्स की तरफ से लगाए गए 1,062 करोड़ रुपये के अनुमान से अधिक है.
रेवेन्यू घटा फिर कैसे बढ़ा प्रॉफिट
वहीं, PTI की रिपोर्ट में बताया गया है कि कंपनी ने जनवरी से मार्च तिमाही के दौरान 56,218 करोड़ रुपये का ऑपरेशनल रेवेन्यू रिपोर्ट किया है, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही के 58,687 करोड़ रुपये से 4.2% कम है. कंपनी का दावा है कि इस दौरान खर्च घटाकर सालाना आधार पर 56,496.88 करोड़ रुपये से 54,167.61 करोड़ रुपये कर दिया गया, जिससे कंपनी का पूरे वित्त वर्ष 2024-25 में 3,173.78 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट हुआ है, जबकि पिछले वित्त वर्ष में कंपनी को 4,909.61 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था.
360 फीसदी डिविडेंड का ऐलान
कंपनी के स्टॉक एक्सचेंज को दी जानकारी में बताया है कि कंपनी के बोर्ड ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए एक रुपये अंकित मूल्य के प्रत्येक शेयर पर 3.60 रुपये यानी 360 फीसदी डिविडेंड देने की सिफारिश की है. डिविडेंड का भुगतान बुधवार, 2 जुलाई, 2025 को होने वाली आगामी वार्षिक आम बैठक यानी एजीएम में शेयरधारकों की मंजूरी के अधीन होगा. हालांकि, डिविडेंड के लिए कंपनी ने 6 जून, 2025 को रिकॉर्ड डेट तय किया है.
क्या है कंपनी प्रबंधन का रुख
कंपनी के सीईओ और प्रबंध निदेशक टीवी नरेंद्रन ने नजीतों को उत्साहजनक बताते हुए कहा कि वित्त वर्ष 2025 टाटा स्टील के लिए एक अहम बदलाव वाला वर्ष रहा. इस दौरान ऑपरेशन के भौगोलिक क्षेत्रों में बड़ा विकास हुआ. हमने कलिंगनगर में भारत की सबसे बड़ी ब्लास्ट फर्नेस चालू की, यूके में दो ब्लास्ट फर्नेस को सुरक्षित रूप से बंद किया और नीदरलैंड में निर्धारित क्षमता के करीब उत्पादन स्तर हासिल किया. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि भारत में डिलीवरी अब तक की सबसे अच्छी 21 मिलियन टन रही.
कमर्शियल पोत बनाना शुरू किया
नरेंद्रन ने बताया कि कंपनी ने पिछले 5 वर्षों में अनुसंधान एवं विकास पर 1,600 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है, जिससे कंपनी हाइड्रोजन ट्रांसपोर्टेशन में संपूर्ण क्षमता रखने वाली पहले भारतीय इस्पात आपूर्तिकर्ता बन गई है. इसके साथ ही बताया कि सीपी780 ऑटोमोटिव ग्रेड का लोकलाइजेशन करके अपनी कस्टमर सेंट्रिक एप्रोच को प्रदर्शित किया है. भारत में चुनिंदा क्षेत्रों में आगे बढ़ने की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए हमने कमर्शियल पोत निर्माण की सेवा भी शुरू कर दी है.
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