सहज और सुगम ITR फॉर्म में दूर करें कंफ्यूजन, जानें सैलरी या बिजनेस से इनकम वालों के लिए कौन सा सही
सहज और सुगम दो अलग-अलग इनकम टैक्स रिटर्न यानी ITR फॉर्म हैं. सहज फॉर्म उन लोगों के लिए है जिनकी इनकम सैलरी, पेंशन, एक मकान और अन्य सोर्स से होती है, जबकि सुगम फॉर्म उन लोगों के लिए है जिनकी इनकम बिजनेस या पेशे से होती है- यहां जानें डिटेल में...
Sahaj vs Sugam ITR: जैसे ही इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइलिंग का सीजन शुरू होता है, लोग अपने रिटर्न भरने की तैयारी में लग जाते हैं. टैक्स डिपार्टमेंट पहले ही कई तरह के टैक्स फॉर्म्स नोटिफाई कर चुका है, जैसे ITR-1, ITR-2, ITR-3, ITR-4, ITR-5, ITR-6 और ITR-7. साथ इनकम टैक्स विभाग एक जागरूकता अभियान भी चला रहा है जिसमें वो टैक्सपेयर्स को टैक्स फाइलिंग से जुड़ी जरूरी बातों की जानकारी दे रहा है. चलिए हम भी आपको आज सहज और सुगम ITR के बारे में बताते हैं.
ITR-1 – सहज
यह फॉर्म उन रेजिडेंट इंडिविजुअल्स (जो भारत में रहते हैं) के लिए है जिनकी कुल सालाना इनकम 50 लाख से ज्यादा नहीं है. इस फॉर्म से आप इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर सकते हैं अगर आपकी इनकम इन सोर्स से हो:
- सैलरी या पेंशन
- एक हाउस प्रॉपर्टी (मतलब अगर आपके पास एक ही मकान है जिससे इनकम हो रही है)
- फैमिली पेंशन
- कृषि से इनकम (लेकिन 5,000 तक ही)
अन्य सोर्स जैसे:
- सेविंग अकाउंट का ब्याज
- बैंक, पोस्ट ऑफिस या को-ऑपरेटिव सोसाइटी के डिपॉजिट का ब्याज
- इनकम टैक्स रिफंड पर मिलने वाला ब्याज
- मुआवजे पर मिलने वाला ब्याज
- अन्य किसी भी तरह का ब्याज या फैमिली पेंशन
अगर आपकी पत्नी या नाबालिग बच्चे की इनकम आपके साथ जोड़कर दिखाई जा रही है, तब भी आप ITR-1 भर सकते हैं, बशर्ते कि उनकी इनकम भी ऊपर बताई गई लिमिट में हो.
कौन ITR-1 नहीं भर सकता
- जो व्यक्ति “रेजिडेंट बट नॉट ऑर्डिनरली रेजिडेंट (RNOR)” या NRI (नॉन-रेजिडेंट इंडियन) है
- जिसकी कुल इनकम 50 लाख से ज्यादा है
- जिसकी कृषि आय 5,000 से ज्यादा है
- जिसकी आय लॉटरी, रेसहॉर्स, जुए आदि से हो
- जिसके पास टैक्सेबल कैपिटल गेन हो
- जिसने अनलिस्टेड कंपनियों में निवेश किया हो
- जिसका कोई बिजनेस या प्रोफेशन हो
- जो किसी कंपनी में डायरेक्टर हो
- जिसे सेक्शन 194N के तहत TDS कटता हो
- जिसे स्टार्टअप कंपनी से ESOP मिला हो और उसपर डिफर्ड टैक्स हो
- जिसके पास एक से ज्यादा मकान से इनकम हो
ITR-4 – सुगम
ITR-4 वो लोग भर सकते हैं जो भारत में रहते हैं और:
- जिनकी सालाना इनकम 50 लाख से ज्यादा नहीं है
- जिनकी इनकम बिजनेस या प्रोफेशन से है, लेकिन वो प्रेसम्प्टिव बेसिस पर टैक्स भरते हैं (यानी धारा 44AD, 44ADA या 44AE के तहत)
इसके अलावा, इस फॉर्म से वे लोग भी रिटर्न फाइल कर सकते हैं जिनकी इनकम इन सोर्स से हो:
- सैलरी या पेंशन
- एक हाउस प्रॉपर्टी
- कृषि इनकम (5,000 तक)
अन्य सोर्स जैसे:
- सेविंग अकाउंट का ब्याज
- डिपॉजिट पर ब्याज
- टैक्स रिफंड पर ब्याज
- फैमिली पेंशन
- मुआवजे पर ब्याज
- अनसिक्योर लोन पर ब्याज
कौन ITR-4 नहीं भर सकता
- जो RNOR या NRI हो
- जिसकी कुल आय 50 लाख से ज्यादा हो
- जिसकी कृषि आय 5,000 से ज्यादा हो
- जो किसी कंपनी में डायरेक्टर हो
- जिसके पास एक से ज्यादा मकान हो जिससे इनकम हो रही हो