आपको पर्सनल लोन का प्रीपेमेंट करना चाहिए या पार्ट पेमेंट? जानें मुख्य अंतर
अगर आप किसी काम के लिए पर्सनल लोन लेने का विचार रहे हैं तो आपको इसे चुकाने के लिए कुछ चीजों की जानकारी रखनी चाहिए. लोन को चुकाने के लिए प्रीमेंट और पार्ट पेमेंट का सहारा लिया जा सकता है. तो आइये जानते हैं कि ये दोनों टर्म क्या हैं और इनमें क्या होता है. इससे पर्सनल लोन की प्रक्रिया को बेहतर ढंग से पूरा करने में मदद मिल सकती है.

प्रीपेमेंट और पार्ट पेमेंट ऐसे तरीके हैं जिनका इस्तेमाल उधारकर्ता आमतौर पर अपने लोन की अवधि कम करने या ब्याज को कम करने के लिए करते हैं. इनके अलग-अलग लाभ और अलग-अलग फाइनेंशियल गोल होते हैं.अगर आपका कोई पर्सनल लोन चल रहा है या आप पर्सनल लोन लेना चाहते हैं तो अपने पर्सनल लोन की प्रक्रिया को बेहतर ढंग से पूरा करने के लिए इनके बीच के अंतर को समझना जरूरी है.
क्या है पार्ट पेमेंट और प्रीपेमेंट
पार्ट पेमेंट का मतलब अपने बकाया पर्सनल लोन की मूल राशि को कम करने के लिए, अपनी नियमित ईएमआई के अलावा समय-समय पर एकमुश्त राशि का भुगतान करना होता है. इससे आप लोन की अवधि को प्रभावी ढंग से कम कर सकते हैं और ब्याज का बोझ भी कम कर सकते हैं. जब भी आपके पास अतिरिक्त फंड हो जाए तो आप पार्ट पेमेंट कर सकते हैं.
पर्सनल लोन की अवधि समाप्त होने से पहले पूरी लोन राशि को चुकाने की प्रक्रिया को फोरक्लोजर या प्रीपेमेंट कहा जाता है. इससे ब्याज देनदारी को काफी कम करने में मदद मिल सकती है.
पर्सनल लोन प्रीपेमेंट के फायदे
- प्रीपेमेंट से तुरंत लोन से मुक्ति मिल जाती है. ईएमआई को कोई तनाव नहीं रहता है.
- भविष्य के महीनों में लगने वाला ब्याज बच जाता है.
- पूरा लोन चुकाने से आपकी क्रेडिट स्कोर बढ़ जाता है.
- ईएमआई नहीं जाने से आप सेविंग कर सकते हैं, इमरजेंसी फंड जोड़ सकते हैं.
पर्सनल लोन के पार्ट पेमेंट के लाभ
- मूलधन का पार्ट पेमेंट करने से शेष अवधि के लिए ब्याज व्यय कम होती है.
- पार्ट पेमेंट से आपकी ईएमआई समान रह सकती है लेकिन आपकी लोन अवधि कम हो जाएगी.
- किसी भी समय लोन को सेल-ऑफ कर सकते हैं या एकमुश्त भुगतान कर सकते हैं. इससे पूरे लोन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है.
- आपका क्रेडिट स्कोर बढ़ता है.
पार्ट पेमेंट और प्रीपेमेंट की तुलना
फीचर | पार्ट-पेमेंट | प्री-पेमेंट |
---|---|---|
भुगतान की गई राशि | बकाया राशि का एक हिस्सा | पूरी बकाया राशि |
लोन की स्थिति | लोन खुला रहता है, EMI चलता रहता है | लोन पूरी तरह बंद हो जाता है, EMI खत्म हो जाते हैं |
ब्याज की बचत | बकाया मूलधन पर ब्याज कम होता है | पूरी बची हुई अवधि के लिए ब्याज बचत होती है |
चार्ज/शुल्क | आमतौर पर कम शुल्क (2-4% राशि का) | प्री-क्लोजर शुल्क लग सकता है |
क्रेडिट इम्पैक्ट | धीरे-धीरे क्रेडिट प्रोफाइल बेहतर होता है | कर्ज समाप्त होने से क्रेडिट योग्यता बढ़ती है |
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