कैबिनेट ने शिपबिल्डिंग व मैरीटाइम सेक्टर के लिए 69,725 करोड़ किए मंजूर, आएंगें 30 लाख रोजगार, इन शेयरों में दिखी तेजी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 69,725 करोड़ रुपये के पैकेज को मंजूरी दे दी है. इस पैकेज का उद्देश्य भारत के जहाज निर्माण और समुद्री क्षेत्र (शिपबिल्डिंग व मैरीटाइम) को पुनर्जीवित करना है. यह पहल दस वर्षों तक चलेगी. इसमें जहाज निर्माण विकास योजना भी शामिल है जिसका बजटीय आवंटन काफी ज्यादा है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कई बड़े ऐलान किए गए हैं. इसमें सरकार ने जहाज निर्माण और समुद्री क्षेत्र (Shipbuilding and Maritime Sector) को मजबूती देने के लिए 69,725 करोड़ रुपये के पैकेज को मंजूरी दी है. इसमें 24,736 करोड़ रुपये शिपबिल्डिंग फाइनेंशियल असिस्टेंस, 25,000 करोड़ रुपये मैरीटाइम डेवलपमेंट फंड और 19,989 करोड़ रुपये शिपबिल्डिंग डेवलपमेंट स्कीम के लिए तय किए गए हैं. इस पहल में फोर पिलर रणनीति पेश की गई है जिसका उद्देश्य घरेलू क्षमता को मजबूत करना, लॉन्ग-टर्म फाइनेंसिंग में सुधार करना, ग्रीनफील्ड और ब्राउनफील्ड शिपयार्ड डेवलपमेंट को बढ़ावा देना, तकनीकी क्षमताओं और स्कील्स को बढ़ाना, और मजबूत समुद्री बुनियादी ढांचा बनाने के लिए कानूनी, टैक्स और नीतिगत सुधारों को लागू करना है.
30 लाख रोजगार आने की उम्मीद: सरकार
इस पैकेज से 4.5 मिलियन टन भार की जहाज निर्माण क्षमता का विकास होने, लगभग 30 लाख रोजगार सृजित होने और भारत के समुद्री क्षेत्र में लगभग 4.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित होने की उम्मीद है. अपने आर्थिक प्रभाव के अलावा, यह पहल महत्वपूर्ण आपूर्ति श्रृंखलाओं और समुद्री मार्गों में अनुकूलन लाकर राष्ट्रीय, ऊर्जा और खाद्य सुरक्षा को भी मजबूत करेगी. यह भारत की जियो-पॉलिटिकल दृढ़ता और रणनीतिक आत्मनिर्भरता को भी सुदृढ़ करेगा. वहीं, आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाएगा और भारत को ग्लोबस शिपबिल्डिंग व मैरीटाइम सेक्टर में एक प्रतिस्पर्धी शक्ति के रूप में स्थापित करेगा.
सरकार ने कहा कि भारत का एक लंबा और गौरवशाली समुद्री इतिहास रहा है, जिसमें सदियों पुराना व्यापार और समुद्री यात्रा इस उपमहाद्वीप को दुनिया से जोड़ती रही है. आज, समुद्री क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ बना हुआ है, जो देश के लगभग 95 प्रतिशत व्यापार को मात्रा के हिसाब से और 70 प्रतिशत मूल्य के हिसाब से सहारा देता है. इसके मूल में जहाज निर्माण है, जिसे अक्सर “भारी इंजीनियरिंग की जननी” कहा जाता है, जो न केवल रोजगार और निवेश में महत्वपूर्ण योगदान देता है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा, रणनीतिक स्वतंत्रता और व्यापार एवं ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखलाओं के अनुकूलन को भी बढ़ाता है.
इन शेयरों में दिखी तेजी
इस पैकेज को मंजूरी मिलने के बाद बुधवार को मैरीटाइम सेक्टर के शेयरों में तेजी दिखी. मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स (Mazagon Dock Shipbuilders) में 0.19%, गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (Garden Reach Shipbuilders & Engineers ) में 1.59% और शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (shipping corporation of India) में 4.11 %% की तेजी देखने को मिली. वहीं, ग्लोबल ऑफशोर (Global Offshore) में 1.08% और कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (Cochin Shipyard) में .67% की बढ़त रही.
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