HSBC ने भारतीय शेयर बाजार को बताया ओवरवेट, न्यूट्रल से अपग्रेड की रेटिंग, जानें कब तक छुएगा 94000 का आंकड़ा
HSBC ने भारत की इक्विटी को न्यूट्रल से अपग्रेड कर ओवरवेट कर दिया है. फर्म ने मजबूत डोमेस्टिक इंवेस्टर फ्लो, नीतिगत समर्थन और आकर्षक वैल्यूएशंस को कारण बताया है. HSBC ने अनुमान जताया है कि सेंसेक्स 2026 के अंत तक 94000 अंक तक पहुंच सकता है, जो वर्तमान स्तर से 13 फीसदी से अधिक रिटर्न है.

HSBC Report: HSBC ने भारत के शेयर बाजार के लिए न्यूट्रल रेटिंग को अपग्रेड करते हुए ओवरवेट कर दिया है. कंपनी ने यह फैसला मजबूत डोमेस्टिक इंवेस्टर फ्लो, सरकार की सपोर्ट पॉलिसी और आकर्षक वैल्यूएशंस को देखते हुए लिया है. HSBC ने यह भी कहा है कि भारत का शेयर बाजार एशियाई बाजारों में अस्थिरता के बावजूद मजबूत और स्थिर बना हुआ है. फर्म का अनुमान है कि सेंसेक्स 2026 के अंत तक 94,000 अंक तक पहुंच सकता है.
डोमेस्टिक इंवेस्टर फ्लो बने मजबूत आधार
पिछले एक वर्ष में विदेशी निवेशकों ने भारत के शेयर बाजार से पैसा निकाला है. इसके बावजूद घरेलू निवेशक लगातार निवेश कर रहे हैं. HSBC के अनुसार घरेलू निवेशक बाजार को स्थिर बनाए रखने में मदद कर रहे हैं. यही वजह है कि भारत की इक्विटी मार्केट अन्य एशियाई देशों के मुकाबले मजबूत बनी हुई है.
भारत एशिया में सबसे स्टेबल
HSBC ने कहा कि भारत अन्य एशियाई बाजारों जैसे कोरिया और ताइवान की तुलना में स्थिर रहा है. नीति समर्थन और मजबूत मैक्रो इकोनॉमिक बेस के कारण भारत का बाजार तुलना में सुरक्षित माना जा रहा है. यह निवेशकों के लिए लंबे समय तक आकर्षक विकल्प बना हुआ है.
सेंसेक्स का अनुमान और संभावित रिटर्न
HSBC ने भारत के सेंसेक्स का 2026 तक लक्ष्य 94,000 अंक रखा है. वर्तमान स्तर से यह अनुमानित बढ़ोतरी 13 फीसदी से अधिक की संभावित रिटर्न दिखाती है. कंपनी का मानना है कि भारत की मजबूत आर्थिक नींव और नीतिगत समर्थन इसे लंबी अवधि में निवेश के लिए बेहतर बनाते हैं.
वैल्यूएशंस और नीतिगत सुधार
HSBC के अनुसार भारत की ताकत इसके नॉर्मलाइज्ड अर्निंग वैल्यूएशन, कम विदेशी निवेशक पोजिशनिंग और सरकार के सुधार व कैपिटल एक्सपेंडिचर पर ध्यान देने में वेस्ड है. ये सभी कारण भारत की इक्विटी मार्केट को निवेशकों के लिए आकर्षक बनाते हैं.
एशिया में भारत का विशेष स्थान
HSBC ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र में भारत को प्रमुख ओवरवेट कॉल के रूप में रखा है. जबकि अन्य एशियाई बाजार राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता से प्रभावित हैं, भारत की स्थिर स्थिति और मजबूत वैल्यूएशंस इसे निवेश के लिए भरोसेमंद बनाती हैं.
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भविष्य के लिए मजबूत आधार
HSBC का मानना है कि नीतिगत समर्थन और घरेलू निवेशक विश्वास भारत के शेयर बाजार को मध्यम और लंबी अवधि में अच्छे प्रदर्शन के लिए तैयार करते हैं. इसलिए भारत की इक्विटी मार्केट एशियाई निवेशकों के लिए सबसे प्रमुख अवसरों में से एक मानी जा रही है.
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