बैंक में फंसा है पैसा, गांव-गांव लगेंगे कैंप, अक्टूबर से शुरू होगा विशेष अभियान

RBI ने कहा है कि बैंकों में पड़े अनक्लेम्ड अमाउंट को लौटाया जाएगा. बैंकों को निर्देश दिया गया है कि वे प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाएं. इसमें कम साक्षरता स्तर वाले क्षेत्रों और ग्रामीण या अर्ध-शहरी आबादी पर जोर दिया जाएगा. आइये जानते हैं कि इसके लिए कब से ड्राइव चलाया जाएगा.

आरबीआई Image Credit: Getty

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों से डिविडेंड, ब्याज वारंट और बीमा राशि सहित बिना दावे वाली जमाराशियों (अनक्लेम्ड अमाउंट) को वापस करने का प्रयास तेज करने का आग्रह किया है. बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय रिजर्व बैंक इन अनक्लेम्ड फंड का पता लगाने और उनका निपटान करने के लिए अक्टूबर से दिसंबर तक ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में एक विशेष अभियान चलाने की योजना में है.

क्या होता है अनक्लेम्ड अमाउंट

10 वर्षों से अधिक समय से बंद पड़े करंट व सेविंग अकाउंट में जमा राशि, मैच्योर टर्म डिपॉजिट, और वसूल न किए गए डिविडेंड या ब्याज को अनक्लेम्ड अमाउंट कहा जाताा है.

पूर्व आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने फरवरी की मौद्रिक नीति स्टेटमेंट में जमाकर्ताओं और लाभार्थियों को विभिन्न बैंकों में दावा न किए गए फंड पर नजर रखने में मदद करने के लिए एक केंद्रीकृत वेब पोर्टल बनाने की घोषणा की थी. ये धनराशि लास्ट में आरबीआई द्वारा Depositor Education and Awareness (DEA) कोष में स्थानांतरित कर दी जाती है.

आरबीआई ने बैंकों को दिये ये निर्देश

आरबीआई ने बैंकों को निर्देश दिया गया है कि वे प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाएं. आरबीआई ने कहा है कि कम साक्षरता स्तर वाले क्षेत्रों और ग्रामीण या अर्ध-शहरी आबादी पर विशेष ध्यान दिया जाए। बिजनेस स्टैंडर्ड के अनुसार, हर स्तर के लोगों तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए अभियान को स्थानीय भाषाओं में चलाए जाने का निर्देश दिया गया है.

राज्य स्तरीय बैंक समितियां (एसएलबीसी) अधिक लोकलाइज्ड एनेलिसिस करने के लिए ऐज प्रोफाइल और बकेट-वार कंसन्ट्रेसन के आधार पर दावा न किए गए अनक्लेम्ड डिपॉजिट डेटा की समीक्षा करेंगी, खाताधारकों का पता लगाने और उन्हें अपनी जमा राशि वापस लेने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए विशेष प्रयास किए जाने हैं.

सरकार ने दी थी जानकारी

जुलाई में सरकार ने बताया था कि भारत में लगभग 67,270 करोड़ रुपये की अघोषित राशि डिपॉजिट है. आरबीआई का अघोषित जमा गेटवे टू एक्सेस (UDGAM) पोर्टल जमाकर्ताओं को विभिन्न बैंकों में अघोषित खातों को सर्च करने की सुविधा देता है. बिजनेस स्टैंडर्ड के अनुसार, 4 मार्च 2024 तक 30 बैंकों ने इस पोर्टल में भाग लिया जो लगभग 90% अघोषित डिपॉजिट राशि को कवर करता है.