ठगों के निशाने पर सुधा मूर्ति, DoT अफसर बनकर किया कॉल, अश्लील वीडियो का दिया झांसा, आप भी लें सबक
साइबर अपराधियों की बढ़ती हिम्मत का नया उदाहरण सामने आया है. धोखेबाजों ने राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति को दूरसंचार विभाग का अधिकारी बताकर धमकी भरा फोन किया और निजी जानकारी हासिल करने की कोशिश की. इसी तरह, सांसद के. सुधाकर की पत्नी प्रीति को 'डिजिटल अरेस्ट' घोटाले में लाखों रुपये गंवाने पड़े. आम लोगों से लेकर हस्तियां, कोई भी इन ठगों के चंगुल से नहीं बच पा रहा है.

Cyber Fraudster Target Sudha Murty: हाल के दिनों में साइबर अपराध के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है. जालसाजों के चंगुल से आम आदमी से लेकर सेलिब्रटी कोई भी नहीं बच पा रहे हैं. हाल ही में एक चौंकाने वाली घटना सामने आया है. ठगों ने राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति को धमकी भरा फोन कॉल किया.इसमें कॉलर ने खुद को दूरसंचार विभाग यानी डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन का अधिकारी बताकर उनकी निजी जानकारी हासिल करने की कोशिश की. इसी तरह, बीजेपी सांसद के. सुधाकर की पत्नी प्रीति भी “डिजिटल अरेस्ट” घोटाले का शिकार हुईं, जिसमें धोखेबाजों ने उन्हें मुंबई साइबर क्राइम पुलिस का अधिकारी बताकर लाखों रुपये की ठगी की.
क्या है पूरा मामला?
ANI के अनुसार, राज्यसभा सांसद और समाजसेवी सुधा मूर्ति को 5 सितंबर को एक धमकी भरा फोन कॉल आया. कॉल करने वाले ने खुद को दूरसंचार विभाग (DoT) का अधिकारी बताया. उसने दावा किया कि सुधा मूर्ति के आधार से जुड़े मोबाइल नंबर से इंटरनेट पर अश्लील वीडियो फैलाए जा रहे हैं. उसने धमकी दी कि अगर उन्होंने उसकी बात नहीं मानी तो दोपहर तक उनकी मोबाइल सेवाएं बंद कर दी जाएंगी. कॉलर का नंबर ट्रूकॉलर पर “Telecom Dept” के नाम से दिखा, जिससे धोखा और आसान हो गया.
सुधा मूर्ति ने दर्ज की शिकायत
सुधा मूर्ति ने बेंगलुरु के साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की. पुलिस ने IT Act की धाराओं के तहत FIR दर्ज की है. पुलिस का कहना है कि कॉलर ने DoT अधिकारी बनकर उनकी निजी जानकारी हासिल करने की कोशिश की. धोखेबाज को पकड़ने के लिए जांच चल रही है.
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साइबर अपराध के बढ़ते मामले
ऐसे ही एक मामले में, बेंगलुरु पुलिस ने हाल ही में बीजेपी सांसद के सुधाकर की पत्नी प्रीति से साइबर धोखाधड़ी में खोए 14 लाख रुपये वापस दिलाए. यह घटना 26 अगस्त को हुई थी. इस तरह के “डिजिटल अरेस्ट” घोटालों में धोखेबाज पुलिस या जांच एजेंसी के अधिकारी बनकर व्हाट्सएप वीडियो कॉल के जरिए लोगों को डराते हैं और कहते हैं कि उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज है.
प्रीति के मामले में, धोखेबाजों ने खुद को मुंबई साइबर क्राइम पुलिस का अधिकारी बताया और कहा कि उनके बैंक खाते से गैरकानूनी लेनदेन हुआ है. उन्होंने पैसे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) को भेजने के लिए कहा और 45 मिनट में वापस करने का वादा किया.
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