PM आवास योजना के तहत आप कितने कमरे का बना सकते हैं मकान, जानें नियम
देश में लाखों गरीब लोगों के पास रहने के लिए मकान नहीं है. इसी समस्या को देखते हुए केंद्र सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना का संचालन कर रही है. इस योजना के अंतर्गत भारत सरकार देश के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को घर बनाने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करती है. पीएम आवास योजना के अंतर्गत घर बनाने के लिए पैसा सीधे आवेदनकर्ताओं के बैंक खातों में पहुंचता है.
देश में अगर किसी व्यक्ति के पास मकान बनाने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं होते हैं तो वह प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आर्थिक सहायता के लिए आवेदन कर सकता है. इस योजना का मकसद गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले हर परिवार को अपना घर दिलाना है. इसके लिए सरकार आर्थिक सहायता देती है. इसके लिए सरकार कुछ जांच कराती है. आपको बता दें कि सरकार ने इसके लिए कई मापदंड तय किए है. उसी के हिसाब से यह घर बनाए जाते हैं. वहीं ऐसे में कई लोगों के मन में है सवाल आता है कि इस योजना के तहत का कितने कमरों का मकान बनवाया जा सकता है. चलिए बताते हैं. इसको लेकर क्या नियम हैं.
नहीं है कमरों को लेकर कोई नियम
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर बनवाने के लिए 4 कैटेगरी निर्धारित की गई हैं. इनमें EWS, LIG, MIG-I व MIG-II कैटिगरी हैं. EWS कैटेगरी में आवेदकों के लिए 30 वर्ग मीटर (323 वर्ग फुट) की जगह होनी चाहिए. LIG कैटेगरी में 60 वर्ग मीटर यानी 646 वर्ग फुट कुल जगह होनी चाहिए. इसके अलावा MIG-I कैटेगरी में आवेदकों के लिए 160 वर्ग मीटर यानी 1722 वर्ग फुट की कुल जगह की जरुरत होती है.
वहीं, MIG-II कैटेगरी के लिए 200 वर्ग मीटर यानी 2153 वर्ग फुट कुल जगह होनी चाहिए. इसमें आप कितने कमरे बनवाते हैं यह आप पर निर्भर करता है. सरकार की तरफ से इसे लेकर किसी प्रकार का नियम नहीं बनाया गया है. यानी आप चाहे तो छोटे-छोटे ज्यादा कमरे बनवा सकते हैं या बड़े कमरे बनवा सकते हैं. इनकी संख्या अलग-अलग हो सकती है.
इनकम को लेकर क्या है इनकम
अगर कोई आवेदक पीएम आवास योजना के तहत EWS कैटेगरी में अप्लाई करता है तो उसकी सालाना इनकम ₹3 लाख से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. वहीं, LIG कैटेगरी के आवेदक की इनकम सालाना ₹6 लाख से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. इसी तरह MIG-I कैटेगरी में पीएम आवास योजना का घर बनवाने के लिए आवेदक की वार्षिक आय ₹12 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए.
इसके अलावा MIG-II कैटेगरी में आवेदन के लिए ऐनुअल इनकम ₹18 लाख से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. इसके साथ ही आवेदकों के परिवार में से किसी के नाम पर भी कहीं और कोई घर नहीं होना चाहिए. वरना जांच के बाद आवेदक को इस योजना के तहत लाभ नहीं दिया जाएगा.