Buniyaad Bharatvarsh Ki: 2047 तक गांंव और शहरों की आबादी होगी बराबर, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बताई वजह

TV9 नेटवर्क के 'बुनियाद भारतवर्ष की' कॉन्क्लेव में मनोहर लाल खट्टर ने शहरीकरण, रियल एस्टेट और आवास पर बात की. उन्होंने 2047 तक 50-50 फीसदी शहरी-ग्रामीण आबादी, किफायती आवास योजनाओं, नए शहरों के विकास जोर दिया. इसके अलावा दिल्ली-NCR प्रदूषण पर बोलते हुए खट्टर ने पराली जलाने में हरियाणा की उल्लेखनीय कमी का उल्लेख किया.

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर Image Credit:

तेजी से बदलते शहरीकरण, बढ़ती आबादी और रियल एस्टेट से जुड़ी चुनौतियों पर चर्चा के लिए TV9 भारतवर्ष नेटवर्क एक खास मंच लेकर आया है. दिल्ली में आयोजित इंफ्रास्ट्रक्चर कॉन्क्लेव ‘बुनियाद भारतवर्ष की’ में शहरों की प्लानिंग, आवास, ट्रांसपोर्ट और प्रदूषण जैसे अहम मुद्दों पर नीति और फ्यूचर की दिशा को लेकर मंथन किया जा रहा है. यह कॉन्क्लेव रियल एस्टेट और शहरी योजना से जुड़े मुद्दों, चुनौतियों और संभावनाओं पर केंद्रित है. कार्यक्रम का आयोजन दिल्ली स्थित हयात रीजेंसी में है. इस कॉन्क्लेव में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शिरकत की है. अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि देश में शहरीकरण तेजी से बढ़ रहा है. वर्तमान में लगभग 60 फीसदी आबादी शहरों में रहती है, जबकि 40 प्रतिशत आबादी गांवों में निवास कर रही है. उन्होंने अनुमान जताया कि साल 2047 तक शहर और गांवों की आबादी का अनुपात 50-50 प्रतिशत हो जाएगा.

मनोहर लाल खट्टर ने बताया कि देश में इस समय 5,020 छोटे-बड़े शहर हैं, बड़े शहरों की समस्याएं अलग हैं, लेकिन जिस तेजी से लोगों का रुझान शहरों की ओर बढ़ रहा है, उसी हिसाब से व्यवस्थाओं को बेहतर करने पर काम किया जा रहा है.

शहरों में मकानों की कीमतें इतनी ज्यादा क्यों बढ़ रहीं?

शहरों में बढ़ती मकानों की कीमतों को लेकर उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह मार्केट-ड्रिवेन प्रक्रिया है, जिसमें सरकार की सीधी भूमिका सीमित होती है. हालांकि सरकार गरीब और मध्यम वर्ग के लिए आवास उपलब्ध कराने पर लगातार काम कर रही है. उन्होंने बताया कि शहरों में अब तक एक करोड़ घर बनाए जा चुके हैं और आगे भी एक करोड़ घर बनाने का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए अफोर्डेबल हाउसिंग से जुड़ी योजनाएं चलाई जा रही हैं. मकान खरीदना डिमांड-ड्रिवन प्रक्रिया है, और सरकार पुराने शहरों के साथ-साथ नए शहर विकसित करने पर भी विचार कर रही है.

रोड और मेट्रो के किनारे आवास पर दिया जोर

DDA की योजनाओं पर बात करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हर संस्थान को अपनी आर्थिक सेहत मजबूत रखनी होती है. उन्होंने बताया कि दिल्ली विकास प्राधिकरण घाटे में चला गया था, इसलिए बची हुई इन्वेंट्री को बाजार मूल्य पर बेचा गया. इसके साथ ही डीडीए सस्ते घरों का निर्माण भी कर रहा है. ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट पर उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य ऐसे इलाकों में आवास विकसित करना है, जहां सड़क और मेट्रो जैसी सुविधाएं बेहतर हों. रोड और मेट्रो कॉरिडोर के किनारे घर बनाए जाएं, ताकि लोगों को निजी वाहन पर निर्भर न रहना पड़े और पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा मिले. इसके लिए गाइडलाइंस बनाई गई हैं और उन पर काम जारी है.

दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण पर क्या बोले मंत्री जी?

दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण पर मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि सर्दियों में जो धुंध दिखाई देती है, वह पहले फॉग हुआ करती थी, लेकिन प्रदूषण बढ़ने के साथ वह स्मॉग में बदल गई. उन्होंने कहा कि विकास के साथ प्रदूषण की गति भी बढ़ी है. बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य, डीजल-पेट्रोल वाहनों की संख्या, इंडस्ट्री और पराली जलाना इसके प्रमुख कारण हैं.
उन्होंने यह भी बताया कि हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं अब काफी हद तक कम हो गई हैं. वर्तमान में यह केवल 1 से 2 प्रतिशत तक सीमित रह गई हैं और लगभग 99 प्रतिशत किसानों ने पराली जलाना बंद कर दिया है. जहां-जहां प्रदूषण कम करने की जरूरत है, वहां लगातार काम किया जा रहा है.

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