ऑटो और सीमेंट शेयर बने हीरो, जानें वो 5 वजहें, जिससे शेयर बाजार में आई 1100 अंकों की तेजी

शेयर बाजार की शुरुआत इस हफ्ते बेहद खास रही. निवेशकों के चेहरों पर मुस्कान और इंडेक्स में गजब का उछाल देखने को मिला. लेकिन आखिर किन वजहों से बाजार में इतनी ताकत आई और कौन से फैक्टर निवेशकों के लिए राहत लेकर आए, यह जानना दिलचस्प है.

शेयर बाजार Image Credit: Tv9

Share market today: हफ्ते की शुरुआत शेयर बाजार के लिए शानदार रही. सोमवार को सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही इंडेक्स में जबरदस्त तेजी देखने को मिली. निवेशकों का भरोसा पीएम मोदी के वादों के वजह से ज्यादा बढ़ा हुआ है. बाजार खुलने के कुछ मिनट में ही सेंसेक्स 1100 प्वाइंट तक चढ़ गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिवाली से पहले जीएसटी सुधारों का रोडमैप सामने रखा और इसी बीच S&P ग्लोबल ने भारत की सॉवरेन रेटिंग को अपग्रेड कर दिया. इन घरेलू संकेतों के साथ-साथ विदेशी बाजारों से मिल रहे मजबूत ग्लोबल संकेतों ने भी तेजी को और मजबूती दी.

सुबह करीब 11:20 बजे सेंसेक्स 960.69 अंक यानी 1.20 फीसदी चढ़कर 81,567.35 पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी 323.90 अंक यानी 1.31 फीसदी ऊपर 24,957.80 पर कारोबार कर रहा था. मारुति, बजाज फाइनेंस, महिंद्रा एंड महिंद्रा, अल्ट्राटेक सीमेंट, ट्रेंट और बजाज फिनसर्व जैसे दिग्गज शेयरों में जोरदार खरीदारी दिखी. जानें वो पांच प्वाइंट जिससे बाजार आज तेजी की ओर भाग रहा है.

जीएसटी सुधारों का ऐलान

पीएम मोदी ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस भाषण में जीएसटी सुधारों का जिक्र किया था. उन्होंने कहा कि सरकार ने राज्यों को नए जीएसटी ड्राफ्ट पर सुझाव दिए हैं और दिवाली से पहले इसे लागू करने का टारगेट रखा है. प्रस्ताव के मुताबिक, कई वस्तुओं और सेवाओं को 28 फीसदी टैक्स स्लैब से हटाकर 18 और 5 फीसदी में लाया जा सकता है. इससे ऑटो और सीमेंट जैसी इंडस्ट्री को बड़ा फायदा होगा.

भारत की क्रेडिट रेटिंग अपग्रेड

S&P ग्लोबल रेटिंग्स ने भारत की लॉन्ग-टर्म सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग को ‘BBB-’ से बढ़ाकर ‘BBB’ कर दिया है. यह 2007 के बाद पहला अपग्रेड है. एजेंसी ने मजबूत आर्थिक वृद्धि, बेहतर पॉलिसी क्रेडिबिलिटी और वित्तीय अनुशासन को इस कदम की वजह बताया.

ग्लोबल मार्केट से मिले संकेत

एशियाई बाजारों में जापान का निक्केई, शंघाई कंपोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग इंडेक्स बढ़त में रहे. वॉल स्ट्रीट फ्यूचर्स भी ऊंचे स्तर पर ट्रेड कर रहे थे, जिससे भारतीय बाजारों में भी तेजी का माहौल बना.

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क्रूड ऑयल की कीमतों में नरमी

ब्रेंट क्रूड की कीमत 0.05 फीसदी गिरकर 65.82 डॉलर प्रति बैरल रही. कच्चे तेल की नरम कीमतें भारत के आयात बिल और महंगाई की चिंता को कम करती हैं, जो निवेशकों की धारणा के लिए राहतभरी खबर है.

अमेरिका का सॉफ्ट रुख

बाजार की धारणा को बल मिला जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया कि रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर सेकेंडरी टैरिफ नहीं लगाया जाएगा. इससे भारत जैसे बड़े खरीदार देशों को राहत मिली और बाजार में सकारात्मकता बढ़ी.