अनिल अंबानी की रिलायंस के शेयरों में 10% तक की गिरावट, 15% की तेजी के बाद भारी बिकवाली के पीछे क्या है वजह?

Reliance Power Share: ED प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत कथित वित्तीय अनियमितताओं और संभावित उल्लंघनों की जांच कर रही है. 10 अक्टूबर को नई खरीदारी और मजबूत वॉल्यूम के बीच, रिलायंस पावर के शेयर एनएसई पर 15 फीसदी तक की बढ़त के साथ 50.75 रुपये के अपने दिन के हाई लेवल पर पहुंच गए थे.

अनिल अंबानी की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट. Image Credit: Getty image

Reliance Power Share: अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस कंपनियों के शेयरों में सोमवार, 13 अक्टूबर को सुबह के कारोबार में 10.5 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई. रिपोर्ट के अनुसार, एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) ने कथित फर्जी बैंक गारंटी और फर्जी इनवॉइसिंग मामले में शनिवार को रिलायंस पावर के सीनियर एग्जीक्यूटिव अशोक कुमार पाल को गिरफ्तार किया है. रिलायंस पावर के शेयर 10 फीसदी से ज्यादा टूटकर अपने दिन के निचले स्तर 43.55 रुपये प्रति शेयर पर आ गए, जबकि रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के शेयर 4.5 फीसदी गिरकर 231 रुपये प्रति शेयर पर आ गए.

ED का लगातार एक्शन

TOI की रिपोर्ट के अनुसार, पाल को दो दिनों की हिरासत में भेज दिया गया है और आज उन्हें अदालत में पेश किया जाएगा. शुक्रवार रात को गिरफ्तार किए गए पाल से कई घंटों तक पूछताछ की गई. ED प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत कथित वित्तीय अनियमितताओं और संभावित उल्लंघनों की जांच कर रही है. यह 24 जुलाई को ईडी द्वारा बड़े पैमाने पर की गई कार्रवाई के बाद हुआ है, जिसमें रिलायंस से जुड़े 35 परिसरों, 50 कंपनियों और 25 से अधिक व्यक्तियों की तलाशी ली गई थी.

कर्ज के दुरुपयोग का मामला

यह जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा दर्ज की गई एक प्राथमिकी (FIR) के आधार पर दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले के बाद की जा रही है. यस बैंक, जिसमें उसके तत्कालीन प्रमोटर भी शामिल हैं, की भूमिका भी जांच के दायरे में है. ईडी को संदेह है कि यस बैंक द्वारा 2017 और 2019 के बीच वितरित किए गए लगभग 3,000 करोड़ रुपये के कर्ज का दुरुपयोग किया गया है.

किस आधार पर हो रही है जांच?

यह जांच कथित तौर पर नेशनल हाउसिंग बैंक, सेबी, राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण (NFRA) और बैंक ऑफ बड़ौदा सहित कई नियामक और वित्तीय संस्थाओं से प्राप्त जानकारी पर आधारित है. जांचकर्ताओं ने कहा कि पाल ने कंपनी से धन की हेराफेरी और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी को धोखा देने के इरादे से भारतीय सोलर एनर्जी निगम (SECI) को 68 करोड़ रुपये से अधिक की फर्जी बैंक गारंटी (BG) जमा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

बीते कारोबारी सत्र में आई थी बंपर तेजी

शुक्रवार, 10 अक्टूबर को नई खरीदारी और मजबूत वॉल्यूम के बीच, रिलायंस पावर के शेयर एनएसई पर 15 फीसदी तक की बढ़त के साथ 50.75 रुपये के अपने दिन के हाई लेवल पर पहुंच गए. आंकड़ों से पता चलता है कि कंपनी के लगभग 7 करोड़ इक्विटी शेयरों का लेन-देन हुआ, जबकि एक सप्ताह और एक महीने का औसत ट्रेडिंग वॉल्यूम 2 ​​करोड़ शेयर प्रति शेयर है.

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