लाइम लाइट से दूर है ये डिफेंस स्टॉक, 5 साल में 1922% बंपर रिटर्न, छुपे रुस्तम ने 1 लाख को बना दिए 20 लाख

Apollo Micro Systems एक डिफेंस स्टॉक है जो कंट्रोल सिस्टम, सेंसर, गाइडेंस और इलेक्ट्रॉनिक्स बनाती है. कंपनी को हाल ही में 113 करोड़ रुपये का एवियोनिक्स सिस्टम का एक्सपोर्ट ऑर्डर मिला है और IDL Explosives को खरीदकर कंपनी ने हथियारों के क्षेत्र में कदम रखा है.

इस डिफेंस स्टॉक पर जरूर रखें नजर Image Credit: AI/apollo-micro.com

Defence Stock Apollo Micro Systems: ऑपरेशन सिंदूर के बाद से डिफेंस स्टॉक्स हर निवेशक की नजर में हैं. लेकिन यहां जिस डिफेंस स्टॉक के बारे में आपको बताएंगे उस पर इससे पहले आपकी शायद ही नजर पड़ी होगी. हाल में इस कंपनी के शेयर 70 फीसदी से ज्यादा बढ़ गए थे तब ये फोकस में आया. ये कंपनी Apollo Micro Systems है. भले ही आजकल शेयर्स की कीमतें सोशल मीडिया पर किसी ट्रेंड या विवाद की वजह से या अफवाहों और कभी-कभी तो सट्टेबाजी की वजह से ऊपर भागने लगती है लेकिन Apollo की कहानी थोड़ी अलग है. चलिए जानते हैं.

फिलहाल इसका शेयर 200 रुपये के स्तर पर है. इस साल ये अब तक 66 फीसदी का रिटर्न दे चुका है और पिछले पांच साल 1922 फीसदी का रिटर्न दे चुका है. अगर किसी ने पांच साल पहले 1 लाख रुपये का निवेश किया होता है तो आज वे 20 लाख से ज्यादा बन जाते.

क्या करती है Apollo Micro Systems?

डिफेंस सेक्टर की ये कंपनी सीधे कोई फाइटर जेट या हथियार, टैंक नहीं बनाती लेकिन ये इनमें इस्तेमाल होने वाली बेहद खास चीज बनाती है जो है – इनका कंट्रोल सिस्टम, सेंसर, गाइडेंस और बाकी इलेक्ट्रॉनिक्स.

कंपनी ने शुरुआत में ISRO और DRDO को खूब सप्लाय किया और अब ये कंपनी खुद पूरा सिस्टम डिजाइन करती है और बड़ी सरकारी कंपनियों के साथ पार्टनरशिप करती है और जमीन, समुद्र, हवा और पानी के नीचे तक के डिफेंस प्रोडक्ट के लिए टेक्नोलॉजी देती है.

एक्सपोर्ट भी करेगी कंपनी

Apollo को पहले 113 करोड़ रुपये का एवियोनिक्स सिस्टम का एक्सपोर्ट ऑर्डर मिला है. आम तौर पर ये बड़ी खबर नहीं होती, लेकिन डिफेंस सेक्टर में भरोसा सबसे बड़ी चीज होती है. कोई भी देश अपनी सुरक्षा से जुड़ी तकनीक किसी भी कंपनी को नहीं देता. तो जब एक भारतीय कंपनी को ऐसा ऑर्डर मिलता है, तो मतलब है कि भारत की टेक्नोलॉजी अब इंटरनेशनल लेवल पर भरोसेमंद मानी जा रही है.

हथियार भी बनाएगी

अब Apollo ने IDL Explosives को खरीद लिया. ये एक 60 साल पुरानी कंपनी है जो गोला-बारूद बनाती है. इसलिए अब तक Apollo जो सिर्फ इलेक्ट्रॉनिक्स और सिस्टम्स में काम कर रही थी वह सीधे हथियारों की दुनिया में कदम रख चुकी है. कंपनी सर्किट बोर्ड से लेकर बम तक सबकुछ एक ही छत के नीचे बना रही है.

Apollo की स्ट्रैटेजी

इन तैयारियों के बाद अब कंपनी विस्तार के लिए फंड भी जुटा रही है.

हाल में कंपनी ने 416 करोड़ रुपये का फंड भी जुटाया जहां LIC म्यूचुअल फंड, प्रमोटर ग्रुप और बोर्ड मेंबर तक शामिल रहे. ये फंड वर्किंग कैपिटल, रिसर्च एंड डिवेलपमेंट और डिफेंस, एयरोस्पेस, और होमलैंड सेक्योरिटी के विस्तार में लगाया जाएगा.

क्या कहते हैं कंपनी के आंकड़े

वित्त वर्ष 2024–25 में Apollo ने 562 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड बिक्री की है, जो कि पिछले साल से 51% ज्यादा है. नेट प्रॉफिट भी 81% बढ़कर 56 करोड़ रुपये पहुंच गया है. ऑपरेटिंग मार्जिन भी 23% पर स्थिर रहा, जो दिखाता है कि ग्रोथ के बावजूद खर्च पर कंट्रोल बना रहा.

कंपनी का P/E रेशियो 100 से ज्यादा है और ये बुक वैल्यू से 10 गुना पर ट्रेड कर रहा है. यानी बाजार इसे लेकर बहुत उम्मीदें रखता है.

क्या है चिंता की बात

अब ये कंपनी लंबी रेस का घोड़ा बनेगी या नहीं. आने वाला समय ही ये फैसला करेगा.