Closing Bell: लगातार तीसरे दिन टूटा बाजार, सेंसेक्स 100 अंक फिसला और निफ्टी 25900 से नीचे बंद

Closing Bell: भारतीय शेयर बाजार के बेंचमार्क सेंसेक्स और निफ्टी 50 लगातार तीसरे सेशन में गिरावट के साथ बंद हुए. इसकी वजह रुपये की कमजोरी, विदेशी पूंजी का बाहर जाना और भारत-अमेरिका ट्रेड डील में देरी को लेकर लगातार बनी चिंताएं थीं.

शेयर बाजार अपडेट्स. Image Credit: Tv9

Closing Bell: बुधवार को भारतीय शेयर बाजार में ज्यादा बदलाव नहीं हुआ. शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स और निफ्टी लगातार दो सेशन की गिरावट के बाद स्थिर रहे और मामूली बढ़त के साथ ट्रेड करते नजर आए. निवेशक ग्लोबल मार्केट से मिले-जुले संकेतों और अमेरिका के रोजगार के अधूरे डेटा पर विचार कर रहे थे, जिससे इंटरेस्ट रेट के आउटलुक पर उम्मीदों में अधिक बदलाव देखने को नहीं मिला. लेकिन दिन के कारोबार के आखिरी में मार्केट लाल निशान में चला गया.

भारतीय इक्विटी इंडेक्स 17 दिसंबर को लगातार तीसरे सेशन में नेगेटिव नोट पर बंद हुए, जिसमें निफ्टी 25,900 से नीचे रहा.

टॉप गेनर्स और लूजर्स

श्रीराम फाइनेंस, SBI, आइशर मोटर्स, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, विप्रो निफ्टी पर टॉप गेनर में शामिल थे. जबकि लूजर में मैक्स हेल्थकेयर, SBI लाइफ इंश्योरेंस, HDFC लाइफ, ट्रेंट, अपोलो हॉस्पिटल्स शामिल थे.

सेक्टोरल इंडेक्स

सेक्टरों में PSU बैंक इंडेक्स में 1.4 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, जबकि मीडिया इंडेक्स में 1.5 फीसदी की गिरावट आई, जबकि प्राइवेट बैंक, रियल्टी, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, FMCG, हेल्थकेयर में प्रत्येक में 0.5 फीसदी की गिरावट आई.

सेक्टर के हिसाब से ज्यादातर मुख्य इंडेक्स में गिरावट देखी गई, जिसमें निफ्टी मीडिया 1.71% गिरा, इसके बाद निफ्टी कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और निफ्टी रियल्टी में क्रमशः 0.96% और 0.84% ​​की गिरावट आई. दूसरी ओर, निफ्टी PSU बैंक ने हाल के नुकसान से मजबूत वापसी करते हुए 1.29% की बढ़त हासिल की, जबकि निफ्टी IT और निफ्टी मेटल इंडेक्स में भी क्रमशः 0.29% और 0.25% की बढ़ोतरी हुई.

1.6 लाख करोड़ का नुकसान

सभी शेयरों में गिरावट के कारण BSE में लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन पिछले सेशन के 467.64 लाख करोड़ रुपये से घटकर 466 लाख करोड़ रुपये हो गया, जिससे निवेशकों को एक ही सेशन में 1.6 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.

दबाव में क्यों है बाजार?

जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के हेड ऑफ रिसर्च, विनोद नायर ने शेयर मार्केट पर अपनी राय दी. उन्होंने कहा कि ग्लोबल मार्केट के संकेत मिले-जुले हैं. जापानी बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी टाइट लिक्विडिटी और इक्विटी वैल्यूएशन पर दबाव की ओर इशारा करती है, जबकि कमजोर अमेरिकी लेबर डेटा मंदी की चिंताओं को बढ़ाता है और ज्यादा नरम फेड की उम्मीदों को मजबूत करता है. घरेलू स्तर पर, RBI के रुपये को स्थिर करने के प्रयासों ने रेट-सेंसिटिव सेक्टर्स को सहारा दिया.

विदेशी निवेशक फंड निकाल रहे हैं, और उभरते बाजार संघर्ष कर रहे हैं, जबकि विकसित अर्थव्यवस्थाएं मजबूत बनी हुई हैं, जो दिखाता है कि निवेशक उभरते बाजारों को लेकर ज्यादा सतर्क हो रहे हैं. हालांकि करेंसी में स्थिरता से अस्थायी राहत मिलती है, लेकिन ग्लोबल अनिश्चितता और लगातार विदेशी बिकवाली अपसाइड पोटेंशियल को सीमित रखती है, जिससे बाजार में मंदी का रुझान बना हुआ है.