Gold ETF बना निवेश का नया राजा, टैक्स में फायदा, कम कीमत ने बढ़ाई डिमांड; AUM ₹1 लाख करोड़ के पार
भारत में गोल्ड ETF की जबरदस्त लोकप्रियता देखी जा रही है. 2025 के पहले 10 महीनों में इसका AUM 1 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया. जेरोधा की रिपोर्ट बताती है कि सुरक्षित निवेश, आसान खरीद और टैक्स लाभ की वजह से निवेशक अब फिजिकल गोल्ड छोड़कर ETF को ज्यादा तरजीह दे रहे हैं.
Gold ETF AUM Crosses 1 Lakh Crore Rupees: भारत में गोल्ड ETF की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है और इसका असर आंकड़ों में साफ दिखाई दे रहा है. कैलेंडर वर्ष 2025 के पहले 10 महीनों में गोल्ड ETF का कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 1 लाख करोड़ रुपये का बड़ा आंकड़ा पार कर गया. जेरोधा फंड हाउस की एक रिपोर्ट बताती है कि बढ़ते निवेशक खातों और तगड़े इनफ्लो के साथ गोल्ड ETF अब भारतीय निवेशकों की पहली पसंद बनते जा रहे हैं. इसका कारण गोल्ड की रणनीतिक अहमियत, बेहतर रिटर्न की संभावना और पोर्टफोलियो में इसे एक स्थिर विकल्प के रूप में देखा जाना है.
2025 में रिकॉर्ड इनफ्लो
जेरोधा के अनुसार, जनवरी से अक्टूबर 2025 के बीच गोल्ड ETF में 27,500 करोड़ रुपये से ज्यादा का नेट इनफ्लो आया. यह आंकड़ा पिछले पूरे पांच साल (2020–2024) के कुल इनफ्लो से भी ज्यादा है. इसका मतलब है कि निवेशक अब गोल्ड को फिजिकल रूप से खरीदने के बजाय ETF के माध्यम से निवेश करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं.
गोल्ड ETF क्यों हो रहा है लोकप्रिय?
रिपोर्ट बताती है कि गोल्ड ETF में निवेश के कई फायदे हैं-
- स्टोरेज की चिंता नहीं
- मेकिंग चार्ज और प्योरिटी की दिक्कत नहीं
- टैक्स के मामले में भी फायदा
फिजिकल गोल्ड में 24 महीने की होल्डिंग पर LTCG टैक्स मिलता है, लेकिन गोल्ड ETF में केवल 12 महीने की होल्डिंग पर ही 12.5 फीसदी LTCG टैक्स लगता है और यानी ईटीएफ का होल्डिंग पीरियड भी कम है.
5 साल में 12 गुना बढ़े निवेशक खाते
अक्टूबर 2020 में जहां गोल्ड ETF के लगभग 7.8 लाख फोलियो थे, वहीं अक्टूबर 2025 तक यह संख्या 95 लाख से ऊपर पहुंच गई. छोटे निवेशक भी आसानी से इसमें निवेश कर पा रहे हैं क्योंकि गोल्ड ETF की यूनिट कीमत अब करीब 20 रुपये तक हो गई है. हर यूनिट 99.5 फीसदी या उससे ज्यादा शुद्धता वाले गोल्ड से बैक होती है, जिससे भरोसा और बढ़ जाता है. केवल एक साल में गोल्ड ETF का AUM दोगुना हो गया है. भारतीय गोल्ड ETF अब 83 टन से ज्यादा गोल्ड होल्ड करते हैं और इनमें से लगभग एक-तिहाई स्टॉक सिर्फ 2025 में जोड़ा गया है. इसका मतलब यह है कि गोल्ड ETF सिर्फ डिजिटल प्रोडक्ट नहीं हैं, बल्कि इनके पीछे असली सोना सुरक्षित तिजोरियों में रखा होता है.
सिल्वर ETF की मांग भी बढ़ी
जेरोधा ने बताया कि गोल्ड की तरह सिल्वर ETF भी तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं. 2022 में पहला सिल्वर ETF लॉन्च होने के बाद, अक्टूबर 2025 तक सिल्वर ETF के 25 लाख से ज्यादा फोलियो बन चुके हैं और इनका AUM 40,000 करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है. इसको लेकर जेरोधा फंड हाउस के CEO विशाल जैन ने कहा, “2002 में जब हमने गोल्ड ETF का आइडिया सोचा था, तब ये सिर्फ एक सपना था. 2007 में लॉन्च के बाद 1,000 करोड़ AUM तक पहुंचने में साढ़े दो साल लगे थे. आज वही कैटेगरी 1 लाख करोड़ रुपये पार कर गई है, ये हमारे लिए बेहद गर्व का पल है. यह बताता है कि अगर निवेशकों को सरल और उपयोगी फंड दिए जाएं, तो वे खुद अपनी जगह बना लेते हैं.”
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डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ, ईटीएफ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.
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