7 जुलाई से शेयर बाजार रहेगा सतर्क, ट्रेड डील, ट्रंप की टैरिफ और तिमाही नतीजों पर टिकी रहेंगी उम्मीदें

7 जुलाई से शुरू होने वाला सप्ताह घरेलू और वैश्विक दोनों ही मोर्चों पर बेहद अहम है. अमेरिका के टैरिफ फैसले और भारत के साथ संभावित डील पर बाजार की नजर रहेगी. साथ ही जून तिमाही के नतीजों से पहले कंपनियों के अपडेट और IPO बाजार को भी ट्रैक करना जरूरी होगा.

भारतीय शेयर बाजार Image Credit: @AI/Money9live

India Stock Market Update: पिछले दो सप्ताह में करीब 4 फीसदी की तेजी के बाद भारतीय शेयर बाजार में 4 जुलाई को खत्म हुए हफ्ते में हल्की गिरावट देखने को मिली. निफ्टी 50 में 177 अंकों की गिरावट आई और यह 25,461 पर बंद हुआ, जबकि सेंसेक्स 626 अंक टूटकर 83,433 पर पहुंच गया. हालांकि मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में हल्की बढ़त रही. हालांकि आने वाले सप्ताह में बाजार कंसोलिडेशन के मूड में रह सकता है क्योंकि निवेशक अमेरिका-भारत ट्रेड डील को लेकर स्पष्टता का इंतजार कर रहे हैं. इसके साथ ही जून तिमाही के नतीजों से पहले कंपनियों के प्रोविजनल अपडेट पर स्टॉक से जुड़ी हुई हलचल देखी जा सकती है.

अमेरिका-भारत ट्रेड डील और टैरिफ फैसले पर नजर

वैश्विक बाजारों में इस समय सबसे बड़ा फोकस अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के संभावित टैरिफ फैसले पर है. 9 जुलाई को उनकी 90 दिनों की टैरिफ स्थगन की समय सीमा समाप्त हो रही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रंप ने जापान को चेतावनी दी है कि अगर डील नहीं होती तो 30-35 फीसदी तक टैरिफ लगाया जा सकता है. वहीं, अमेरिका ने UK, चीन और वियतनाम के साथ समझौते कर लिए हैं. भारत के साथ भी जल्द डील होने की उम्मीद जताई जा रही है.

दूसरी ओर यूरोपीय यूनियन के कृषि उत्पादों पर 17 फीसदी तक टैरिफ लगाने की धमकी से तनाव बढ़ गया है. मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगर अमेरिका और भारत के बीच डील हो जाती है तो यह आईटी, फार्मा और ऑटो सेक्टर के लिए बड़ी राहत होगी और बाजार में सकारात्मक माहौल बनेगा.

फेडरल रिजर्व और डॉलर इंडेक्स की भूमिका

बाजार की दिशा तय करने में अमेरिकी फेडरल रिजर्व की भूमिका भी अहम रहेगी. जून महीने की पॉलिसी बैठक के मिनट्स अगले हफ्ते जारी होंगे. अभी तक फेड ने ब्याज दरें 4.25-4.50 फीसदी पर स्थिर रखी हैं. मजबूत नौकरियों के आंकड़े और महंगाई को देखते हुए फेड सतर्क नजर आ रहा है, हालांकि जुलाई या सितंबर में दरों में कटौती हो सकती है. इस बीच, डॉलर इंडेक्स पिछले सप्ताह 0.28 फीसदी गिरकर 96.985 पर आ गया, जो फरवरी 2022 के बाद सबसे निचला स्तर है.

घरेलू मोर्चे पर निवेशकों का फोकस

घरेलू स्तर पर भी कुछ बड़े फैक्टर हैं जो बाजार को दिशा देंगे. विदेशी निवेशक (FII) पिछले सप्ताह 6,605 करोड़ रुपये के बिकवाल रहे, लेकिन घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने 7,609 करोड़ रुपये की खरीदारी कर बाजार को सपोर्ट दिया. साथ ही, देश का विदेशी मुद्रा भंडार 4 जुलाई को खत्म सप्ताह में बढ़कर 702.78 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया.

तेल की कीमतें और OPEC+ का फैसला

तेल की कीमतें भारत जैसे आयातक देशों के लिए राहत बनी हुई हैं. ब्रेंट क्रूड पिछले सप्ताह 3 फीसदी चढ़कर 68.8 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ. OPEC+ ने अगस्त महीने से प्रोडक्शन में बढ़ोतरी की घोषणा की है, जिससे कीमतों पर दबाव रह सकता है.

IPO मार्केट में भी हलचल

सोमवार, 7 जुलाई से शुरू होने वाले हफ्ते में प्राइमरी मार्केट में जबरदस्त गतिविधि रहेगी. इस दौरान कई कंपनियों के आईपीओ जारी होने वाले हैं वहीं कई कंपनियों की लिस्टिंग भी शेयर बाजार पर होने वाली है.