Lenskart के निवेशक क्या करें, शेयर बेचकर बाहर निकलें या फिर होल्ड करें? जानें- एक्सपर्ट के संकेत
Lenskart shares: पॉजिटिव मार्केट सेंटीमेंट के बीच शेयर बीएसई पर 409.90 रुपये और एनएसई पर 413.75 रुपये के स्तर पर पहुंच गया. जिन निवेशकों को आईपीओ के जरिए लेंसकार्ट के शेयर मिले हैं, अब वो इस चिंता में हैं कि इसे होल्ड करें या फिर इससे बाहर निकल लिया जाए.
Lenskart shares Future: लेंसकार्ट सॉल्यूशंस के शेयर सोमवार 10 नवंबर को बीएसई पर 3 फीसदी डिस्काउंट के साथ 390 रुपये पर लिस्ट हुए. इसके पब्लिक इश्यू का प्राइस बैंड 402 रुपये तक था. वहीं, एनएसई पर लेंसकार्ट के शेयर 1.74 फीसदी की छूट के साथ 395 रुपये पर लिस्ट हुए. हालांकि, लिस्टिंग के बाद शेयरों में तेजी देखने को मिली. दोपहर 12:45 बजे लेंसकार्ट के शेयर 1.52 फीसदी की तेजी के साथ 408 रुपये पर कारोबार कर रहे थे. पॉजिटिव मार्केट सेंटीमेंट के बीच शेयर बीएसई पर 409.90 रुपये और एनएसई पर 413.75 रुपये के स्तर पर पहुंच गया. जिन निवेशकों को आईपीओ के जरिए लेंसकार्ट के शेयर मिले हैं, अब वो इस चिंता में हैं कि इसे होल्ड करें या फिर इससे बाहर निकल लिया जाए. आइए जानते हैं कि एक्सपर्ट इस बारे में क्या कहते हैं…
मिला था जोरदार सब्सक्रिप्शन
लेंसकार्ट के आईपीओ को 28.26 गुना सब्सक्रिप्शन मिला था. 7,278.02 करोड़ रुपये का लेंसकार्ट का पब्लिक ऑफर 31 अक्टूबर से 4 नवंबर के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए ओपन हुआ था. कंपनी का आईपीओ 2,150 करोड़ रुपये के फ्रेश इश्यू और 5,128.02 करोड़ रुपये के ऑफर फॉर सेल (OFS) का कॉम्बिनेशन था.
निवेशक क्या करें?
लक्ष्मीश्री सिक्योरिटीज के HoR अंशुल जैन ने लेंसकार्ट सॉल्यूशंस के शेयर पर अपनी राय दी. उन्होंने कहा कि यह फिलहाल बेयरिश नजर आ रहा है. हालांकि, उन्होंने कहा कि इसे एक-दो दिन और होल्ड कर सकते हैं, लेकिन इसमें रिस्क बहुत है.
नेगेटिव सेंटीमेंट
आईपीओ के दौरान लगभग 70,000 करोड़ रुपये की कीमत वाली इस कंपनी के आईपीओ का ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) लिस्टिंग से पहले 108 रुपये के शिखर से गिरकर शून्य हो गया था, जो इस बात का संकेत था कि लिस्टिंग से पहले ही इसे लेकर सेंटीमेंट नेगेटिव होने लगा है.
मुनाफा और रेवेन्यू
लेंसकार्ट का वित्तीय कायाकल्प कागजों पर तेज दिख रहा था. इसने वित्त वर्ष 2025 में 6,653 करोड़ रुपये के रेवेन्यू पर 297 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया, जो वित्त वर्ष 2023 में 64 करोड़ रुपये के घाटे से अधिक था. लेकिन गौर से देखने पर पता चलता है कि इस मुनाफे में से 167 करोड़ रुपये ओनडेज अधिग्रहण से संबंधित एकमुश्त लाभ से आए थे, जिसका अर्थ है कि इसका एडजस्टेड प्रॉफिट लगभग 130 करोड़ रुपये, या मामूली 1.9 फीसदी मार्जिन रहा. वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में कंपनी ने 1,940 करोड़ रुपये के रेवेन्यू पर 55.6 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया, जो 2.8 फीसदी मार्जिन के बराबर है.
कुल मिलाकर 28 गुना अधिक सब्सक्रिप्शन और संस्थागत निवेशकों द्वारा अपने कोटे की 45 गुना बोली लगाने के बावजूद, लिस्टिंग के दिन तक शेयर बाजार का मिजाज बदल गया. हाई वैल्यूएशन और नेगेटिव सेंटीमेंट के साथ, निवेशक आक्रामक प्राइसिंग से सावधान नजर आए.
डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.
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