8585 करोड़ का कर्ज नहीं चुका पाई ये सरकारी कंपनी, 7 बैंकों ने दिया है लोन; बुरी तरह टूट गए शेयर

MTNL Debt: कर्ज के भुगतान में चूक ने सरकारी टेलीकॉम कंपनी के लिए वित्तीय संकट बढ़ा दिया है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने कंपनी को पुनर्जीवित करने का बीड़ा उठाया है. 2019 से सरकार ने बीएसएनएल और एमटीएनएल में 3.22 लाख करोड़ रुपये की धनराशि डाली है.

एमटीएनएल पर कर्ज. Image Credit: Tv9

MTNL Debt: टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (MTNL) ने मंगलवार को स्टॉक एक्सचेंजों को सूचित किया कि उसने पब्लिक सेक्टर के बैंकों के एक समूह को प्रिंसिपल और ब्याज, दोनों का भुगतान नहीं किया है. कुल बकाया राशि लगभग 8,585 करोड़ रुपये है. इस घोषणा के बाद MTNL के शेयर 4.80 फीसदी गिरकर 49.59 रुपये पर आ गए, जो उस दिन के 2.50 रुपये के स्तर से कम था. कुल सात बैंकों के एक समूह ने MTNL को कर्ज दिया है.

7 बैंकों का समूह

डिस्क्लोजर के अनुसार, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, यूको बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक और इंडियन ओवरसीज बैंक को शामिल लेंडर के रूप में लिस्ट किया गया है.

MTNL ने कहा कि यह चूक अगस्त 2024 से फरवरी 2025 तक की है. डिटेल्स के अनुसार, कंपनी पर 7,794.34 करोड़ रुपये का ओवरड्यू प्रिंसिपल और 790.59 करोड़ रुपये का अनपेड ब्याज बकाया है.

किस बैंक का कितना बकया?

  • यूनियन बैंक ऑफ इंडिया: 3,733.22 करोड़ रुपये.
  • बैंक ऑफ इंडिया: 1,121.09 करोड़ रुपये.
  • पंजाब नेशनल बैंक: 474.66 करोड़ रुपये.
  • स्टेट बैंक ऑफ इंडिया: 363.43 करोड़ रुपये.
  • यूको बैंक: 273.58 करोड़ रुपये.
  • पंजाब एंड सिंध बैंक: 184.82 करोड़ रुपये.
  • इंडियन ओवरसीज बैंक: 2,434.13 करोड़ रुपये.

MTNL पकर कुल कर्ज

MTNL का कुल वित्तीय कर्ज 34,484 करोड़ रुपये है, जिसमें बैंकों से लिए गए लोन, सॉवरेन गारंटीकृत बॉन्ड और टेलीकॉम विभाग (DoT) से लिए गए उधार शामिल हैं.

  • 8,585 करोड़ रुपये बैंक का कर्ज.
  • 24,071 करोड़ रुपये सॉवरेन गारंटीकृत बॉन्ड.
  • 1,828 करोड़ रुपये टेलीकॉम विभाग से उधार लिए गए ताकि उन बॉन्ड पर ब्याज चुकाया जा सके.

बढ़ गया वित्तीय संकट

कर्ज के भुगतान में चूक ने सरकारी टेलीकॉम कंपनी के लिए वित्तीय संकट बढ़ा दिया है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने कंपनी को पुनर्जीवित करने का बीड़ा उठाया है. 2019 से सरकार ने बीएसएनएल और एमटीएनएल में 3.22 लाख करोड़ रुपये की धनराशि डाली है. इसके अलावा, सरकार ने वित्तीय वर्ष 2026 में दोनों सरकारी टेलीकॉम कंपनियों में नकदी डालने और उनके कर्ज को कम करने के लिए 1,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई है.

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