नए रिकॉर्ड की ओर बढ़ रहा Nifty 50! ये 6 बड़े फैक्टर दे सकते हैं बाजार को रफ्तार; जानें डिटेल में

भारतीय शेयर बाजार इस हफ्ते एक बार फिर नई ऊंचाइयों को छूने की तैयारी में है. निफ्टी 50 पिछले हफ्ते रिकॉर्ड स्तर के करीब पहुंचा था और अब कई पॉजिटिव फैक्टर्स जैसे अमेरिकी फेड की संभावित रेट कट, भारत-अमेरिका ट्रेड डील में प्रगति, घटती एफआईआई बिकवाली, और मजबूत कॉर्पोरेट अर्निंग्स बाजार में तेजी का माहौल बना रहे हैं. इन सभी फैक्टर्स के बारे में विस्तार में जानें.

नए रिकॉर्ड की दिशा में जाएगा निफ्टी 50? Image Credit: @Canva/Money9live

Nifty 50 Riding For New Record: भारतीय शेयर बाजार इस हफ्ते एक बार फिर नए ऑल-टाइम हाई को छूने की दिशा में आगे बढ़ सकता है. Nifty 50 पिछले हफ्ते रिकॉर्ड लेवल के बेहद करीब पहुंच गया था, लेकिन हल्की मुनाफावसूली के चलते इसमें थोड़ी गिरावट देखने को मिली. अब कई पॉजिटिव ग्लोबल और डोमेस्टिक संकेत मिल रहे हैं, जो बाजार को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकते हैं. इनमें अमेरिकी फेड की संभावित ब्याज दरों में कटौती, FII की बिकवाली में कमी, मजबूत कॉर्पोरेट नतीजे और भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता में बेहतरी जैसे 6 प्रमुख फैक्टर शामिल हैं. आइए जानते हैं वे कौन-से फैक्टर्स हैं जो इस हफ्ते बाजार की दिशा तय कर सकते हैं.

फेड रेट कट की उम्मीदें

अमेरिका में जारी ताजा इन्फ्लेशन के आंकड़े उम्मीद से कम रहे हैं, जिससे यह अटकलें तेज हो गई हैं कि फेडरल रिजर्व अपनी बैठक (28 अक्टूबर से शुरू) में ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की कटौती कर सकता है. इसके बाद दिसंबर और जनवरी में भी और रेट कट की संभावना जताई जा रही है. अगर ऐसा होता है, तो इसका सीधा फायदा भारत जैसे उभरते बाजारों को मिलेगा. कम ब्याज दरों से विदेशी निवेशकों (FII) का रुझान बढ़ेगा और पूंजी प्रवाह में तेजी आएगी.

भारत-अमेरिका व्यापार समझौते में बेहतरी!

तमाम मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत और अमेरिका एक अहम व्यापारिक समझौते यानी ट्रेड डील के अंतिम चरण में हैं, जिससे निवेशकों का भरोसा बढ़ा है. हालांकि, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत किसी जल्दबाजी में ऐसा समझौता नहीं करेगा जो सीमित शर्तों से बंधा हो. अगर डील सफल रहती है, तो भारत के निर्यात पर लगने वाले 50 फीसदी टैरिफ में कमी आ सकती है. यह वही टैरिफ हैं जो अमेरिका ने रूस से तेल आयात के चलते प्रतिशोध में लगाए थे. वहीं, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया बयान में यह संकेत दिया गया है कि भारत अपने रूसी तेल आयात को घटा सकता है. यह भी समझौते के लिए एक पॉजिटिव सिग्नल है.

कच्चे तेल की नई चाल

हाल में अमेरिका और यूरोपीय यूनियन ने रूसी तेल कंपनियों पर नए प्रतिबंध लगाए हैं, जिसके बाद कच्चे तेल की कीमतों में करीब 5 फीसदी उछाल देखा गया. इससे ग्लोबल सप्लाई टाइट होने और महंगाई बढ़ने की चिंता बढ़ी है. भारतीय रिफाइनर अब इन प्रतिबंधों के अनुरूप रूसी तेल आयात में कटौती की तैयारी कर रहे हैं. इससे भले ही भारत-अमेरिका रिश्तों को मजबूती मिले, लेकिन बढ़ता आयात बिल और राजकोषीय घाटा सरकार के लिए चिंता का विषय बन सकता है.

अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता की उम्मीद

अगले सप्ताह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात तय है. इस मुलाकात से अमेरिका-चीन ट्रेड डील में प्रगति की उम्मीद है. माना जा रहा है कि अमेरिका इस बार थोड़ा नरम रुख अपना सकता है, क्योंकि चीन के पास रेयर अर्थ मिनरल्स और मैग्नेट्स के प्रोडक्शन में बड़ा रणनीतिक फायदा है, जो दुनिया की मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री के लिए बेहद जरूरी हैं.

मजबूत Q2 अर्निंग्स से उम्मीदें

दूसरी तिमाही (Q2 FY26) के कॉर्पोरेट नतीजे बाजार की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएंगे. अब तक के नतीजे उम्मीद से बेहतर रहे हैं. इस हफ्ते डिफेंस सेक्टर पर खास नजर रहेगी क्योंकि मजगांव डॉक और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड अपने नतीजे घोषित करेंगे. सरकारी ऑर्डर और नए कॉन्ट्रैक्ट्स पर निवेशकों की नजर रहेगी. निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स इस साल अब तक 26 फीसदी बढ़ चुका है. इसके अलावा कोटक महिंद्रा बैंक, पीएनबी हाउसिंग, IOC, कोल इंडिया, अडानी पावर, डाबर, DLF, ITC, मनप्पुरम फाइनेंस, BHEL और NTPC जैसी कंपनियों के नतीजे भी बाजार को दिशा देंगे.

FIIs और DIIs का रुख

लंबे समय से चल रही एफआईआई की बिकवाली में अब कमी देखी जा रही है. 24 अक्टूबर 2025 को विदेशी निवेशकों (FII) ने भारतीय शेयरों में 621 करोड़ रुपये की नेट खरीदारी की, जबकि घरेलू निवेशक (DII) ने 173 करोड़ रुपये की. अब तक 2025 में एफआईआई ने 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक की बिकवाली की है, वहीं डीआईआई ने 5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की खरीदारी की है, यानी घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने बाजार को मजबूती दी है. अगर एफआईआई का रुख सकारात्मक हुआ, तो बाजार में और तेजी देखी जा सकती है.

मौजूदा बाजार के हालात कैसे हैं?

शुक्रवार को शेयर बाजारों में मामूली गिरावट देखी गई, जब निवेशकों ने रिकॉर्ड हाई के करीब पहुंचने के बाद मुनाफा वसूला. सेंसेक्स 344.52 अंक गिरकर 84,211.88 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 0.37 फीसदी टूटकर 25,795.15 पर आ गया. निफ्टी बैंक इंडेक्स में 0.7 फीसदी की गिरावट आई, जबकि एफएमसीजी इंडेक्स 0.8 फीसदी फिसल गया. हिंदुस्तान यूनिलीवर और कोलगेट-पामोलिव जैसे दिग्गज शेयरों में क्रमशः 3.3 फीसदी और 2.1 फीसदी की गिरावट देखने को मिली.

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