23 सितंबर से बंद हो जाएगी इस कंपनी के शेयरों की ट्रेडिंग, क्या यह आपके पोर्टफोलियो में तो नहीं?

20 सितंबर को PEL ने स्टॉक एक्सचेंज (BSE और NSE) को बताया कि नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने इस मर्जर को मंजूरी दे दी है. मर्जर की प्रक्रिया 16 सितंबर से शुरू हो चुकी है. अब कंपनी इस विलय को पूरा करने के लिए कदम उठा रही है. 23 सितंबर के बाद PEL के शेयर ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध नहीं होंगे.

पिरामल एंटरप्राइजेज लिमिटेड Image Credit: Money 9

Piramal Enterprises Limited: पिरामल एंटरप्राइजेज लिमिटेड (PEL) ने पिरामल फाइनेंस लिमिटेड (PFL) के साथ अपने मर्जर के लिए 23 सितंबर 2025 को रिकॉर्ड डेट घोषित की है. इसका मतलब है कि इस तारीख से PEL के शेयरों की खरीद-बिक्री बंद हो जाएगी. जिन लोगों के पास उस दिन PEL के शेयर होंगे, उन्हें PFL के बराबर शेयर मिलेंगे. यह प्रक्रिया बहुत आसान है: अगर आपके पास PEL के 1 शेयर हैं, तो आपको PFL के 1 शेयर मिलेंगे.

मर्जर की प्रक्रिया

20 सितंबर को PEL ने स्टॉक एक्सचेंज (BSE और NSE) को बताया कि नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने इस मर्जर को मंजूरी दे दी है. मर्जर की प्रक्रिया 16 सितंबर से शुरू हो चुकी है. अब कंपनी इस विलय को पूरा करने के लिए कदम उठा रही है. 23 सितंबर के बाद PEL के शेयर ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध नहीं होंगे. इसके बाद, PEL के शेयरधारकों को PFL के नए शेयर दिए जाएंगे. जैसे ही यह प्रक्रिया पूरी होगी, PFL अपने शेयरों को स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट कराएगी, जिसके बाद आप इन शेयरों को खरीद-बिक्री कर सकेंगे.

1:1 शेयर स्वैप क्या है?

इस मर्जर में 1:1 शेयर स्वैप का नियम लागू है. यानी, आपके पास जितने PEL के शेयर हैं, उतने ही PFL के शेयर आपको मिलेंगे. उदाहरण के लिए, अगर आपके पास 100 PEL शेयर हैं, तो आपको 100 PFL शेयर मिलेंगे. यह प्रक्रिया निवेशकों के लिए आसान और पारदर्शी है.

मर्जर क्यों हो रहा है?

यह मर्जर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नियमों के कारण हो रहा है. RBI के नए नियमों के तहत, एक ही ग्रुप में दो NBFC-ICC (नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी-इनवेस्टमेंट एंड क्रेडिट कंपनी) नहीं हो सकतीं. PFL को NBFC-ICC के रूप में रजिस्टर किया गया है और इसे ऊपरी-स्तर (Upper Layer) NBFC माना गया है. RBI के नियमों के अनुसार, PFL को 30 सितंबर तक स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट होना जरूरी है. इस मर्जर से पिरामल ग्रुप की सारी फाइनेंशियल सर्विसेज एक कंपनी (PFL) के तहत आ जाएंगी.

निवेशकों के लिए फायदे

यह मर्जर निवेशकों के लिए कई फायदे लाएगा. एक कंपनी के तहत सारी फाइनेंशियल सर्विसेज होने से कंपनी ज्यादा प्रोडक्ट्स दे सकेगी, ग्राहकों को बेहतर सर्विस मिलेगी और कंपनी की कार्यक्षमता बढ़ेगी. इससे कंपनी की मुनाफे की क्षमता और शेयरधारकों के लिए मूल्य बढ़ेगा. यह मर्जर पिरामल ग्रुप के लिए एक बड़ा बदलाव है. पहले कंपनी कई तरह के बिजनेस में थी, लेकिन अब यह पूरी तरह से फाइनेंशियल सर्विसेज पर ध्यान देगी.

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डिस्क्लेमर: मनी9लाइव किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.