रेलवे की इस कंपनी को मिल रहा ऑर्डर पर ऑर्डर, महीने भर में 20 फीसदी उछला है ये शेयर

कंपनी को सेंट्रल वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन (CWC) से 37.99 करोड़ रुपये की राशि का ऑर्डर प्रॉप्त हुआ है. ये स्टॉक पिछले एक महीने में 20 फीसदी से अधिक उछल चुका है. पिछले एक साल में कंपनी के शेयर 46 फीसदी से अधिक चढ़े हैं.

रेलवे के इस कंपनी को मिला ऑर्डर. Image Credit: Getty image

रेलवे से जुड़ी कंपनी रेलटेल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया को एक बड़ा और महत्वपूर्ण ऑर्डर मिला है. कंपनी को सेंट्रल वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन (CWC) से 37.99 करोड़ रुपये की राशि का ऑर्डर प्रॉप्त हुआ है. सेंट्रल वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक्स सॉल्यूशन प्रदान करती है.

वर्क ऑर्डर

सोमवार को एक्सचेंज फाइलिंग में रेलटेल ने बताया कि उसे सेंट्रल वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन से 37,99,16,792 रुपये (टैक्स समेत) का वर्क ऑर्डर मिला है और काम को पूरा करने का लिए 16 मई 2025 की तारीख तय की गई है. इससे पहले 7 दिसंबर को नवरत्न पीएसयू को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन से 16.22 करोड़ रुपये का वर्क ऑर्डर मिला था.

रेलटेल के शेयर

बीते दिन बाजार में गिरावट के बावजूद रेलटेल के शेयर हरे निशान में बंद हए. रेलटेल के शेयर 0.03 फीसदी की मामूली तेजी के साथ 441.00 रुपये पर क्लोज हुए. हालांकि, रेलटेल के शेयरों में लगातार तेजी देखने को मिल रही है और ये स्टॉक पिछले एक महीने में 20 फीसदी से अधिक उछल चुका है. पिछले एक साल में कंपनी के शेयर 46 फीसदी से अधिक चढ़े हैं. लगातार मिल रहे वर्क ऑर्डर से स्टॉक की चाल पॉजिटिव ट्रैक पर नजर आ रही है.

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क्या करती है कंपनी?

रेलटेल को ‘मिनी रत्न (कैटेगरी-I)’ सेंट्रल पब्लिक सेक्टर के वेंचर के रूप में कैटेगराइज किया गया है. कंपनी इनफार्मेशन और कॉम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में काम करती है. यह भारत के सबसे बड़े न्यूट्रल टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर सर्विस प्रोवाइडर्स में से एक है, जो शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों दोनों को कवर करने वाले व्यापक ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क का दावा करती है.

26 सितंबर,2000 को स्थापित रेलटेल का मुख्य लक्ष्य मौजूदा टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर का आधुनिकीकरण करना है. विशेष रूप से ट्रेन नियंत्रण, ऑपरेशन और सुरक्षा सिस्टम को बढ़ाने पर काम करना है.

कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन

जून में समाप्त तिमाही (Q1FY25) के लिए कंपनी ने 49 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट दर्ज किया था, जो 39 करोड़ रुपये के नेट प्रॉफिट की तुलना में 25 फीसदी अधिक था. इसी अवधि के दौरान ऑपरेशनल रेवेन्यू में 19.3 फीसदी की वृद्धि हुई और यह 558 करोड़ हो गया था.