REITs और InvITs को जल्द मिल सकता है ‘इक्विटी’ का दर्जा, SEBI की बोर्ड मीटिंग में होगा फैसला : रिपोर्ट
REITs और InvITs को जल्द ही Equity का दर्जा मिल सकता है. इस मामले में वित्त मंत्रालय ने REITs और InvITs को इक्विटी का दर्जा दिए जाने के सुझाव पर सहमति जताई है. ऐसे में माना जा रहा है कि SEBI अपनी अगली बोर्ड बैठक में इस मसले पर फैसला ले सकता है.
रियल एस्टेट इनवेस्टमेंट ट्रस्ट्स (REITs) और इंफ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट ट्रस्ट्स (InvITs) को जल्द ही इक्विटी का दर्जा मिल सकता है. मनीकंट्रोल की की एक रिपोर्ट के मुताबिक यह मामला अब निर्णायक मोड़ पर है. क्योंकि, वित्त मंत्रालय ने इस कदम को समर्थन देते हुए भारतीय शेयर बाजार के नियामक SEBI को औपचारिक सहमति दे दी है. माना जा रहा है कि SEBI इस प्रस्ताव पर अपनी अगली बोर्ड मीटिंग में फैसला ले सकता है. सेबी की बैठक अगले दो महीनों के भीतर आयोजित होने की संभावना है.
क्या होगा इस बदलाव का असर?
फिलहाल, REITs और InvITs को हाइब्रिड इन्वेस्टमेंट क्लास में रखा गया है. इसकी वजह से म्यूचुअल फंड्स की तरफ से इनमें एक सीमा तक ही निवेश किया जा सकता है. अगर इन्हें इक्विटी के रूप में मान्यता दी जाती है, तो म्यूचुअल फंड्स की तरफ से इनमें व्यापक निवेश का रास्ता खुल जाएगा. SEBI ने पहले ही प्रस्ताव दिया था कि म्यूचुअल फंड स्कीम्स के लिए REITs और InvITs में निवेश की सीमा को मौजूदा 10% से बढ़ाकर 20% किया जाए. इससे जहां म्यूचुअल फंड्स को निवेश का नया मुकाम मिलेगा, वहीं इन इन्वेस्टमेंट क्लास में फंड बढ़ने से निवेशकों को भी फायदा मिलेगा.
आम निवेशक को क्या फायदा?
REITs और InvITs रेगुलर रिटर्न और कैपिटल एप्रिसिएशन देते हैं. इस तरह ये इक्विटी जैसी विशेषता रखते हैं. इसके अलावा ये ट्रस्ट अपनी आय का 90 फीसदी हिस्सा निवेशकों को डिविडेंड के रूप में वितरित करने के लिए बाध्य होते हैं. ऐसे में उन्हें इक्विटी का दर्जा मिलने से न केवल बड़े निवेशकों का आकर्षण बढ़ेगा, बल्कि खुदरा निवेशकों के लिए भी ये एक आकर्षक विकल्प बन सकते हैं.
कहां अटका है मामला?
इसे लेकर बाजार विशेषज्ञों की राय बंटी हुई है. कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि REITs और InvITs में नियमित आय की गारंटी और संरचनात्मक स्थिरता इन्हें ‘डायरेक्ट इक्विटी’ से अलग बनाती है, इसलिए इन्हें हाइब्रिड क्लास में ही रहना चाहिए. जबकि, दूसरी तरफ कई अर्थशास्त्री और निवेश सलाहकार मानते हैं कि इन्हें इक्विटी क्लास में लाने से अंतरराष्ट्रीय मानकों के मुताबिक सुधार होगा और निवेश का दायरा भी बढ़ेगा. बहरहाल, इस संबंध में SEBI के बोर्ड को अंतिम फैसला करना है. अगर सेबी इसे मंजूरी देता है, तो म्यूचुअल फंडों की तरफ से REITs और InvITs में निवेश बढ़ेगा, जिससे इन फंड में लिक्विडिटी बढ़ेगी और रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए यहां निवेश आकर्षक बनेगा.