SEBI ने फिर से बढ़ाई Intraday Limit, अब होगी कड़ी निगरानी, जानें क्या होगी नई लिमिट?
अगर कोई एंटिटी तय सीमा से ज्यादा पोजिशन लेती है तो स्टॉक एक्सचेंज उसके ट्रेडिंग पैटर्न की जांच करेगा. इसके लिए क्लाइंट से पोजीशन का कारण पूछा जाएगा और जरूरी होने पर SEBI को रिपोर्ट भी भेजी जाएगी. खासतौर पर Expiry Day पर अगर लिमिट तोड़ी गई, तो उस पर पेनाल्टी या अतिरिक्त सर्विलांस डिपॉजिट लग सकता है.
SEBI New Rule For Intraday: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने इंडेक्स ऑप्शंस ट्रेडिंग में इंट्राडे लिमिट्स को दोबारा लागू करने का फैसला किया है. नए नियम 1 अक्टूबर 2025 से लागू होंगे. इसका उद्देश्य है कि बाजार में लिक्विडिटी बनी रहे और ट्रेडर्स को सुविधा मिले, लेकिन साथ ही ज्यादा बड़े दांव लगाने से पैदा होने वाले खतरे पर रोक भी लगाई जा सके.
नई लिमिट्स क्या होंगी?
SEBI के सर्कुलर के अनुसार अब प्रति एंटिटी Net Intraday Position (फ्यूचर्स इक्विवैलेंट आधार पर) 5,000 करोड़ रुपये तक और Gross Intraday Position 10,000 करोड़ रुपये तक हो सकेगी. यह मौजूदा End-of-Day Net Cap (1,500 करोड़ रुपये) से काफी अधिक है. यानी ट्रेडर्स को दिनभर के दौरान पोजीशन लेने में ज्यादा लचीलापन मिलेगा, लेकिन इन पर निगरानी कड़ी होगी.
निगरानी कैसे होगी?
स्टॉक एक्सचेंजेस को ट्रेडिंग सेशन के दौरान कम से कम चार बार रैंडम चेक करना होगा. इनमें से एक स्नैपशॉट दोपहर 2:45 बजे से 3:30 बजे के बीच जरूर लिया जाएगा, क्योंकि इस दौरान बाजार में सबसे ज्यादा उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है. पोजिशन की जांच करते समय उस समय के इंडेक्स प्राइस को भी ध्यान में रखा जाएगा, ताकि स्थिति का वास्तविक आकलन हो सके.
लिमिट तोड़ने पर क्या होगा?
अगर कोई एंटिटी तय सीमा से ज्यादा पोजिशन लेती है तो स्टॉक एक्सचेंज उसके ट्रेडिंग पैटर्न की जांच करेगा. इसके लिए क्लाइंट से पोजीशन का कारण पूछा जाएगा और जरूरी होने पर SEBI को रिपोर्ट भी भेजी जाएगी. खासतौर पर Expiry Day पर अगर लिमिट तोड़ी गई, तो उस पर पेनाल्टी या अतिरिक्त सर्विलांस डिपॉजिट लग सकता है.
क्यों उठाया गया यह कदम?
पिछले कुछ समय में देखा गया कि कई बड़े खिलाड़ी एक्सपायरी डे पर बहुत बड़े दांव लगाकर बाजार में अस्थिरता पैदा कर रहे थे. इस तरह की घटनाओं से बाजार की स्थिरता और भरोसे पर असर पड़ता है. खासकर Jane Street Group से जुड़े विवाद के बाद SEBI और सतर्क हो गया और इस नई व्यवस्था को लागू किया है.
असली ट्रेडिंग पर असर नहीं
SEBI ने साफ किया है कि इन नियमों का उद्देश्य मार्केट मेकिंग या हेजिंग एक्टिविटी रोकना नहीं है. अगर किसी पोजिशन के पीछे सिक्योरिटीज या कैश कोलेटरल है, तो ट्रेडर्स को अतिरिक्त एक्सपोजर की अनुमति होगी. यानी मार्केट मेकर्स और लिक्विडिटी प्रोवाइडर्स बिना परेशानी अपना काम जारी रख सकेंगे.
आगे की तैयारी
SEBI ने स्टॉक एक्सचेंज और क्लियरिंग कॉरपोरेशन्स को निर्देश दिया है कि वे अगले 15 दिनों के भीतर एक Standard Operating Procedure (SOP) तैयार करें और इसे मार्केट पार्टिसिपेंट्स के साथ साझा करें. साथ ही, जरूरी बदलाव अपने सिस्टम और बायलॉज में भी करें ताकि नए नियमों को लागू किया जा सके.
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कब लागू होंगे नियम?
- नए Intraday Monitoring Norms: 1 अक्टूबर 2025 से लागू होंगे.
- Expiry Day Penalty Provisions: 6 दिसंबर 2025 से लागू होंगे.
डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.