₹15 लाख तक सैलरी से कमाई, जानें कौन सी टैक्स रिजीम बेहतर, 15 सितंबर आखिरी मौका, ये है फॉर्मूला
फाइनेंशियल वर्ष 2024-25 के लिए ITR फाइल करने की अंतिम तारीख नजदीक है. वेतनभोगी टैक्सपेयर्स के लिए पुरानी या नई टैक्स रिजीम का चयन करना चुनौतीपूर्ण है. आय और कटौती के आधार पर सही रिजीम चुनने के लिए इनकम टैक्स कैलकुलेटर मददगार है. ITAT के हालिया आदेश के अनुसार, 7 लाख से कम आय पर सेक्शन 87A के तहत LTCG/STCG पर रिबेट मिल सकता है.

Which Tax Regime is Better: फाइनेंशियल वर्ष 2024-25 (असेसमेंट ईयर 2025-26) के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की आखिरी तारीख 15 सितंबर है. वेतनभोगी टैक्सपेयर्स के बीच यह सवाल बहुत आम है कि ITR फाइल करते समय ओल्ड टैक्स रिजीम (Old Tax Regime) और न्यू टैक्स रिजीम (New Tax Regime) में किसका चयन बेहतर होगा. अगर आपकी की कमाई 15 लाख रुपये तक है और रिबेट 4.58 लाख रुपये से अधिक हो तो आपको ऑल्ड टैक्स रिजीम का चयन करना चाहिए. साथ ही हाल ही में ITAT (INCOME TAX APPELLATE TRIBUNAL) ने आदेश दिया कि यदि कुल आय 7 लाख रुपये से कम है, तो 87A के तहत टैक्स LTCG और STCG पर रिबेट लागू होनी चाहिए. इससे पहले यह रिबेट सिर्फ STCG पर रिबेट मिलता था.
कैसे करें टैक्स रिजीम का चयन?
जब भी इस तरह के संशय फंसे कि किस टैक्स रिजीम के चयन आपके लिए बेहतर होगा, तो सबसे पहले, इनकम टैक्स कैलकुलेटर का उपयोग करें. यह सबसे आसान तरीका है. इससे ये पता चल सकेगा कि कौन-सी व्यवस्था टैक्स बचाने में बेहतर है. यदि आपकी कुल आय 7.75 लाख रुपये तक है, तो न्यू टैक्स रिजीम बेहतर है क्योंकि इसमें सेक्शन 87A के तहत 25,000 रुपये का टैक्स रिबेट ले सकते हैं. साथ ही वित्त वर्ष 2024-25 के लिए न्यू टैक्स रिजीम का चयन करने वाले टैक्सपेयर्स को 75,000 रुपये का रिबेट और ओल्ड टैक्स रिजीम का चुनाव करने वाले को 50,000 रुपये का रिबेट मिलता है.
सेक्शन 87A रिबेट और कैपिटल गेन पर संशय
सेक्शन 87A के तहत मिलने वाला टैक्स रिबेट लॉन्ग-टर्म और शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेंस (LTCG/STCG) पर लागू होता है या नहीं, यह विवादास्पद है. हाल ही में ITAT के आदेशों में यह कहा गया है कि यदि कुल आय 7 लाख रुपये से कम है, तो LTCG और STCG पर भी यह रिबेट लागू होनी चाहिए. लेकिन फिलहाल आईटीआर फाइलिंग पोर्टल में यह सुविधा उपलब्ध नहीं है.
यह भी पढ़ें: अब लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर भी मिलेगी ये स्पेशल छूट, ITAT का अहम फैसला, टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत
वेतन सीमा और कटौती के आधार पर विकल्प
किस लिमिट तक कमाई और कटौती करने वाले टैक्सपेयर्स को किस टैक्स रिजीम का चयन करना फायदेमंद होगा.
- 8 लाख सैलरी – ओल्ड टैक्स रिजीम तभी बेहतर जब कुल कटौती 2.5 लाख रुपये से अधिक हो.
- 9 लाख सैलरी – कटौती 3 लाख रुपये से अधिक हो तो ओल्ड टैक्स रिजीम बेहतर है.
- 10 लाख सैलरी – कटौती 3.5 लाख रुपये से ऊपर हो तो ओल्ड टैक्स रिजीम अपनाएं है.
- 12 लाख सैलरी – कटौती 4.18 लाख रुपये से अधिक हो तो ओल्ड टैक्स रिजीम उपयुक्त है.
- 15 लाख सैलरी – कटौती 4.58 लाख रुपये से ऊपर हो तो ओल्ड टैक्स रिजीम बेहतर है.
सालाना 15 लाख रुपये से अधिक वेतन पाने वाले टैक्सपेयर्स भी इनकम टैक्स कैलकुलेटर का इस्तेमाल करके यह पता लगा सकते हैं कि उनके लिए कौन सी व्यवस्था बेहतर है.
ITR फॉर्म के प्रकार
वेतनभोगी कर्मचारी आईटीआर फाइल करते समय विभिन्न फॉर्म में से अपनी कमाई के हिसाब से उचित फॉर्म चुन सकते हैं. जैसे कि ITR-1 (सहज) सामान्य वेतनभोगियों के लिए है, जबकि ITR-2 और ITR-3 उन लोगों के लिए हैं जिनकी आमदनी का स्रोत और स्थिति अलग-अलग है. ITR फॉर्म में न्यू टैक्स रिजीम डिफॉल्ट होती है, लेकिन वेतनभोगी कभी भी पुरानी व्यवस्था का चुनाव कर सकते हैं.
यह भी पढ़ें: शादी में मिले गिफ्ट्स पर टैक्स के नियम, कौन से तोहफे टैक्स-फ्री और किन पर लगेगा टैक्स?
Latest Stories

अब ATM की तरह होगा ड्राइविंग लाइसेंस, देने होंगे ये 25 खास इंफॉर्मेशन, जानें पुराने कार्ड से कैसे होगा अलग

PNB और BOI ने दी लोन लेने वालों को राहत, MCLR दरों में कटौती, कम होगी EMI

शादी में मिले गिफ्ट्स पर टैक्स के नियम, कौन से तोहफे टैक्स-फ्री और किन पर लगेगा टैक्स?
