महंगी इलेक्ट्रिक कारों पर बढ़ेगा GST! Tesla-BYD-Mercedes चपेट में; टाटा, महिंद्रा, मारुति को सीधा फायदा
भारत की टैक्स पैनल कमेटी ने 46,000 डॉलर से महंगी इलेक्ट्रिक कारों पर टैक्स बढ़ाने का सुझाव दिया है. अगर प्रस्ताव लागू होता है तो Tesla, Mercedes-Benz, BMW और BYD जैसी विदेशी कंपनियों की बिक्री पर सीधा असर पड़ेगा, जबकि Tata Motors और Mahindra पर सीमित असर होगा. जानें डिटेल में.

GST Council Higher Tax on Luxury Vehicles: टैक्स पैनल कमेटी ने सुझाव दिया है कि महंगी इलेक्ट्रिक कारों (जिनकी कीमत 46,000 डॉलर यानी करीब 38 लाख रुपये से ज्यादा है) पर टैक्स बढ़ाया जाए. कमेटी की ओर से सुझाया गया ये प्रस्ताव अगर लागू होता है तब इसकी चपेट में सबसे पहले Tesla, Mercedes-Benz, BMW और BYD जैसी विदेशी कंपनियों की बिक्री आएंगी. इन लग्जरी कारों पर इसका सीधा असर पड़ सकता है. चूंकि भारतीय ऑटो कंपनियां जैसे टाटा, महिंद्रा और मारुति इतनी महंगी गाड़ियां नहीं बनाती, इसलिए इस नए जीएसटी प्रस्ताव का असर इनपर ज्यादा नहीं पडे़गा.
टैक्स सुधार और घरेलू उत्पादों को बढ़ावा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोकस इस समय टैक्स सिस्टम में सुधार करने और घरेलू प्रोडक्ट्स की खपत बढ़ाने पर है. अमेरिका के साथ व्यापारिक रिश्तों में हाल के तनाव और ऊंचे आयात शुल्क को देखते हुए, सरकार चाहती है कि भारतीय ग्राहक ज्यादा से ज्यादा देश में बनी चीजें खरीदें. इसी वजह से सरकार ने कई प्रोडक्ट्स जैसे शैंपू, इलेक्ट्रॉनिक्स और रोजमर्रा की चीजों पर GST में कटौती का प्रस्ताव रखा है. रायटर्स की एक रिपोर्ट में ये बात सामने आई है कि कमेटी महंगी गाड़ियों पर टैक्स बढ़ाने पर विचार कर रही है.
EVs पर नया टैक्स ढांचा
अभी तक इलेक्ट्रिक कारों पर 5 फीसदी GST लगता है. लेकिन पैनल ने सिफारिश की है कि:
- 20–40 लाख रुपये (यानी $23,000 से $46,000) तक की इलेक्ट्रिक कारों पर टैक्स 5 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी कर दिया जाए.
- 46,000 डॉलर से ज्यादा कीमत वाली कारों पर टैक्स 28 फीसदी किया जाए, क्योंकि ये कारें “अमीर वर्ग” के लिए मानी जाती हैं और ज्यादातर इंपोर्टेड होती हैं, न कि भारत में बनी.
हालांकि, मोदी सरकार ने पहले ही 28 फीसदी टैक्स स्लैब को हटाने का फैसला किया है. ऐसे में GST काउंसिल के पास दो विकल्प होंगे:
- EVs को 18 फीसदी टैक्स कैटेगरी में डालना
- या फिर उन्हें लग्जरी गुड्स के लिए बनाई गई नई 40 फीसदी टैक्स कैटेगरी में रखना
GST काउंसिल की बैठक
GST काउंसिल, जिसमें केंद्रीय वित्त मंत्री और सभी राज्यों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं, इस प्रस्ताव पर 3 और 4 सितंबर को चर्चा करेगी. अंतिम फैसला इसी काउंसिल के हाथ में है. हालांकि, कमेटी की ओर से जैसे ही ये खबर सामने आई, स्टॉक मार्केट में निफ्टी ऑटो इंडेक्स में गिरावट आ गई. इनमें-
- Mahindra & Mahindra के शेयर 2.44 फीसदी तक गिर कर 3234 रुपये पर आ गए.
- Tata Motors में भी 0.83 फीसदी की मामूली गिरावट दिखी जिसके बाद उसके शेयर 684 रुपये पर आ गए.
भारत का EV मार्केट
अभी भारत में इलेक्ट्रिक कारों का हिस्सा कुल कार बिक्री का केवल 5 फीसदी है (अप्रैल से जुलाई 2025 तक). लेकिन ग्रोथ तेज है. इस दौरान EV कारों की बिक्री 93 फीसदी बढ़कर 15,500 यूनिट्स तक पहुंची. दस्तावेज में कहा गया है कि इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की बिक्री लगातार बढ़ रही है. 5 फीसदी टैक्स दर का मकसद EV अपनाने को बढ़ावा देना था, लेकिन यह भी जरूरी है कि महंगे EVs पर ज्यादा टैक्स लगाकर एक संतुलन बनाया जाए. इसका असर कंपनियों पर भी होगा.
- घरेलू कंपनियां (Tata Motors, Mahindra): इनका महंगे सेगमेंट में ऑफर लिमिटेड है, इसलिए ज्यादा असर नहीं होगा.
- विदेशी कंपनियां (Tesla, Mercedes, BMW, BYD): सबसे ज्यादा नुकसान इन्हें होगा.
एलन मस्क और टेस्ला भी आएंगे चपेट में!
Tesla ने हाल ही में भारत में अपना Model Y लॉन्च किया है जिसकी शुरुआती कीमत $65,000 (करीब 52 लाख रुपये) है. Mercedes-Benz, BMW और BYD भी भारत में लग्जरी EV बेच रही हैं. इससे इतर, Tesla ने भारत में दो शोरूम भी खोले हैं. हालांकि, Elon Musk लंबे समय से भारत में 100 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी की आलोचना करते रहे हैं. इन टैक्स पर GST भी ऊपर से जुड़ जाता है, जिससे Tesla जैसी गाड़ियों की कीमत और ज्यादा बढ़ जाती है.
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