Swiggy vs Zomato: कौन सा शेयर कराएगा बंपर कमाई, किस स्टॉक पर दांव लगाना बेस्ट? जानें- एक्सपर्ट की सलाह
Swiggy vs Zomato: दोनों ही काउंटर्स पर निवेशकों की नजर लगातार बनी रहती है. फड डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी और इटरनल को अब ग्राहकों से लिए जाने वाले डिलीवरी शुल्क पर 18 फीसदी गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) देना होगा. ऐसे में आइए जानते हैं कि दोनों ही शेयरों पर एक्सपर्ट्स की राय क्या है.
Swiggy vs Zomato: देश की दो फूड डिलीवरी और क्विक कॉर्मस सेगमेंट में कारोबार करने वाली कंपनियां इटरनल (जोमैटो) और स्विगी के शेयरों में शुक्रवार 5 सितंबर को तेजी देखने को मिल रही है. दोनों ही शेयर ऐसे, जो काफी सुर्खियों में रहते हैं. दोनों ही काउंटर्स पर निवेशकों की नजर लगातार बनी रहती है. फड डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी और इटरनल को अब ग्राहकों से लिए जाने वाले डिलीवरी शुल्क पर 18 फीसदी गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) देना होगा. ऐसे में आइए जानते हैं कि दोनों ही शेयरों पर एक्सपर्ट्स की राय क्या है और कौन से शेयर निवेशकों को आने वाले दिनों में बंपर कमाई कराने वाले साबित होंगे.
अतिरिक्त टैक्स का बोझ
रिपोर्ट्स के अनुसार, दोनों कंपनियां अपने मार्जिन की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त टैक्स का बोझ ग्राहकों पर डालने के विकल्प पर विचार कर रही हैं. यह उद्योग जगत की एक आम ट्रेंड का फॉलो करना होगा, जहां प्लेटफॉर्म ऐतिहासिक रूप से अलग-अलग तरह के शुल्कों के लिए यूजर्स पर शुल्क लगाते रहे हैं.
चुनौतियों का सामना कर रही हैं कंपनियां
हाल के दिनों में दोनों ही कंपनियों को कोई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ा है. कमजोर कंज्यूमर्स ट्रेंड व्यापक आर्थिक चुनौतियों के कारण फ़ूड डिलीवरी की ग्रोथ धीमी रही है, जबकि क्विक कॉमर्स का मुनाफा, बढ़ती प्रतिस्पर्धा, तेजी से बढ़ते स्टोर विस्तार और बढ़ती ग्राहक अधिग्रहण लागत के कारण दबाव में रहा है. हालांकि, जानकारों का मानना है कि त्योहारी सीजन की मांग और जीएसटी में हुए बदलाव से सुधार होने की उम्मीद है.
स्विगी के शेयर का प्राइस टारगेट
GoaLFI के वरुण एन जोशी ने स्विगी शेयर पर पॉजिटिव नजरिया दिया है. उन्होंने कहा कि स्विगी एक अच्छा ब्रेकाउट दे रहा है और लॉन्ग टर्म मूविंग एवरेज से यानी एक बड़े टाइम फ्रेम पर एक बड़ा ब्रेकआउट दिख रहा है. अगर कोई निवेशक स्टॉक पर शॉर्ट टू मिडिमय के लिए निवेश कर रहे हैं, तो 505 रुपये की क्लोजिंग बेस पर होल्ड कर सकते हैं.
अगर किसी का मीडियम टू लॉन्ग नजरिया है, तो वो स्टॉप लॉस लेवल 385 रुपये है. अगर स्टॉक यहां से नीचे आता है, तो खरीदारी कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि स्विगी पर पहला टारगेट 485 रुपये का है और दूसरा टारगेट 550 रुपये का रहेगा.
जोमैटो शेयर प्राइस टारगेट
Choice Broking के कुणाल परार ने इटरनल (जोमैटो) पर पॉजिटिव हैं. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में जोमैटो के शेयर में तेजी आ सकती है. शेयर 380 रुपये के लेवल तक स्टॉक जा सकता है. इसलिए नजरिया पॉजिटिव है.
वरुण एन जोशी ने जोमैटो पर कहा कि मौजूदा लेवल से यह शेयर 400 से 450 रुपये के टारगेट हिट कर सकते हैं. 6 से 8 महीने के भीतर यह तेजी देखने को मिल सकती है.
इटरनल के शेयर अपने ऑल टाइम हाई लेवल के करीब कारोबार कर रहे हैं, जबकि स्विगी के शेयर अपने लिस्टिंग के बाद के हाई लेवल 617 रुपये से 32 फीसदी नीचे हैं.
वित्तीय प्रदर्शन
स्विगी ने वित्त वर्ष 2025-26 (वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही) की पहली तिमाही के लिए व्यापक नेट लॉस रिपोर्ट किया था. जून 2025 को समाप्त तिमाही में स्विगी का कंसोलिडेटेड नेट लॉस 1,197 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वर्ष इसी अवधि में दर्ज 611 करोड़ रुपये से काफी अधिक है.
इटरनल ने बताया था कि जून तिमाही में उसका कंसोलिडेट नेट प्रॉफिट 90 फीसदी घटकर 25 करोड़ रह गया, जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में यह 253 करोड़ रुपये था. वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में ऑपरेशनल रेवेन्यू 7,167 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही के 4,206 करोड़ रुपये से 70.4 फीसदी अधिक है.
डिस्क्लेमर: मनी9लाइव किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.