इस केमिकल कंपनी को मिला ऐंटी कैंसर कंपाउंड्स के लिए US पेटेंट, 17% तक भागा शेयर, 40% डिस्काउंट पर कर रहा ट्रेड

अमेरिका में कैंसर संबंधित नए केमिकल कंपाउंड्स पर पेटेंट मिलने के बाद गोदावरी बायोरेफाइनरीज लिमिटेड (Godavari Biorefineries) के स्टॉक में जबरदस्त तेजी आई. इसके शेयर शुक्रवार को 17 प्रतिशत तक उछल गए. हालांकि, बाद में यह 2.5 प्रतिशत की तेजी पर बंद हुआ.

Godavari Biorefineries Image Credit: canva

केमिकल सेक्टर की कंपनी गोदावरी बायोरेफाइनरीज लिमिटेड (Godavari Biorefineries) के शेयर में शुक्रवार को तेज उछाल देखने को मिला. कंपनी को अमेरिका में कैंसर के इलाज से जुड़े नए केमिकल कंपाउंड्स को लेकर पेटेंट मिलने की खबर के बाद शेयर में लगभग 17 प्रतिशत तक का उछल आया. यह पेटेंट उन नई दवाओं पर आधारित है जो स्तन और प्रोस्टेट कैंसर में पाए जाने वाले कैंसर स्टेम सेल्स की अनियंत्रित वृद्धि को रोकने में सक्षम मानी जा रही हैं. ट्रेडिंग के दौरान कंपनी का शेयर 239.75 रुपये के पिछले क्लोजिंग लेवल से बढ़कर 280.85 रुपये प्रति शेयर के दिन के हाईस्ट लेवल तक पहुंच गया. हालांकि बाद में 2.57% की तेजी के साथ 245.90 रुपये पर बंद हुआ. कंपनी का वर्तमान मार्केट कैपिटल ₹1,258 करोड़ है.

कंपनी ने क्या बताया

कंपनी ने फाइलिंग में बताया है कि अमेरिका में “अनियंत्रित सेल ग्रोथ की रोकथाम से जुड़े कंपाउंड्स” पर आधारित पेटेंट को आधिकारिक मंजूरी मिल गई है. पेटेंट में इन कम्पाउंड्स की खोज, उन्हें बनाने की विधि और कैंसर सेल वृद्धि पर रोक संबंधी क्षमता शामिल है. अब कंपनी को अमेरिका में इन दवाओं को उपयोग, प्रोडक्शन और डेलवपमेंट करने के विशेषाधिकार मिल गए हैं. इससे कंपनी की ऑन्कोलॉजी (कैंसर रिसर्च) क्षेत्र में क्षमता को मजबूती मिलेगी और भविष्य में कैंसर उपचार से जुड़े इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा.

कंपनी के बारे में

कंपनी का इतिहास लगभग आठ दशक पुराना है. 1939 में गोडॉवरी शुगर मिल्स के रूप में शुरू हुई यह कंपनी 2009 में डिमर्जर के बाद बायोरेफाइनरी मॉडल पर काम करने लगी. यह सोमैया ग्रुप का हिस्सा है और चीनी, एथेनॉल, बायो-बेस्ड केमिकल और पावर प्रोडक्शन में अग्रणी है. कंपनी के संयंत्र कर्नाटक के समीेरवाड़ी और महाराष्ट्र के सकरवाड़ी में स्थित हैं. इसके कंज्यूमर ब्रांड “जीवना” के माध्यम से चीनी, नमक और हल्दी देशभर में बेचे जाते हैं.

फायनेंशियल हेल्थ

फायनेंशियल हेल्थ की बात करें तो कंपनी की आय में हाल ही में सुधार देखने को मिला है. Q2 FY25 के 321 करोड़ रुपये की तुलना में Q2 FY26 में रेवेन्यू 431 करोड़ रुपये रहा, यानी लगभग 34 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई. वहीं शुद्ध घाटा Q2 FY25 के 75 करोड़ रुपये से घटकर Q2 FY26 में 42 करोड़ रुपये रह गया है. पिछले पांच वर्षों में राजस्व वृद्धि CAGR लगभग 5 प्रतिशत रही है. कंपनी का ROCE 5.79 प्रतिशत और ROE -3.79 प्रतिशत दर्ज है. प्रति शेयर आय (EPS) 3.92 रुपये और डेट-टू-इक्विटी अनुपात 0.68x है.

शेयर का हाल

इसके शेयर अपने 52 वीक के हाई 408.25 रुपये से करीब 41 प्रतिशत नीचे यानी डिस्काउंट पर 245.90 रुपये पर ट्रेड कर रहा है. पिछले एक साल में इस शेयर ने निराशाजनक प्रदर्शन किया है और यह 35 प्रतिशत गिरा है.

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