डीमर्जर, कर्ज के बीच भी पैसे की बारिश करेगी Vedanta, चेयरमैन ने कहा- “डिविडेंड मेरे खून में”; 5 साल का ब्योरा है दमदार
कुछ कंपनियां शेयर भाव से ज्यादा अपनी नकद कमाई के लिए जानी जाती हैं. बीते वर्षों के आंकड़े बताते हैं कि एक बड़े कॉरपोरेट बदलाव के दौर में भी एक कंपनी ने निवेशकों को नियमित रिटर्न देना जारी रखा. यही वजह है कि शेयर बाजार में इस नाम पर फिर चर्चा तेज है.
शेयर बाजार में जब भी किसी कंपनी के भरोसेमंद डिविडेंड की बात होती है, तो Vedanta Limited का नाम सबसे पहले लिया जाता है. कंपनी का कहना है कि बीते कुछ वर्षों में भारी उतार-चढ़ाव, कर्ज को लेकर सवाल और अब प्रस्तावित डीमर्जर, इन सबके बीच भी कंपनी ने डिविडेंड देने में कोई ब्रेक नहीं लगाया. इसी भरोसे को और मजबूत करते हुए वेदांता ग्रुप के चेयरमैन Anil Agarwal ने साफ कहा है कि “डिविडेंड मेरे खून में है”, और डीमर्जर के बाद भी शेयरधारकों को नियमित नकद रिटर्न मिलता रहेगा.
डीमर्जर के बाद भी डिविडेंड पर भरोसा
हाल ही में National Company Law Tribunal (NCLT) ने वेदांता के डीमर्जर प्लान को मंजूरी दी है. इस योजना के तहत वेदांता को पांच अलग-अलग लिस्टेड कंपनियों में बांटा जाएगा. मौजूदा वेदांता लिमिटेड के शेयरधारकों को हर नई कंपनी में एक-एक शेयर मिलेगा. बाजार के नजरिए से यह खबर इसलिए अहम है, क्योंकि डीमर्जर के बाद भी कंपनी समूह की डिविडेंड नीति में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा.
अनिल अग्रवाल का कहना है कि चाहे बिजनेस का स्ट्रक्चर बदले या कैपेक्स बढ़े, डिविडेंड भुगतान जारी रहेगा. यही वजह है कि वेदांता को आज भी भारत के सबसे ज्यादा डिविडेंड यील्ड देने वाले बड़े शेयरों में गिना जाता है.
बीते पांच साल की डिविडेंड हिस्ट्री क्या कहती है
अगर बीते पांच साल के आंकड़ों पर नजर डालें, तो साफ दिखता है कि वेदांता ने लगातार इंटरिम डिविडेंड दिए हैं. साल 2020 से लेकर 2025-26 तक कंपनी ने कई बार शेयरधारकों को नकद रिटर्न दिया.
FY 2023-24 में कंपनी ने कुल 29.50 रुपये प्रति शेयर का डिविडेंड दिया, जबकि FY 2024-25 में यह आंकड़ा करीब 46 रुपये प्रति शेयर तक पहुंच गया. चालू वित्त वर्ष 2025-26 में भी अब तक 7 रुपये और 16 रुपये प्रति शेयर के दो इंटरिम डिविडेंड घोषित किए जा चुके हैं. इससे यह संकेत मिलता है कि कंपनी की कैश फ्लो पोजीशन अभी भी मजबूत है.
शेयर बाजार के लिए क्या है संकेत
स्टॉक मार्केट के लिहाज से वेदांता का मामला खास है. आमतौर पर जब कंपनियां बड़े डीमर्जर या भारी निवेश योजनाओं की घोषणा करती हैं, तो डिविडेंड पर असर पड़ता है. बीते कारोबारी दिन कंपनी के स्टॉक 581 रुपये पर बंद हुए. वहीं 5 वर्षों में इसने 294 फीसदी के लगभग का रिटर्न दिया है.
यह ध्यान रखना जरूरी है कि डीमर्जर के बाद हर नई कंपनी की डिविडेंड क्षमता उसके कैश फ्लो और मुनाफे पर निर्भर करेगी. फिर भी, मैनेजमेंट का रुख यह संकेत देता है कि शेयरधारकों को केवल ग्रोथ स्टोरी नहीं, बल्कि नियमित नकद रिटर्न भी मिलता रहेगा.
डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.